NEET UG 2025: इंदौर और उज्जैन में दोबारा परीक्षा की मांग अब सुप्रीम कोर्ट में: 47 छात्रों ने दाखिल की याचिका
NEET UG 2025 एग्जाम इंदौर और उज्जैन के सेंटर्स पर दोबारा कराने की मांग अब सुप्रीम कोर्ट में सुनी जाएगी। अदालत ने इस संबंध में दर्ज पिटीशन पर सुनवाई की मांग मान ली है।

अगले सप्ताह इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई करेगी। नीट यूजी 2025 परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए 47 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार सुबह करीब 4 बजे ऑनलाइन याचिका दाखिल की गई। जिसमें इंदौर के प्रभावित छात्रों ने दोबारा परीक्षा की मांग की है। मामले में छात्रों की ओर से अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट सुनवाई की मांग की, लेकिन रजिस्ट्रार ने इसे अगले सप्ताह की सुनवाई में सूचीबद्ध कर दिया है। भटनागर ने बताया कि कुल 75 में से 47 छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। बाकी छात्रों के कोर्ट नहीं जाने के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नियमित सुनवाई होती है तो याचिकाकर्ता छात्रों के लिए अलग से काउंसलिंग की मांग की जाएगी।
इस साल NEET UG परीक्षा 4 मई को देशभर के 552 एग्जाम सेंटर्स पर आयोजित हुई थी। परीक्षा के बाद इंदौर के एक एग्जाम सेंटर के बच्चों ने शिकायत की कि परीक्षा के दौरान आंधी- तूफान से आने से लाइट चली गई जिससे उन्हें अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी। इससे उनका पेपर खराब हो गया।
स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट से अपील की कि उनके सेंटर के लिए NEET का पेपर दोबारा कराया जाए। एमपी हाईकोर्ट की सिंगल जज की बेंच ने NTA को इन 75 स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोककर बाकी स्टूडेंट्स का रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया। NTA ने 14 जून को परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया।
बैकअप का इंतजाम नहीं तो मोमबत्ती जलाई
याचिका दायर करने वाले कैंडिडेट्स ने बताया कि उनका एग्जाम सेंटर PM श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 था। जहां 4 मई को वो दोपहर 2 से शाम के 5 बजे की शिफ्ट में एग्जाम देने पहुंचे थे। इस बीच तेज बारिश और आंधी के चलते करीब 3:30 बजे बिजली चली गई। सेंटर पर कोई बैकअप नहीं था और कमरे में अंधेरा हो गया। कैंडिडेट्स को इस स्थिति में ही एग्जाम देना पड़ा। करीब 4:30 बजे सेंटर पर मोमबत्तियां जलाई गईं। याचिका में मांग की है कि या तो प्रभावित कैंडिडेट्स का री-एग्जाम हो या उनके फेयर इवैल्यूएशन के लिए कोर्ट कोई दूसरी रेमेडी सुझाए।
पहली बार सरकारी स्कूलों को सेंटर बनाया
NTA के लिए यह पहला मौका था जब सरकारी स्कूलों को NEET UG का एग्जाम सेंटर बनाया गया था जहां पावर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। पिछले साल यानी 2024 में NEET UG एग्जाम को लेकर हुए विवाद के बाद इस साल सरकारी स्कूलों को सेंटर बनाया गया था। इससे पहले प्राइवेट स्कूलों और कंप्यूटर लैब्स को एग्जाम सेंटर बनाया जाता था।
हाईकोर्ट ने याचिकाएं की थीं खारिज
एक दिन पहले ही इंदौर हाईकोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा में गड़बड़ी से प्रभावित 75 से अधिक छात्रों की दोबारा परीक्षा की याचिकाएं खारिज कर दी थीं। साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से दायर रिट अपील को स्वीकार कर लिया गया। फैसले के दिन ही सभी याचिकाकर्ताओं को ईमेल के जरिए परिणाम भेज दिए गए थे।
NTA ने दी सफाई, छात्रों ने उठाए सवाल
भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एनटीए का पक्ष रखते हुए कहा कि परीक्षा के दौरान देशभर के 22 लाख छात्रों के लिए उचित व्यवस्थाएं की गई थीं। जिन केंद्रों पर बिजली जाने की शिकायत है, वहां पावर बैकअप उपलब्ध था। वहीं, छात्रों की ओर से अधिवक्ता भटनागर ने एनटीए की रिपोर्ट को भ्रामक बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनटीए ने छात्रों से 350 करोड़ रुपये की फीस वसूली, फिर भी परीक्षा केंद्रों पर बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी केंद्र का फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं किया गया। लंबी बहस के बाद हाईकोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था और अंततः एनटीए के पक्ष में निर्णय सुनाया।