श्रमिकों की गरिमा, सुरक्षा और समावेशी विकास सुनिश्चित : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संकल्प

राजस्थान सरकार ने 7.2 लाख से अधिक श्रमिकों को ₹804 करोड़ की सहायता दी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का लक्ष्य – श्रमिकों की सुरक्षा, सम्मान और समावेशी विकास।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संकल्प – श्रमिकों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित
राज्य सरकार जीवन के हर पड़ाव पर श्रमिकों के साथ
जयपुर : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि श्रमिक वर्ग किसी भी देश या प्रदेश के विकास में विश्वकर्मा की भूमिका निभाता है। उनके कठोर परिश्रम से समाज और राष्ट्र की प्रगति का ढांचा तैयार होता है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की सुरक्षा और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विगत 2 वर्षों में राज्य सरकार ने विभिन्न श्रमिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से 7 लाख 20 हजार से अधिक श्रमिकों को 804 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की है। केवल पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को ही डीबीटी के माध्यम से 555 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है।
शिक्षा और कौशल विकास योजना से लाखों श्रमिक परिवार लाभान्वित
मुख्यमंत्री श्री शर्मा के नेतृत्व में श्रमिक कल्याण योजनाओं का सुचारू संचालन किया जा रहा है। निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के अंतर्गत श्रमिकों के बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप छात्रवृत्ति दी जा रही है।
इस योजना में –
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कक्षा 6 से आगे की पढ़ाई के लिए 8,000 से 25,000 रुपये तक की छात्रवृत्ति,
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और मेधावी छात्रों को 4,000 से 35,000 रुपये तक की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
विगत 2 वर्षों में इस योजना से 6 लाख 90 हजार से अधिक श्रमिकों को 743 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी जा चुकी है।
महिला श्रमिकों को आत्मनिर्भर बना रही प्रदेश सरकार

राज्य में संचालित प्रसूति सहायता योजना के तहत महिला श्रमिक अथवा श्रमिक की पत्नी को —
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पुत्र जन्म पर ₹20,000
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पुत्री जन्म पर ₹21,000 की सहायता राशि दी जाती है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 10 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों को ₹5.54 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
इसके साथ ही सामान्य मृत्यु या दुर्घटना में घायल अथवा मृत श्रमिक के परिवार को ₹5 लाख तक की सहायता दी जा रही है। इस योजना के तहत पिछले दो वर्षों में 5 हजार से अधिक परिवारों को ₹52.50 करोड़ की सहायता मिली है।
टूलकिट सहायता योजना से बढ़ा श्रमिकों का आत्मसम्मान
राज्य सरकार निर्माण श्रमिकों को उनके कार्य में उपयोगी औजार खरीदने के लिए टूलकिट सहायता योजना के तहत ₹2,000 तक की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13,691 श्रमिकों को ₹2.73 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।
श्रमिकों का भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम
श्रमिकों के जीवन और भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार निर्माण श्रमिक जीवन एवं भविष्य सुरक्षा योजना लागू कर रही है।
इस योजना में –
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प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना,
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पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना,
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और अटल पेंशन योजना के तहत
श्रमिकों को उनके अंशदान का आंशिक या पूर्ण पुनर्भरण उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रशासनिक सेवाओं में सफलता पर प्रोत्साहन
राज्य सरकार श्रमिकों के बच्चों को प्रशासनिक सेवाओं में जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
इस योजना के अंतर्गत –
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भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर ₹1 लाख,
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राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा पास करने पर ₹50 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
विगत दो वर्षों में 80 अभ्यर्थियों को ₹40 लाख की राशि वितरित की जा चुकी है।
साथ ही आईआईटी व आईआईएम में प्रवेश पाने पर ट्यूशन फीस का पुनर्भरण भी सरकार द्वारा किया जाता है।
खेलों में श्रमिकों के बच्चों को सम्मान और प्रोत्साहन
राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित कर रही है।
इस योजना में –
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अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने पर ₹2 लाख,
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कांस्य पदक पर ₹5 लाख,
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रजत पदक पर ₹8 लाख,
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स्वर्ण पदक पर ₹11 लाख की राशि दी जाती है।
विगत दो वर्षों में इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिक वर्ग के बच्चों ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं।
श्रमिक कल्याण के लिए अन्य योजनाएं
श्रमिकों के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार ने कई अन्य योजनाएं भी चलाई हैं, जैसे –
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व्यावसायिक ऋण पर ब्याज पुनर्भरण योजना,
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सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए सहायता योजना,
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विदेशों में रोजगार हेतु वीज़ा व्यय पुनर्भरण योजना।
इन योजनाओं से न केवल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है, बल्कि उनकी गरिमा, सुरक्षा और समावेशी विकास भी सुनिश्चित हो रहा है।
मुख्यमंत्री का विज़न – “हर श्रमिक, हर परिवार सुरक्षित और सम्मानित”
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार का लक्ष्य है —
“हर श्रमिक और उसके परिवार को सुरक्षित, आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन देना।”
सरकार श्रमिकों के जीवन के हर पड़ाव पर उनके साथ खड़ी है — जन्म से लेकर शिक्षा, विवाह, बीमारी और वृद्धावस्था तक हर क्षण सहयोगी बनकर।
राज्य सरकार का यह सतत प्रयास श्रमिक वर्ग के जीवन में परिवर्तन और राजस्थान के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है।
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