310 नए पशु चिकित्सालय भवन निर्माण को मिली स्वीकृति, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बड़ी पहल

राजस्थान में पशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर 38 जिलों में 310 नए पशु चिकित्सालय भवनों के निर्माण हेतु 144.15 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। ग्रामीण विकास निधि के तहत 2029 तक सभी भवनों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
राजस्थान में पशु चिकित्सा सेवाओं को मिलेगा बड़ा संबल :

राजस्थान सरकार ने राज्य की पशु चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की सार्थक पहल और पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत के प्रभावी निर्देशन में प्रदेश के 38 जिलों में कुल 310 नए पशु चिकित्सालय भवनों का निर्माण कराने के लिए 144 करोड़ 15 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रदेश की पशु चिकित्सालयों में आधारभूत संरचनाओं के साथ राज्य की पशु चिकित्सा व्यवस्था के समग्र रूप से सुदृढीकरण के लिए निरंतर रूप से प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़़ी में राजस्थान सरकार ने राज्य के 310 पशु चिकित्सालयों के नए भवनों के निर्माण के लिए 144 करोड़ 15 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है।
इस निर्णय के साथ राज्य सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पशुधन संरक्षण और पशुपालकों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
सरकार ने जारी की निर्माण कार्य प्रारंभ करने की अनुमति :
राज्य सरकार ने इन भवनों के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। प्रत्येक नए पशु चिकित्सालय भवन के लिए 46.50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। सरकार का मानना है कि यदि पशु चिकित्सालयों की आधारभूत संरचना मजबूत होगी, तो पशु स्वास्थ्य सेवाएं अधिक प्रभावी, सुगम और वैज्ञानिक होंगी।
किन जिलों में होंगे 310 नए पशु चिकित्सालय?

राजस्थान सरकार द्वारा जारी स्वीकृति के अनुसार निम्न जिलों में नए पशु चिकित्सालय भवन बनाए जाएंगे—
अजमेर, अलवर, बालोतरा, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, ब्यावर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, डीग-भरतपुर, डूंगरपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, खैरथल-तिजारा, कोटा, कोटपूतली-बहरोड़, कुचामन सिटी, नागौर, पाली, फलौदी, प्रतापगढ़, राजसमंद, सलूंबर, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, टोंक और उदयपुर।
इन सभी जिलों में कुल 144.15 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है।
2029 तक पूरा होगा काम – ग्रामीण विकास निधि से मिल रहा सहयोग :
पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बताया कि ग्रामीण विकास निधि के तहत वर्ष 31 मार्च 2029 तक सभी निर्माण कार्य पूरे किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस निधि की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच आसान होगी और पशुपालन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
जिलावार स्वीकृत पशु चिकित्सालयों की संख्या :
पशुपालन मंत्री द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, जिलों में स्वीकृत भवनों की संख्या इस प्रकार है—
जयपुर – 26 , भीलवाड़ा – 18, पाली – 18 , नागौर – 18 , झुंझुनूं – 17 , जोधपुर – 16 , चित्तौड़गढ़ – 14 , कोटपूतली-बहरोड़ – 11 , बीकानेर – 11 , सीकर – 11 , अलवर – 10 , बांसवाड़ा – 10 , चूरू – 10 , टोंक – 9 , उदयपुर – 9 , अजमेर – 7 , दौसा – 7 , जालौर – 7 , बालोतरा – 7 , बाड़मेर – 6 , डीग – 6 , कोटा – 6 , खैरथल-तिजारा – 6 , कुचामन – 6 , डूंगरपुर – 5 , प्रतापगढ़ – 4 , सवाईमाधोपुर – 4 , बारां – 3 , भरतपुर – 3 , बूंदी – 3 , जैसलमेर – 3, झालावाड़ – 3 , फलौदी – 3 , सिरोही – 3 , ब्यावर – 2 , करौली – 2 , राजसमंद – 2 , सलूंबर – 2 , श्रीगंगानगर – 2
पशुपालकों को मिलेगा बड़ा लाभ :
इन 310 नए भवनों के निर्माण से—
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पशुपालकों को समय पर उपचार मिलेगा
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दवाओं और टीकाकरण जैसी सेवाएं बेहतर होंगी
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आधुनिक उपकरणों के साथ वैज्ञानिक पशु उपचार की सुविधा बढ़ेगी
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दुग्ध उत्पादन, पशुधन सुरक्षा और ग्रामीण आय में वृद्धि होगी
राजस्थान देश में सबसे अधिक पशुधन वाले राज्यों में से एक है। इसलिए पशु चिकित्सालयों की मजबूत संरचना न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारती है, बल्कि ग्रामीण रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा देती है।
प्रभावी नेतृत्व और दूरदर्शी योजना :
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल और मंत्री जोराराम कुमावत की मेहनत का उद्देश्य स्पष्ट है—
पशुधन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, ग्रामीण राजस्थान को सशक्त करना, और पशुपालकों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना।
सरकार का यह निर्णय भविष्य में पशुसंवर्धन, डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास को व्यापक स्तर पर लाभान्वित करेगा।
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