High Court expressed displeasure in SI recruitment case: SI भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी: एसआई भर्ती मामले में हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियां
सोमवार (17 फरवरी 2025) को राजस्थान एसआई भर्ती मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई अधूरी रही। सुनवाई के दौरान सरकार के बार-बार यह कहने पर कि वह अभी डिसीजन मेकिंग प्रोसेस में है।

हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि सरकार भर्ती में अंतिम निर्णय क्यों नहीं ले पा रही है। इसके जवाब में सरकार ने कहा कि वह कानूनी रूप से सही फैसला करना चाहती है। इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को दो महीने का समय देते हुए कहा कि सरकार को तय समय में फैसला लेना चाहिए।
एसआई भर्ती 2021 की रद्दीकरण की मांग
राजस्थान में 2021 में निकली एसआई भर्ती को रद्द करने की लंबे समय से मांग हो रही है, क्योंकि इस भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली हुई थी और एसआई भर्ती 2021 का पेपर भी लीक हुआ था। पेपर लीक और धांधली के आरोपों के बीच हाईकोर्ट में इस भर्ती को लेकर सुनवाई चल रही है। सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस समीर जैन ने सरकार से कई तीखे सवाल किए। इसके साथ ही फील्ड ट्रेनिंग भेजने पर भी सवाल उठाए गए।
सरकार को हाईकोर्ट की फटकार
हाईकोर्ट में एसआई भर्ती 2021 पर सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि हम भर्ती रद्द नहीं करेंगे। लेकिन हम जो भी फैसला करेंगे। वह कानूनी रूप से सही होना चाहिए। इस पर जस्टिस समीर जैन ने कहा, “सरकार को तय समय में फैसला करना चाहिए। तब तक हम यथास्थिति बनाए रखेंगे। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि आपकी एसआईटी और महाधिवक्ता की राय एक तरफ है, और आप कोर्ट में दूसरी दिशा की बात कर रहे हैं। इसका आधार क्या है? यह सभी डिस्कशन मौखिक रूप से कैसे हुए? अगर कोई मीटिंग होती है तो उसकी मिनट्स ऑफ मीटिंग्स नोट की जाती है। यहां ऐसा क्यों नहीं हुआ?
फील्ड ट्रेनिंग भेजने पर सवाल
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह भी हो सकता है कि हम इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई या किसी और एजेंसी को जांच के लिए भेज दें। आप दिखाइए कि यह सामान्य प्रक्रिया थी। इस पर विज्ञान शाह ने बताया कि 43 सप्ताह के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा।
क्यों न मामले की जांच सीबीआई को सौंप दे कोर्ट ने कहा- हमें ऐसा लगता है कि सरकार हमसे कुछ छुपा रही है। कोर्ट स्टे के बाद भी आपने ट्रेनी एसआई को फील्ड ट्रेनिंग पर भेज दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार की जांच सही दिशा में नहीं चल रही है तो क्यों न इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया जाए।
हमने कभी नहीं कहा कि हम भर्ती रद्द नहीं करेंगे सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने पैरवी करते हुए कहा- हमने कभी नहीं कहा कि हम भर्ती रद्द नहीं करेंगे। लेकिन हम जो भी फैसला करेंगे वह कानूनी रूप से सही होना चाहिए। इस पर जस्टिस समीर जैन ने कहा- सरकार को तय समय में फैसला करना चाहिए। तब तक हम यथास्थिति बनाए रखेंगे।
इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि आपकी एसआईटी, महाधिवक्ता की राय एक तरफ है और आप कोर्ट में दूसरे दिशा की बात कर रहे हैं। इसका आधार क्या है? यह सभी डिस्कशन मौखिक रूप से कैसे हुए? अगर कोई मीटिंग होती है तो उसकी मिनट ऑफ मीटिंग्स नोट की जाती है। यहां ऐसा क्यों नहीं हुआ।
हाईकोर्ट में अब तक सुनवाई की कुछ अहम बातें
- फील्ड ट्रेनिंग भेजने पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
- एसआई पेपर लीक केस पर सरकार की व्यवस्था पर सवाल
- कोर्ट की टिप्पणी: “क्या यह संस्था (RPSC) मर चुकी है?
- पेपर लीक के बावजूद भर्ती पर कोर्ट के सवाल
- SOG ADG और RPSC चेयरमैन को अदालत में बुलाया
- कोर्ट का सवाल: “RPSC सदस्यों की नियुक्ति के समय क्या उनका बैकग्राउंड चेक होता है?”