Rasta Kholo Abhiyan Update: रास्ता खोलो अभियान के तहत जिला प्रशासन ने 44 दिन में खुलवाए 274 रास्ते: रास्ते खुलवाए जाने पर ग्रामीणों ने जताया जिला प्रशासन का आभार
जयपुर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर शुरू हुआ रास्ता खोलो अभियान ग्रामीणों के लिए राहत का दूसरा नाम बन गया है। अभियान के तहत जिला प्रशासन ने समझाइश एवं सहमति से महज 44 दिनों में गांवों ,खेतों और ढाणियों के बरसों से बंद पड़े 274 रास्ते खुलवाने में कामयाबी हासिल की है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती सुमन पंवार ने बताया कि अभियान के तहत विगत एक सप्ताह में जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण जिले के समस्त तहसीलों में बरसों से बंद 25 रास्ते खुलवाए गए।
उन्होंने बताया कि जयपुर तहसील में 4 रास्ते, कालवाड़ तहसील में 8 रास्ते, आमेर तहसील में 21 रास्ते, जमवारामगढ़ तहसील में 11 रास्ते, आंधी तहसील में 21 रास्ते, बस्सी तहसील में 13 रास्ते, तूंगा तहसील में 9 रास्ते खुलवाए गए।
वहीं शाहपुरा तहसील में 19 रास्ते, जोबनेर तहसील में 22 रास्ते, किशनगढ़—रेनवाल तहसील में 18 रास्ते, फुलेरा तहसील में 18 रास्ते, रामपुरा—डाबड़ी तहसील में 12 रास्ते, जालसू तहसील में 12 रास्ते, चौमूं तहसील में 24 रास्ते, सांगानेर तहसील में 14 रास्ते खुलवाए गए।
श्रीमती सुमन पंवार ने बताया कि चाकसू तहसील में 15 रास्ते, कोटखावदा तहसील में 13 रास्ते एवं माधोराजपुरा तहसील में 20 रास्ते खुलवाए गए।
उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को रास्ता खोलो अभियान के तहत बंद रास्ते खुलवाए जाने के पश्चात खोले गए रास्तों पर ग्रेवेल, सी.सी. रोड़ बनवाये जाने की कार्यवाही भी जल्द से जल्द अमल में लाने के निर्देश दिये हैं। इन निर्देशों की अनुपालना में अधिकांश स्थानों पर ग्रेवल रोड बनाने की कार्यवाही भी आरंभ की जा चुकी है। वहीं जिन रास्तों के वाद न्यायालय में विचाराधीन है। परिवादियों द्वारा संबंधित न्यायालय से ही अनुतोष प्राप्त किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं। रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं। ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया गया।