Controversy in Kinnar Akhara: ऋषि अजय दास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को हटाया: ममता कुलकर्णी पर भी उठे सवाल
प्रयागराज किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही उन्हें अखाड़े से भी बाहर कर दिया गया है। इस विवाद के बाद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ऋषि अजय दास के आरोपों का जवाब दिया, और बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है।

ऋषि अजय दास ने दावा किया कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और उनके ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई ‘बिग बॉस’ का शो नहीं है, जिसमें एक महीने के लिए किसी को पद दिया जाए। दास का कहना था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार के लिए आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया था। लेकिन वे अपने पद का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर पाईं। जिसके कारण उन्हें हटाना पड़ा।
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि उनका पद किसी एक व्यक्ति की सहमति पर आधारित नहीं था। उन्होंने बताया कि 2015-16 में उज्जैन कुंभ में किन्नर अखाड़ा स्थापित किया गया था। जिसमें उन्हें आचार्य महामंडलेश्वर चुना गया। ऋषि अजय दास उस समय उनके साथ थे। लेकिन 2017 में उन्होंने शादी कर उज्जैन आश्रम बेचकर मुंबई चले गए। त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि दास के कर्मों के कारण उन्हें बर्खास्त किया गया था और अब वे अपने खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जो किन्नर अखाड़े की पहली महामंडलेश्वर हैं, ने ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए संघर्ष किया है और उनकी कोशिशों के कारण सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को ‘तीसरे लिंग’ के रूप में मान्यता दी। वे 2008 में संयुक्त राष्ट्र में एशिया प्रशांत क्षेत्र की पहली ट्रांसजेंडर प्रतिनिधि भी बनीं।
ममता कुलकर्णी को लेकर उठे सवाल
ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने के बाद किन्नर अखाड़े में अंदरखाने विरोध की खबरें आने लगीं थीं। संत समाज ने भी ममता के पद ग्रहण को लेकर सवाल उठाए थे। हालांकि, इस मुद्दे पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और इस विवाद को लेकर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कौन है लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी?
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का जन्म 13 दिसंबर 1980 को महाराष्ट्र के ठाणे में हुआ था। उन्होंने मीठीबाई कॉलेज से स्नातक और भरतनाट्यम में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 2002 में उन्होंने ट्रांसजेंडर अधिकारों के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन की शुरुआत की।