Happy Birthday Asha Bhosale: 8 सितंबर को जन्मीं आशा भोसले: 10 साल की उम्र से शुरू किया था सुरों का सफर
आशा ताई के नाम से मशहूर आशा भोसले ने 12 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। उन्होंने कुल 20 भाषाओं में 1000 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को हुआ था। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। केवल 10 साल की उम्र से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। आइए उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

आशा भोसले का जन्म 8 सितम्बर 1933 को महाराष्ट्र के ‘सांगली’ में हुआ। आशा हिन्दी फिल्मों की मशहूर पार्श्वगायिका हैं। इनके पिता दीनानाथ मंगेशकर प्रसिद्ध गायक एवं नायक थे जिन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा काफी छोटी उम्र मे ही आशा जी को दी। लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा ने फिल्मी और गैर फिल्मी लगभग 16 हजार गाने गाये हैं और इनकी आवाज के प्रशंसक पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। हिंदी के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा के भी अनेक गीत गाए हैं।
आशा भोंसले: स्वरकोकिला का संगीत सफर
आशा भोंसले ने अपना पहला गीत वर्ष 1948 में फिल्म ‘सावन आया’ में गाया था। उनकी खासियत यह है कि उन्होंने शास्त्रीय संगीत, ग़ज़ल, पॉप संगीत सहित हर शैली में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा और सभी में एक समान सफलता प्राप्त की।

आशा जी ने पहली शादी 16 वर्ष की उम्र में अपने प्रेमी गणपत राव भोसले (जिनकी उम्र उस समय 31 वर्ष थी) से की थी। यह विवाह परिवार की इच्छा के विरुद्ध हुआ था। गणपत राव, लता मंगेशकर के निजी सचिव भी थे।
हालांकि यह विवाह असफल रहा। पति और उनके परिजनों के दुर्व्यवहार के चलते यह संबंध टूट गया। 1960 के आसपास शादी समाप्त होने के बाद आशा जी अपने दो बच्चों और गर्भ में पल रहे तीसरे बच्चे (आनंद) के साथ अपनी मां के घर लौट आईं।
राहुल देव बर्मन से विवाह
1980 में, आशा जी ने प्रसिद्ध संगीतकार राहुल देव बर्मन (पंचम दा) से विवाह किया। यह रिश्ता पंचम दा के अंतिम समय तक कायम रहा। आशा भोंसले के तीन बच्चे हैं और वे पाँच पोते-पोतियों की दादी भी हैं।
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गणपतराव, आशा पर हाथ भी उठाते थे
दोनों के तीन बच्चे हुए। 2 बेटे और एक बेटी। हालांकि शादी के 11 साल बाद यानी 1960 में दोनों अलग हो गए। आशा भोसले की बायोग्राफी ‘Asha Bhosle: A Life In Music‘ में उनकी जिंदगी से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में लिखा है। इसमें इस बात का भी जिक्र है कि गणपतराव ने कई बार आशा के ऊपर हाथ उठाया था। किताब के मुताबिक, गणपतराव ने आशा पर तब भी हाथ उठाया था जब वो प्रेग्नेंट थीं। कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ा था।
खुद को खत्म करना चाहती थीं आशा
किताब के मुताबिक जब आशा भोसले अपने तीसरे बच्चे के लिए प्रेग्नेंट थीं, तो उनके ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया था। वो अस्पताल में भर्ती थीं और यही वो वक्त था, जब आशा ने खद की जान लेने की कोशिश की।
आशा भोसले ने 50 से 90 के दशक के बीच ओपी नैयर, आरडी बर्मन, खय्याम और बप्पी लहरी जैसे कई संगीतकारों के साथ काम किया। कई सदाबहार गाने गाए, लेकिन एक समय ऐसा था जब उनकी आवाज को रिजेक्ट करके रिकॉर्डिंग स्टूडियो से वापस भेज दिया गया था।

अगर सिंगर नहीं होती, तो कुक होतीं: आशा भोसले
आशा भोसले ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अगर वह सिंगर नहीं होतीं, तो जरूर एक शेफ बनतीं। गायिकी के साथ-साथ उन्होंने खाना पकाने के अपने शौक को भी हमेशा जिंदा रखा। यही शौक उन्हें एक सफल रेस्टोरेंट व्यवसायी के रूप में भी पहचान दिलाने में कामयाब रहा।
रेस्तरां व्यवसाय की शुरुआत
आशा भोसले ने सबसे पहले दुबई में ‘Asha’s’ नाम से अपना रेस्टोरेंट खोला। इसे खोले हुए अब दो दशक हो चुके हैं।
इन रेस्टोरेंट्स में मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं। दुबई के अलावा, आशा भोसले के रेस्टोरेंट्स कुवैत, अबूधाबी, दोहा और बहरीन जैसे देशों में भी हैं। इन रेस्टोरेंट्स का संचालन वाफी ग्रुप द्वारा किया जाता है, जिसमें आशा भोसले की 20% भागीदारी है।

आज भी बच्चों के लिए खुद खाना बनाती हैं
आशा भोसले ने अपने 90वें जन्मदिन पर दुबई में म्यूजिक कॉन्सर्ट में परफॉर्म किया था। इस कार्यक्रम को लेकर मुंबई में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आशा भोसले ने कहा था- उम्र तो महज एक आंकड़ा होता है। उम्र तो बढ़ती है, लेकिन दिल हमेशा जवान रहता है। इस उम्र में अभी भी खड़ी हूं, गाना गा रही हूं और अपने बच्चों के लिए अभी भी खानी पकाती हूं।

