Emergency Movie Review Today: कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज: 1975 के आपातकाल पर आधारित
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ Emergency आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में कंगना ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है।
फिल्म में कंगना रनौत के साथ अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, विषाक नायर, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन और सतीश कौशिक की मुख्य भूमिकाएं हैं। इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 28 मिनट है।
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ Emergency भारतीय राजनीति के उस काले अध्याय को पर्दे पर लेकर आती है। जिसने 1975 से 1977 के बीच भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को हिला दिया। यह फिल्म तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सख्त शासन और तानाशाही फैसलों पर केंद्रित है। कहानी का फोकस 21 महीने तक चले आपातकाल पर है। जिसमें नागरिक स्वतंत्रताएं खत्म कर दी गई थीं।
कहानी
ये कहानी इमरजेंसी के दौर की है। और इसमें इंदिरा गांधी की पूरी कहानी दिखाई गई है। कैसे उन्होंने इमरजेंसी लगाई देश में क्या हालात बने कैसे फिर वो सत्ता से बाहर हुई। इमरजेंसी में उनके बेटे संजय गांधी का क्या रोल था। किस तरह से और किसी हालात में इंदिरा गांधी की हत्या हुआ। इमरजेंसी की कहानी को इस पूरी फिल्म में समेटने की कोशिश की गई लेकिन सिर्फ कोशिश ही की गई है ये कोशिश कामयाब नहीं हुई।
डायरेक्शन
कंगना रनौत ने ही फिल्म को डायरेक्ट किया है। ये फिल्म सेंसर में अटकी भी और कटी छंटी भी कंगना को इस फिल्म को रिलीज करवाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। ऐसी फिल्मों को बनाना और डायरेक्ट करना आसान नहीं होता क्योंकि ये हमारी हिस्ट्री का बहुत खास हिस्सा हैं। कंगना ने अच्छी कोशिश की है। इतने सारे कलाकारों को साथ लाना डायरेक्ट करना। आसान नहीं था लेकिन कुल मिलाकर कंगना को असर पैदा नहीं कर पाई कि थिएटर में बैठा दर्शक वाह वाह कर उठे उनका डायरेक्शन ठीक ठाक है लेकिन उनकी एक्टिंग की तरह कमाल नहीं है।
स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी के किरदार में जान डाल दी है। उनका लुक, हावभाव और संवाद अदायगी बेहतरीन है। विषाक नायर ने संजय गांधी के विवादास्पद व्यक्तित्व को बेहद सटीक तरीके से निभाया है। अनुपम खेर ने जयप्रकाश नारायण के संघर्षशील व्यक्तित्व को बड़े प्रभावशाली ढंग से पेश किया है। महिमा चौधरी ने इस फिल्म में इंदिरा गांधी की करीबी मित्र पूपुल जयकर की भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने अभिनय से भावनात्मक गहराई जोड़ी है। मिलिंद सोमन ने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का किरदार बखूबी निभाया है। वहीं सतीश कौशिक ने जगजीवन राम के किरदार में प्रभावशाली छाप छोड़ी है।
फिल्म का म्यूजिक कैसा है?
फिल्म का म्यूजिक बेहद ही प्रभावशाली है। खास करके ‘सिंहासन खाली करो’ Sinhaasan Khaalee Karo और ‘सरकार को सलाम है’ sarakaar ko salaam hai जैसे गाने फिल्म के संदेश को असरदार तरीके से दर्शकों तक पहुंचाते हैं। बैकग्राउंड स्कोर कहानी में गहराई जोड़ता है।