राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने का संकल्प दोहराया
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राजस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिव्यांगजनों की सफलता की सराहना की और उन्हें सशक्त बनाने के लिए चल रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दिव्यांगजन और संस्थाएं सम्मानित की गईं।
राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन पुरस्कार समारोह में समावेशी समाज निर्माण पर जोर :
जयपुर : अन्तरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर हरीश चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) में राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त, आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह दिव्यांगजनों की प्रतिभा को पहचानकर उन्हें आगे बढ़ने में सहयोग दे।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज खेल, शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, कला और संगीत जैसे क्षेत्रों में दिव्यांगजन अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनकी सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे अपने आसपास मौजूद दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करें ताकि उनकी विशेष योग्यता का सकारात्मक उपयोग समाज के हित में हो सके।
दिव्यांगजनों की सफलता की कहानियां समाज के लिए प्रेरणा — मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि विशेष योग्यजन अदम्य इच्छाशक्ति, दृढ़ निश्चय और सतत मेहनत के बल पर हर चुनौती को पार करने की ताकत रखते हैं। उनकी प्रतिभा और जज्बा सामान्य लोगों के लिए भी प्रेरक है। उन्होंने पैरालम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियां ऊर्जा, क्षमता और मेहनत का प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1992 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा, समान अवसर उपलब्ध कराना और समावेशी सोच को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री के सुगम्य भारत अभियान से दिव्यांगजन हुए सशक्त :
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि देश का कोई भी नागरिक अपनी शारीरिक चुनौतियों के कारण राष्ट्र निर्माण में भागीदारी से वंचित न रहे। इसी सोच के साथ सुगम्य भारत अभियान की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत देशभर में सार्वजनिक भवनों, परिवहन और तकनीकी सेवाओं को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने दिव्यांगजन अधिनियम के अंतर्गत विकलांगता की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 किया है, जिसमें एसिड अटैक सर्वाइवर को भी शामिल किया गया है। यह सुधार दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने और सामाजिक धारणाओं को बदलने में अहम भूमिका निभा रहा है।
राजस्थान में दिव्यांगजनों के लिए चल रही प्रमुख योजनाएं :
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है, जिनमें मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर, स्मार्टफोन, ट्राईसाइकिल और पेंशन योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गत वर्ष विद्यार्थियों एवं स्वरोजगार करने वाले दिव्यांगजनों को 2,000 स्कूटियां वितरित की गई थीं, जबकि इस वर्ष 2,500 स्कूटी वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्यभर में दिव्यांगजनों के लिए विशेष क्लस्टर स्थापित किए गए हैं ताकि उनकी जरूरतों के अनुसार सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।
दुर्लभ रोगियों के लिए इलेक्ट्रिक पावर्ड व्हीलचेयर का वितरण :
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 15,000 अंग उपकरण वितरित किए थे, जबकि इस वर्ष 1 लाख उपकरण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी जैसी दुर्लभ और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए पहली बार राज्य में इलेक्ट्रिक पावर्ड व्हीलचेयर का वितरण किया जा रहा है, जो उनके जीवन को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाएगा।
साथ ही, विशेष योग्यजन आवासीय संस्थानों का मैस भत्ता 2,500 रुपये से बढ़ाकर 3,250 रुपये प्रति आवासीय कर दिया गया है।
राजस्थान यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड जारी करने में अग्रणी :
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार दिव्यांगजनों के पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों का चिन्हीकरण और प्रमाणीकरण कर यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड जारी करने में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
दिव्यांगजनों और संस्थाओं का सम्मान :
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले दिव्यांगजनों और संस्थाओं को सम्मानित किया। इसके साथ ही स्मार्टफोन, श्रवण यंत्र, स्मार्ट केन, स्कूटी और अन्य सहायक उपकरणों का वितरण भी किया गया। इससे पहले उन्होंने दिव्यांगजनों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, निदेशक श्री इकबाल खान सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और दिव्यांगजन उपस्थित रहे।
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