GBS Cases Also In Jaipur SMS: जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के तीन केस मिले: प्रशासन अलर्ट
महाराष्ट्र के सोलापुर में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के केस मिलने के बाद जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भी 3 केस आ गए हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक ये बीमारी पुरानी है, लेकिन अनहाइजनिक कंडीशन में इसके केस बढ़ते हैं। इस बीमारी में मरीज के नर्वस सिस्टम पर अटैक होता है। जिसके कारण मरीज में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर संबंधित परेशानियां आ रही हैं।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने पुष्टि करते हुए बताया कि निजी अस्पताल से भेजे गए सैंपल की जांच में तीन मरीजों में गुइलेन बेरी सिंड्रोम पॉजिटिव पाया गया है। मरीजों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। हाल ही में देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी इस बीमारी के मामले सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग सतर्क हो गया है। जयपुर में इसके मामलों की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
एंटीबॉडी ही बन जाती है शरीर की दुश्मन
डॉ. दिनेश खंडेलवाल ने बताया- इस बैक्टीरिया से प्रभावित मरीज में बनने वाली एंटीबॉडी ही शरीर की दुश्मन बन जाती है। ये बैक्टिरिया किसी भी तरह (खाना, पानी या सांस) ह्यूमन बॉडी में प्रवेश करता है। तो इससे लड़ने के लिए हमारा शरीर एंटीबॉडी बनाता है। खास बात ये है कि इन बैक्टिरिया के मॉलिक्यूल्स ऐसे होते है वो इंसान के शरीर के नर्व से बिल्कुल मिलते-जुलते होते हैं।
जब हमारी बॉडी इन मॉलिक्यूल्स से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। यही एंटीबॉडी बैक्टिरिया के साथ-साथ ह्यूमन नर्व पर भी अटैक करने लगती है। ये उनकी कवरिंग को डेमेज करने लगती है। जिससे नर्व में करंट का फ्लो कम होने लगता है और हमारे हाथ-पांव में इसका प्रभाव दिखने लगता है।
क्या है गुइलेन बेरी सिंड्रोम?
गुइलेन बेरी सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही पेरीफेरल नसों पर हमला करने लगती है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता आ जाती है।