Rajasthan Government will Arrange a London Trip for Dalits: भजनलाल सरकार का तोहफा, बाबा साहब के पंचतीर्थों की यात्रा में अब शामिल होगा लंदन
जयपुर राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार दलित समाज के लोगों को लंदन की यात्रा करवाएगी। यह यात्रा डॉ. भीमराव अंबेडकर के पंचतीर्थों में शामिल उनके शिक्षा तीर्थ लंदन से जुड़ी होगी। अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में इसकी घोषणा की गई।

दरअसल, केंद्र सरकार ने अंबेडकर की जन्मस्थली महू, दीक्षा भूमि नागपुर, महा-परिनिर्वाण स्थली दिल्ली, चैत्य भूमि मुंबई और शिक्षा भूमि लंदन को पंच तीर्थ घोषित किया है। इनमें से चार तीर्थों—महू, नागपुर, दिल्ली और मुंबई—के लिए यात्रा योजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। अब लंदन को भी इसमें शामिल करने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री ने बसों को दिखाई हरी झंडी
अंबेडकर जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) से इन चार तीर्थ स्थलों के लिए श्रद्धा यात्रियों को लेकर रवाना होने वाली बसों को हरी झंडी दिखाई।
लंदन यात्रा का प्रस्ताव वित्त विभाग के पास
राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने समारोह के दौरान जानकारी दी कि जल्द ही दलित समुदाय के लोगों को लंदन यात्रा पर भी भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है, जिस पर जल्द मुहर लगने की संभावना है।
बाबा साहब ने लंदन में जिस घर में रहकर पढ़ाई की थी, उसे भारत सरकार ने खरीद कर पंचतीर्थ में शामिल किया है। अब राज्य सरकार की योजना है कि वहां भी दलित समाज के लोगों को ले जाया जाए ताकि वे अंबेडकर के जीवन और संघर्ष को नजदीक से समझ सकें।
1 हजार लोगों को सालभर में यात्रा का लाभ
फिलहाल सरकार ने पंचतीर्थों में शामिल चार स्थानों के लिए योजना का शुभारंभ कर दिया है। इसके तहत सालभर में 1,000 एससी समुदाय के लोगों को यात्रा का लाभ दिया जाएगा। वित्त विभाग ने इसके लिए 1 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। जिलों में जल्द ही इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी।
बाबा साहेब अंबेडकर संबल योजना की घोषणा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समारोह में ‘बाबा साहेब अंबेडकर संबल योजना’ की भी घोषणा की। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत से अधिक दलित आबादी वाले गांवों में 250 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य कराए जाएंगे।
कांग्रेस पर सीएम का हमला
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा साहब को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे। उन्होंने कहा, “बाबा साहब ने दुनिया को ज्ञान और समानता का मार्ग दिखाया, उन्हें ‘नॉलेज ऑफ किंग’ कहा जाता है, लेकिन कांग्रेस ने उनके विचारों को उचित सम्मान नहीं दिया।”
सम्मान और पुरस्कार भी वितरित
समारोह में विभिन्न श्रेणियों में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। इनमें ‘अंबेडकर शिक्षा अवॉर्ड’, ‘अंबेडकर सामाजिक सेवा पुरस्कार’ और ‘अंबेडकर महिला कल्याण पुरस्कार’ शामिल रहे। इन पुरस्कारों के तहत ₹50,000 से ₹1,00,000 तक की नकद राशि प्रदान की गई।