Vocational Teachers Protest in Jaipur: जयपुर में व्यवसायिक शिक्षकों का धरना: 15 महीने से वेतन लंबित, 11 मार्च को महाधरने की चेतावनी
जयपुर राजस्थान की राजधानी जयपुर में व्यवसायिक शिक्षकों (Vocational Teachers – VT) ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षा संकुल के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

यह धरना मोनू चौधरी और रघु पाल के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में व्यवसायिक शिक्षक शामिल हुए। शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की।
मुख्य मांगें……….
- 15 महीने से लंबित वेतन धरने का नेतृत्व कर रहे मोनू चौधरी का कहना है कि व्यवसायिक शिक्षकों को पिछले 15 महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिससे वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
- हेल्थकेयर टीचरों को नहीं दी जा रही रिजाइनिंग व्यवसायिक शिक्षकों ने आरोप लगाया कि हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़े शिक्षकों को रिजाइनिंग नहीं दी जा रही। जिससे उन्हें दूसरे अवसरों की तलाश में दिक्कत हो रही है।
- नव नियुक्त शिक्षकों की ज्वाइनिंग नहीं धरने में शामिल रघु पाल ने कहा कि सरकार ने नए व्यवसायिक शिक्षकों की भर्ती तो कर ली, लेकिन अब तक उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई। इससे नए शिक्षकों के भविष्य पर भी संकट मंडरा रहा है।
शिक्षकों ने सरकार को दी चेतावनी
धरने में शामिल व्यवसायिक शिक्षकों ने कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। तो वे 11 मार्च 2025 को शहीद स्मारक, जयपुर में महाधरने का आयोजन करेंगे। इस महाधरने में पूरे प्रदेश से व्यवसायिक शिक्षक शामिल होंगे और सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
मोनू चौधरी और रघु पाल ने कहा: हम पिछले 15 महीनों से वेतन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी समस्याओं को नजरअंदाज किया है। यदि हमारी मांगों पर जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। तो हम 11 मार्च को शहीद स्मारक पर महाधरना देंगे और जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
व्यवसायिक शिक्षकों की स्थिति पर सरकार की चुप्पी
धरना स्थल पर मौजूद शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार व्यवसायिक शिक्षा को गंभीरता से नहीं ले रही। वेतन न मिलने की वजह से कई शिक्षक आर्थिक संकट में हैं। और नई भर्तियों की प्रक्रिया पूरी न होने से बेरोजगारी बढ़ रही है। शिक्षकों ने यह भी कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ। तो राज्यभर के व्यवसायिक शिक्षक सामूहिक रूप से हड़ताल पर जा सकते हैं।
क्या है व्यवसायिक शिक्षा और क्यों हो रहा विरोध?
व्यवसायिक शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देना है। ताकि वे भविष्य में अच्छे रोजगार प्राप्त कर सकें। लेकिन जब इस क्षेत्र के शिक्षकों को ही वेतन नहीं मिल रहा और नई नियुक्तियों को ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही। तो यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है।
आगे की रणनीति
शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। यदि 11 मार्च तक उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। तो महाधरने के बाद बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यदि शिक्षकों की मांगे नहीं मानी गईं। तो आने वाले दिनों में राजस्थान में व्यवसायिक शिक्षा क्षेत्र में बड़ा संकट देखने को मिल सकता है।