Big Weather Research Center in Rajasthan: राजस्थान में जलवायु परिवर्तन पर रिसर्च सेंटर की स्थापना की योजना: रेगिस्तानी इलाकों में अध्ययन के लिए वर्कशॉप आयोजित
राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में जलवायु परिवर्तन पर गहन अध्ययन करने और इसके प्रभावों का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर एक बड़ा रिसर्च सेंटर शुरू करने की योजना बना रहा है।
इसके तहत, डेजर्ट मेटियोरोलॉजी और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया गया है।

16 अप्रैल को आयोजित वर्कशॉप
जयपुर मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, इस वर्कशॉप का आयोजन पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च, जयपुर द्वारा किया जाएगा। यह वर्कशॉप 16 अप्रैल को बिरला ऑडिटोरियम जयपुर में आयोजित की जाएगी, जिसमें जलवायु परिवर्तन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञ अपने विचार और रिसर्च प्रस्तुत करेंगे।
क्लाइमेट चेंज पर गहन अध्ययन
राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस रिसर्च सेंटर का मुख्य उद्देश्य रेगिस्तानी इलाकों में होने वाले जलवायु परिवर्तन का अध्ययन करना है, जिसमें अतिवृष्टि (बारिश), सूखा, हीटवेव (तेज गर्मी), सर्दी और डस्ट स्ट्रॉम (धूल भरे आंधी) से होने वाले नुकसान और फायदों का गहन अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए दुनिया की आधुनिक लैब और उपकरण स्थापित करने की योजना है, ताकि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याओं और उनके समाधानों पर शोध किया जा सके।
विशेषज्ञों का सहयोग
इस रिसर्च सेंटर की योजना में कई प्रमुख संस्थानों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इनमें आईआईटी जोधपुर, आईआईजी मुंबई, काजरी एवं आफरी जोधपुर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी अजमेर, बीआईटी मेसरा, रांची, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर, कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग जैसे महत्वपूर्ण संस्थान और विशेषज्ञ शामिल हैं। ये सभी विशेषज्ञ अपनी रिसर्च को साझा करेंगे और मरुक्षेत्र (रेगिस्तान) में हो रहे जलवायु परिवर्तन पर अपने सुझाव देंगे।
रिसर्च सेंटर का स्थान और मंजूरी
मौसम केन्द्र जयपुर के अधिकारियों के अनुसार, इस रिसर्च सेंटर को बीकानेर और जैसलमेर क्षेत्रों में स्थापित करने की योजना है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, और मंजूरी मिलने के बाद रिसर्च सेंटर की स्थापना की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
कार्यक्रम में होंगे ये महत्वपूर्ण अधिकारी
इस कार्यक्रम में भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम. महापात्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) आनंद कुमार, और पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉ. एल.एस. राठौर समेत कई अन्य विशेषज्ञ और अधिकारी शामिल होंगे। यह वर्कशॉप जलवायु परिवर्तन पर दीर्घकालिक रिसर्च के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी और राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में इस परिवर्तन के प्रभावों को समझने में मदद करेगी।