FIDE Women’s World Cup: 19 साल की दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास: FIDE महिला वर्ल्ड कप जीत भारत की बनीं 88वीं ग्रैंडमास्टर
19 साल की दिव्या देशमुख ने चेस का FIDE महिला वर्ल्ड कप जीत लिया है। उन्होंने फाइनल में भारत की ही कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक राउंड में हराकर खिताब जीता। वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ वे भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गईं।
फाइल फोटोजॉर्जिया के बातूमि में खेले गए FIDE वर्ल्ड कप 2025 में आख़िरकार दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने बाज़ी मार ली और वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया। दोनों खिलाड़ियों के बीच क्लासिकल मुक़ाबले ड्रॉ रहे. शनिवार और रविवार को हुए क्लासिकल मैच में ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी ने चेस की नई स्टार दिव्या देशमुख को बढ़त नहीं हासिल करने दी। क्लासिकल मैच 1-1 अंक की बराबरी पर रहा।
मैच के बाद हम्पी ने कहा कि 12वीं चाल के बाद उन्हें समझ नहीं आया कि अब क्या करना है। हालांकि, 54वीं चाल में दिव्या ने जरूरी बढ़त हासिल कर ली। जिसके बाद हम्पी ने रिजाइन कर दिया और दिव्या को जीत मिली।
दिव्या को ₹42 लाख मिलेंगे
FIDE विमेंस वर्ल्ड कप जीतने पर दिव्या को लगभग 42 लाख रुपए मिलेंगे। वहीं वर्ल्ड कप (ओपन सेक्शन) के विजेता को लगभग ₹91 लाख मिलते हैं।
वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद रो पड़ीं दिव्या वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद दिव्या देशमुख ने मां को गले लगाया। मां से मिलते ही वे इमोशनल हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक आए।
फाइनल से पहले कई चीनी शिकार
5वीं वर्ल्ड रैंकिंग वाली कोनेरू हंपी ओलिंपियाड, एशियाड और एशियन चैंपियनिप की गोल्ड मेडल विजेता हैं. ग्रैंडमास्टर GM कोनेरू ने सेमीफाइनल में लेई टिंगजी (चीन, WR 3) को 5-3 के अंतर से हराया, जिसमें उन्होंने टाईब्रेक में बाजी मारी। क्वार्टरफाइनल में सॉन्ग युक्सिन (चीन, WR 36) को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की।
नागपुर की 19 साल की 18वीं रैंकिंग वाली इंटरनेशनल मास्टर IM दिव्या देशमुख ने सेमीफाइनल में चीन की तान झोंगयी (चीन, WR 8) को 1.5-0.5 से हराया. इससे पहले क्वार्टरफाइनल में इस टीनेजर ने ग्रैंडमास्टर GM हरिका द्रोणावल्ली (भारत, WR 12) को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। दोनों के क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे। लेकिन दिव्या ने टाईब्रेक में जीत हासिल की। प्री-क्वार्टरफाइनल में दिव्या ने झू जिनेर (चीन, WR 6) को 2.5-1.5 से हरा दिया।
डेढ़ साल के अंदर तीसरा खिताब
दिव्या की ये खिताबी जीत उनके पिछले डेढ़ साल के सफलता के सिलसिले में एक और नया अध्याय है. इससे पहले पिछले साल ही दिव्या ने जूनियर चेस वर्ल्ड चैंपियनशिप में गर्ल्स कैटेगरी का खिताब जीता था। फिर बुडापेस्ट में उन्होंने भारतीय महिला टीम को चेस ओलंपियाड का चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।इस दौरान उन्होंने इंडिविजुअल कैटेगरी का गोल्ड मेडल भी जीता था. अब चेस वर्ल्ड कप जीतकर उन्होंने अपना नाम भारतीय चेस के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज करवा लिया।

