Rajasthan School Education Policy News Update: राजस्थान के 7 जिलों में सरकारी स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई होगी शुरू: 2026 तक 25 जिलों तक विस्तार की योजना
जयपुर प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए जयपुर, उदयपुर, पाली, राजसमंद, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, और चित्तौड़गढ़ जिलों के सरकारी स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले सिरोही और डूंगरपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2023-24 में मल्टीलिंग्वल लैंग्वेज प्रोग्राम शुरू किया गया था। जिसे अब अगले चरण में 9 जिलों में लागू किया जाएगा।
2026 तक 25 जिलों में लागू होगी योजना
राज्य के शिक्षा विभाग के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2025 से जयपुर, उदयपुर, पाली, राजसमंद, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, सिरोही, और डूंगरपुर जिलों में छोटे बच्चों के लिए स्थानीय भाषा में पढ़ाई शुरू होगी। योजना के तहत, 2026 तक इसे पूरे प्रदेश के 25 जिलों तक विस्तारित किया जाएगा।
बीजेपी के शिक्षा मंत्री ने बताया कि सिरोही और डूंगरपुर जिलों में वर्तमान में मल्टीलिंग्वल लैंग्वेज प्रोग्राम सफलतापूर्वक चल रहा है। अब इसे अन्य जिलों तक बढ़ाने की तैयारी हो चुकी है। उन्होंने कहा, “बच्चों की शिक्षा स्थानीय और सांस्कृतिक संदर्भों पर आधारित होनी चाहिए। इससे न केवल बच्चों की समझ बढ़ेगी बल्कि उनकी जड़ों से जुड़ाव भी मजबूत होगा।
बीजेपी मंत्री दिलावर ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई केवल मान्यताओं पर आधारित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा “हमें एक ऐसे सिलेबस की जरूरत है जो भावी पीढ़ियों को राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रेरित करे। सिलेबस में राजस्थान के महान नेताओं और क्रांतिकारियों की कहानियों को शामिल किया जाएगा ताकि बच्चों में प्रेरणा और देशभक्ति की भावना पैदा हो।”
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चा जितना छोटा होता है। उतना ही ज्यादा सीखना है। जैसे अभिमन्यु अपनी मां की पेट में ही सीख गया था। उन्होंने कहा कि आजकल तो वैज्ञानिक भी कहते हैं कि जब महिला गर्भवती हो तब वह अच्छी कहानी सुनें। ताकि उनके गर्भ में पलने वाले बच्चों को अच्छी जानकारी हासिल हो सके। उन्हें अच्छे वातावरण में रहने के लिए कहा जाता है। मंदिर जाकर सत्संग सुनने के लिए कहा जाता है। ताकि उनके बच्चे में अच्छे संस्कार आ सके।
2 जिलों में चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में 2 जिलों (सिरोही और डूंगरपुर) के कुछ स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बहुभाषी शिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसे अगले सत्र से प्रदेश के सिरोही-डूंगरपुर सहित 9 जिलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही सत्र 2026 से ये कार्यक्रम प्रदेश के 25 जिलों में संचालित किया जाना प्रस्तावित है।