Arjun Kapoor is struggling: अर्जुन कपूर ने ‘सिंघम अगेन’ के दौरान अपनी बीमारी और डिप्रेशन पर किया बड़ा खुलासा: बताया मै हाशिमोटो बीमारी जूझ रहा हूँ
अजय देवगन की ‘सिंघम अगेन’ में सभी सितारों के कैमियो के साथ-साथ फिल्म के विलेन की भी खूब चर्चा हो रही है। अर्जुन कपूर ने डेंजर लंका बनकर सभी को खुश कर दिया है। एक्टर ने हाल ही में खुलासा किया है। कि वो एक बीमारी से जूझ रहे हैं। जिसका उनके शरीर पर गहरा असर पड़ रहा है।
बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘सिंघम अगेन’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में अजय देवगन के साथ अर्जुन ने विलेन का किरदार निभाया है। जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है। फिल्म में अर्जुन कपूर के प्रदर्शन की सराहना की जा रही है। लेकिन इस बीच उन्होंने अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम बातें भी साझा की हैं। अर्जुन ने हाल ही में बताया कि वे हाशिमोटो नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। और इसके अलावा उन्होंने डिप्रेशन से भी मुकाबला किया है।
अर्जुन कपूर ने खोला डिप्रेशन और बीमारी का राज़
अर्जुन कपूर ने अनुपम चोपड़ा को दिए एक इंटरव्यू में अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई बातें साझा की। उन्होंने बताया कि वह लंबे समय तक हल्के डिप्रेशन से जूझ रहे थे। और इस दौरान उन्होंने थैरेपी ली। अर्जुन ने कहा, “मुझे यह नहीं पता था। कि मैं उदास था। या नहीं लेकिन मुझे यह एहसास हुआ कि कुछ ठीक नहीं चल रहा था। मेरी जिंदगी अचानक फिल्मी हो गई थी। और मैं बार-बार खुद से यह सवाल करता था। कि क्या मैं यह कर सकता हूं, क्या मुझे मौका मिलेगा?
अर्जुन ने यह भी बताया कि डिप्रेशन के साथ-साथ वह हाशिमोटो नामक बीमारी से भी पीड़ित हैं। जो एक प्रकार का थायरॉयड विकार है। अर्जुन ने कहा “मैंने हमेशा इसके बारे में खुलकर बात नहीं की लेकिन अब समय आ गया है। मैं हाशिमोटो बीमारी से जूझ रहा हूं जो थायरॉयड की समस्या का ही एक एक्स्टेंशन है।
हाशिमोटो बीमारी के बारे में अर्जुन कपूर का खुलासा
अर्जुन ने हाशिमोटो बीमारी के बारे में बताते हुए कहा “यह बीमारी तब शुरू हुई जब मैं 30 साल का था। इस बीमारी के चलते मेरा शरीर कभी फाइट मोड में रहता है तो कभी फ्लाइट मोड में। इसका असर मेरे वजन पर भी पड़ा। और कभी-कभी वजन बढ़ना भी आम हो जाता है। उन्होंने आगे कहा “यह एक तरह से शरीर के अंदर के सिस्टम को प्रभावित करता है। जिससे जीवन की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
अर्जुन ने यह भी बताया कि उनके परिवार के अन्य सदस्य उनकी मां मोना शौरी कपूर और बहन अंशुला कपूर को भी यह बीमारी है। जो एक जेनेटिक कंडीशन के रूप में मौजूद है।
अर्जुन कपूर की मानसिक स्थिति और थैरेपी
अर्जुन ने यह भी खुलासा किया कि वह कभी भी कड़वा या नकारात्मक इंसान नहीं रहे। लेकिन डिप्रेशन के दौर में यह भावना उनके अंदर पनपने लगी थी। उन्होंने कहा “मैंने थैरेपी शुरू की और कुछ थैरेपिस्ट के पास गया। लेकिन शुरुआती दौर में मुझे कोई खास फायदा नहीं हुआ। फिर एक दिन मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिला जिसने मुझे अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने की अनुमति दी। उसी समय मुझे माइल्ड डिप्रेशन का निदान हुआ।
अर्जुन ने स्वीकार किया कि यह समय उनके लिए बहुत मुश्किल था। लेकिन अब उन्हें इस स्थिति से निपटने का तरीका मिल चुका है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा “जब मैं डिप्रेशन से गुजर रहा था। तब मुझे यह एहसास हुआ कि मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को समझना बहुत जरूरी है। मैं अब खुलकर अपनी भावनाओं के बारे में बात करता हूं।
‘सिंघम अगेन’ में अर्जुन कपूर का विलेन अवतार
अर्जुन कपूर इन दिनों अपनी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में अपने विलेन के किरदार के लिए चर्चा में हैं। अजय देवगन के साथ इस फिल्म में उन्होंने जो दमदार भूमिका निभाई है। वह दर्शकों को बहुत पसंद आ रही है। अर्जुन कपूर का यह नया अवतार फिल्म में काफी रोमांचक है। और वे अपनी एक्टिंग के लिए प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं।
अर्जुन कपूर ने अपनी फिल्मी यात्रा के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। और अब वह अपनी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की यात्रा को साझा कर रहे हैं। उनके अनुभवों से यह संदेश मिलता है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करना बेहद जरूरी है। और किसी भी बीमारी से जूझने के बावजूद सकारात्मक सोच और इलाज से जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। अर्जुन कपूर का यह खुलासा उनके फैंस के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। खासकर उन लोगों के लिए जो मानसिक और शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।