Jammu Kashmir Vidhan Sabha 2025: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम हमले पर शोक: उमर अब्दुल्ला ने जताई जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोमवार को विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया। इस दौरान हमले में मारे गए 26 पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में भावुक होकर कहा कि बतौर मेजबान पर्यटकों की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी थी, जिसमें वह विफल रहे।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, “चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी भले सीधे तौर पर सुरक्षा नहीं होती, लेकिन मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री के तौर पर मैंने इन पर्यटकों को आमंत्रित किया था। मेजबान के नाते उन्हें सुरक्षित वापस भेजना मेरी जिम्मेदारी थी। मैं उन परिवारों से कैसे माफी मांगूं जिन्होंने अपने अपनों को खून में लिपटा देखा। मेरे पास शब्द नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक विधानसभा में अन्य विषयों पर चर्चा हो रही थी, किसी ने नहीं सोचा था कि इतने भयावह हालात बनेंगे। उमर ने कहा, “यह हमला हमारे अतीत की कहानी है, हमारा भविष्य नहीं। लेकिन अब यह डर सताता है कि अगला हमला कहां होगा।
विधानसभा में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पास
सदन में हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि ऐसे आतंकी हमले ‘कश्मीरियत’, देश की एकता, शांति और सद्भावना पर सीधा हमला हैं। विधानसभा ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उनके दुख में सहभागी बनने का संकल्प जताया।
सदन ने प्रदेशभर में हमले के बाद दिखाई गई जनता की एकजुटता, करुणा और साहस की सराहना की। साथ ही, देश के अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके साथ किसी भी तरह के भेदभाव या उत्पीड़न को रोकने की अपील की गई।
टट्टू चालक आदिल हुसैन शाह को श्रद्धांजलि
सत्र की शुरुआत में हमले में मारे गए 26 लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। विधानसभा ने उन स्थानीय लोगों की भी सराहना की, जिन्होंने हमले के दौरान पर्यटकों को बचाने की कोशिश की। विशेष रूप से, पर्यटकों की मदद करते हुए जान गंवाने वाले टट्टू चालक सैयद आदिल हुसैन शाह को श्रद्धांजलि दी गई।
भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कसे शिकंजा
हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर दिया है, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं और भारत में पाकिस्तान हाई कमीशन के स्टाफ की संख्या भी घटा दी गई है।
इसके अलावा, पाकिस्तानी मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार को देखते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान के मीडिया चैनलों के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी बैन कर दिया है। इस फैसले के बाद भारत में किसी भी पाकिस्तानी मीडिया चैनल का प्रसारण संभव नहीं है।
यह डिजिटल ब्लैकआउट भारत द्वारा उठाया गया एक बड़ा राजनीतिक और कूटनीतिक कदम माना जा रहा है, जो भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी विदेशी दुष्प्रचार और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
गृह मंत्रालय की सिफारिश पर हुआ एक्शन
यह सभी फैसले गृह मंत्रालय की सिफारिश पर लिए गए हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच एक अहम बैठक भी होनी है। राजनाथ सिंह प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए उनके निवास पर पहुंच चुके हैं।
15 ठिकानों पर पुलिस की छापेमारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस आतंकी हमले के तार जोड़ते हुए 15 संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है। सूत्रों के अनुसार ये ठिकाने उन आतंकवादियों के हैं, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से संचालित हो रहे हैं और जिनका पहलगाम हमले से सीधा संबंध है।
अब तक 10 आतंकियों के घर उड़ाए गए
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में अब तक 10 आतंकवादियों के घरों को विस्फोट कर नष्ट कर दिया गया है। ये कार्रवाई आतंकियों को साफ संदेश देने के उद्देश्य से की गई है कि आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।