Jaipur Airport Received Bomb Threat Today: जयपुर एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी: पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने की छानबीन
राजधानी जयपुर में धमकी भरे ईमेल मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार सुबह जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया।
राजस्थान के जयपुर एयरपोर्ट को बम विस्फोट करके उड़ाने की धमकी मिली है। रविवार सुबह एयरपोर्ट अथॉरिटी को ऑफिशियल ईमेल आईडी पर एक ईमेल मिला, जिसमें लिखा था कि एयरपोर्ट की बिल्डिंग के अंदर विस्फोटक प्लांट किए हैं। अगर बिल्डिंग खाली नई कराई गई तो बम फट जाएंगे और सारे लोग मारे जाएंगे। ईमेल पढ़ते ही एयरपोर्ट अधिकारी ने पुलिस के फोन किया। जानकारी मिलते ही पुलिस टीमें, फायर ब्रिगेड, बम-डॉग स्क्वायड, सिविल डिफेंस की टीम एयरपोर्ट पर पहुंची। बम और डॉग स्कवायड के साथ एयरपोर्ट का चप्पा-चप्पा खंगाला गया। CISF ने भी बम निरोधक दस्ते के साथ एयरपोर्ट की तलाशी ली, लेकिन सर्च ऑपरेशन में कोई संदिग्ध चीज या विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला है।
जोधपुर रेलवे स्टेशन को भी मिल चुकी है धमकी
बीते दिन (29 जून) जोधपुर शनिवार शाम जोधपुर रेलवे स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी. फोन कॉल आने से हड़कंप मच गया. इस घटना के बाद रेलवे पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं. स्टेशन पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. जांच में सामने आया कि कॉल सूरत से किया गया था, जब पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया था. लेकिन पूछताछ में युवक ने बताया कि उसका फोन किसी और ने इस्तेमाल किया था. फिलहाल आरोपी गिरफ्त से बाहर है
जयपुर एयरपोर्ट उड़ाने की क्यों मिल रहीं धमकी
यह पहली बार नहीं है जब जयपुर एयरपोर्ट को इस तरह की धमकी मिली हो। तीन दिन पहले भी एयर इंडिया की एक फ्लाइट को उड़ाने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद एयरपोर्ट परिसर में गहन तलाशी अभियान चलाया गया था। हालांकि उस समय कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी और स्थिति को सामान्य घोषित कर दिया गया था।
आखिर इन फर्जी धमकियों का मकसद क्या है?
इन घटनाओं से एक बार फिर सवाल उठ खड़ा हुआ है कि बार-बार मिलने वाली फर्जी धमकियों का मकसद क्या है? क्या ये सिर्फ डर फैलाने के लिए की जा रही हरकतें हैं, या इसके पीछे कोई बड़ा साइबर नेटवर्क सक्रिय है? पुलिस का कहना है कि धमकी चाहे झूठी हो या सच्ची, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हैं और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।