Varanasi Masan Holi 2025: मसाने की होली का अनूठा नजारा: जिंदा सांप, नरमुंड माला और चिता की राख से खेली गई होली: क्या है मसाने की होली की मान्यता?
वाराणसी में सोमवार को महाश्मशान हरिश्चंद्र घाट पर अद्भुत और रहस्यमयी मसाने की होली का आयोजन हुआ। मां काली के रौद्र रूप, शिव तांडव और चिता की राख से सजे इस अनूठे आयोजन में हजारों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल हुए। घाट पर चारों ओर चिता की भस्म उड़ रही थी। लोग राख से होली खेल रहे थे। और कलाकार अपनी अद्भुत कलाओं से मंत्रमुग्ध कर रहे थे।

चिता की राख से खेली गई होली
हरिश्चंद्र घाट पर माहौल बेहद अलौकिक था। कोई अपने चेहरे पर राख मल रहा था। तो कोई पूरी तरह चिता की भस्म में नहाया हुआ था। चारों ओर सिर्फ राख ही राख नजर आ रही थी। घाट पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी। एक तरफ चिताओं से उठता धुआं, तो दूसरी ओर चिता की भस्म से लोग होली खेल रहे थे। यहां खुशी और गम, दोनों एक साथ नजर आ रहे थे।
20 देशों से 5 लाख टूरिस्ट पहुंचे
इस अनोखी होली को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचे थे। पहली बार ऐसा हुआ कि हरिश्चंद्र घाट पर पारंपरिक कलाकारों ने अपने करतब नहीं दिखाए। लेकिन इसके बावजूद माहौल अद्भुत बना रहा। एक विदेशी पर्यटक ने कहा, “मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा। यह बहुत ही अद्भुत और अलौकिक है।
इससे पहले सुबह 11 बजे कीनाराम आश्रम से शोभायात्रा निकाली गई। संत, नागा संन्यासी घोड़े और रथ पर सवार होकर दो किलोमीटर की यात्रा करते हुए हरिश्चंद्र घाट पहुंचे। पूरे मार्ग में जगह-जगह कलाकारों ने शिव तांडव किया। इस दौरान “खेले मसाने में होरी…” जैसे गानों पर श्रद्धालु और पर्यटक झूमते नजर आए।
मसान की होली किस बात का है संदेश?
पूरी दुनिया में भारत का काशी ही इकलौता ऐसा शहर है जहां मसान की होली (चिता की राख से होली) खेली जाती है। चिता भस्म की होली पर काशी विश्वनाथ के भक्त जमकर झूमते हैं। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर हर हर महादेव के नारे गूंजते हैं। इस अवसर पर देवाधिदेव महादेव के भक्त चिता भस्म की होली खेलते हैं। मणिकर्णिका घाट हर-हर महादेव से गूंज उठता है। होली के मौके पर चिता की भस्म को अबीर और गुलाल एक दूसरे पर अर्पित कर सुख, समृद्धि, वैभव संग शिव का आशीर्वाद पाते हैं। मसान की होली इस बात का संदेश देती है शिव ही अंतिम सत्य है। शिवपुराण और दुर्गा सप्तशती में भी मसान की होली का वर्णन किया गया है।
क्या है मसाने की होली की मान्यता?
पूरे देश में सिर्फ काशी ही एकमात्र ऐसा शहर है जहां महाश्मशान में जलती चिताओं के बीच रंग गुलाल के साथ चिता की राख से भगवान शिव के गण होली खेलते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस होली में अदृश्य रूप में भगवान शिव भी शामिल होते हैं।