Ajmer News: दुग्ध योजना व बकाया राशि को लेकर किसान नाराज़: अजमेर में 24 अगस्त को होगा श्वेत क्रांति महाकुंभ
अजमेर, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना व मिड-डे मील की बकाया राशि सहित सहकारिता क्षेत्र की कई लंबित मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से प्रदेशभर के किसान और पशुपालक नाराज़ हैं।

इसी मुद्दे को लेकर 24 अगस्त को अजमेर के कच्छावा गार्डन, पशु आहार केंद्र तबीजी में श्वेत क्रांति सहकार महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूरे प्रदेश से करीब 25 हजार किसान, पशुपालक और दुग्ध उत्पादक शामिल होंगे।
अजमेर सरस डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के नेतृत्व में होने वाले इस महाकुंभ में कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लाम्बा और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सारिका सिंह शामिल हैं।
प्रमुख मांगें
चौधरी ने बताया कि दुग्ध उत्पादकों की मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना के तहत 320 करोड़ रुपये और मिड-डे मील योजना के अंतर्गत इतनी ही राशि पिछले सात माह से बकाया है। किसानों-पशुपालकों की मांग है कि यह राशि एकमुश्त जारी की जाए।
अतिवृष्टि और आर्थिक संकट
इस वर्ष प्रदेश में अधिक वर्षा और अतिवृष्टि के कारण किसानों व पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ है।
- पशु आहार व चारे की खरीद में आर्थिक संकट
- बकाया भुगतान न मिलने से परेशानियां और बढ़ीं
सरस डेयरी में दूध की आवक लगभग एक लाख लीटर तक घट चुकी है, ऐसे ही हालात प्रदेश की अन्य डेयरियों में भी हैं चौधरी का कहना है कि संकट के समय राज्य सरकार को भारत सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग से फसल बीमा राशि और चारा अनुदान तत्काल जारी करवाना चाहिए, जैसा पूर्ववर्ती सरकारें करती रही हैं।
अन्य मुद्दे
- सहकारिता क्षेत्र में लगभग ढाई हजार पदों पर भर्ती अधर में लटकी हुई है।
- डेयरी क्षेत्र को कृषि क्षेत्र में शामिल करने की मांग भी दोहराई जाएगी।
आयोजन का उद्देश्य
इस महाकुंभ का उद्देश्य किसानों और दुग्ध उत्पादकों की आवाज़ को मजबूती से उठाना और राज्य सरकार को उनकी समस्याओं की गंभीरता का एहसास कराना है। चौधरी ने कहा— “राज्य सरकार की हठधर्मिता और उदासीन रवैये से किसानों व पशुपालकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, अब समय आ गया है कि हम एकजुट होकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएं।

