Appeal to Promote English in The Digital Dge: हिंदी भाषा की डिजिटल युग में अहमियत पर मुख्यमंत्री का बयान: केंद्रीय गृह मंत्री ने भी दिया योगदान
जयपुर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि हिंदी को बढ़ावा देना हम सभी की जिम्मेदारी है क्योंकि यह हमारे मन की अभिव्यक्ति का स्वरूप है। हिंदी न केवल हमारी राजभाषा है। बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक भी है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राजधानी में 17 फरवरी को होने वाला दौरा स्थगित हो गया है। पहले अमित शाह जयपुर में क्षेत्रीय राजभाषा को लेकर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रहे थे। अब उनकी जगह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और सीएम भजनलाल शिरकत करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की ओर से जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित मध्य पश्चिम एवं उत्तरी क्षेत्रों के संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी के सम्मान, प्रयोग और प्रसार में अपनी पूरी शक्ति और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करते हुए हमें हर स्तर पर, हर क्षेत्र में इसे प्रोत्साहित करना चाहिए। यही हमारी असल पहचान है। उन्होंने कहा कि हिंदी भारत की सामाजिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सकती है।

मुख्यमंत्री ने डिजिटल युग में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के तकनीकी समय में हिंदी को डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी समाहित करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के नवीनतम तरीकों और सुविधाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है, जो सराहनीय कार्य है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारी संस्कृति, सोच और विचारों का सशक्त रूप है। प्रदेश में हिंदी का प्रशासनिक क्षेत्र में व्यापक प्रयोग हो रहा है और इसे सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने कहा कि हमें देश की सभी भाषाओं का मान-सम्मान रखते हुए हिंदी को राष्ट्रीय बोलचाल की भाषा बनानी होगी। राजभाषा हिंदी का प्रयोग देश की एकता का सूत्रधार है। उन्होंने यह भी कहा कि भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं बल्कि राष्ट्र की आत्मा होती है।

उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने हिंदी को भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी समान रूप से लोकप्रिय बताया और हिंदी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करने पर बल दिया। सांसद श्रीमती मंजू शर्मा ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाएं और हिंदी एक-दूसरे की पूरक हैं और हिंदी का प्रचार-प्रसार जरूरी है ताकि जनहित की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच सके।
इस अवसर पर केंद्रीय राजभाषा विभाग की सचिव सुश्री अंशुली आर्या ने कहा कि हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिंदी के प्रयोग में वृद्धि और भारतीय भाषाओं की समृद्धि से आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
कार्यक्रम में सरकारी कामकाज में हिंदी के सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले केंद्रीय सरकार के कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और नगर राजभाषा समितियों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।