प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 में राजस्थान के क्रिटिकल मिनरल्स और आत्मनिर्भर भारत पर विशेष सत्र आयोजित
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प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 में राजस्थान सरकार द्वारा क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। उद्योग विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और खनिज क्षेत्र के प्रतिनिधि आत्मनिर्भर भारत के लिए राजस्थान की खनिज संभावनाओं, नई खोजों, निवेश अवसरों और नवाचारों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 में राजस्थान के क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष सत्र आयोजित
प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 में राजस्थान के क्रिटिकल मिनरल्स पर विशेष सत्र आयोजित
राजस्थान सरकार द्वारा 10 दिसंबर 2025 को जयपुर के जेईसीसी (JECC) में आयोजित होने वाले ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025’ के दौरान खनिज क्षेत्र पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। इस सत्र का मुख्य विषय है —
“अनलॉकिंग राजस्थान्स क्रिटिकल मिनरल पोटेंशियल फॉर आत्मनिर्भर भारत”
जिसका उद्देश्य है देश के रणनीतिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राजस्थान की खनिज संपदा का अधिकतम और वैज्ञानिक उपयोग सुनिश्चित करना।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में होगा उच्च-स्तरीय विमर्श
माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में होने वाला यह सत्र उन सभी प्रवासी राजस्थानियों, निवेशकों और उद्योग प्रतिनिधियों के लिए विशेष महत्व रखता है जो खनिज क्षेत्र में उभरते अवसरों की खोज में हैं। राजस्थान की धरती पहले से ही समृद्ध खनिज भंडारों के लिए जानी जाती है, और अब क्रिटिकल मिनरल्स क्षेत्र में भी राज्य की क्षमताओं को नई पहचान मिलने जा रही है।
सत्र का उद्देश्य — आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में राजस्थान की भूमिका मजबूत करना
सत्र का मुख्य फोकस यह रहेगा कि—
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राजस्थान के क्रिटिकल मिनरल्स की वास्तविक क्षमता क्या है
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कौन-कौन से नए मिनरल्स खोजे गए हैं
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खनन और प्रसंस्करण के लिए किन तकनीकों की जरूरत है
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पीएम के आत्मनिर्भर भारत लक्ष्य की पूर्ति में राजस्थान का योगदान कैसे बढ़े
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प्रवासी राजस्थानियों के लिए निवेश के अवसर कहाँ उपलब्ध हैं
GSI के डायरेक्टर संजय सिंह बताएंगे राजस्थान की नई खनिज खोजें
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के डायरेक्टर श्री संजय सिंह इस सत्र में राजस्थान के क्रिटिकल मिनरल्स पर महत्वपूर्ण प्रस्तुति देंगे। वे बताएंगे—
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राज्य की भूगर्भीय क्षमता
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हाल ही में हुई खनिज खोजें
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राजस्थान के क्रिटिकल मिनरल्स का राष्ट्रीय महत्व
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भविष्य में खनिज उत्खनन के नए अवसर
क्रिटिकल मिनरल्स जैसे—लिथियम, निकल, ग्रेफाइट, रेयर अर्थ, कोबाल्ट—आत्मनिर्भर भारत के लिए अत्यंत आवश्यक संसाधन हैं, जिनका उपयोग रक्षा, ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और हाई-टेक उद्योगों में होता है।
IIT हैदराबाद के डायरेक्टर डॉ. बी.एस. मूर्ति बताएंगे उद्योग–अकादमिक साझेदारी का महत्व
धातु विज्ञान के प्रसिद्ध विशेषज्ञ और IIT हैदराबाद के डायरेक्टर डॉ. बी.एस. मूर्ति बताएंगे कि—
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उद्योग
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शोध संस्थान
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और सरकार
इन तीनों के बीच साझेदारी किस प्रकार धातुओं के नवाचार को तेज करती है।
वे यह भी बताएंगे कि भारत को धातु क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजस्थान की खनिज संपदा किस तरह निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका—जेमिनरल्स के एमडी अजय अग्रवाल करेंगे मार्गदर्शन
राजस्थान फाउंडेशन के ओडिशा चैप्टर के अध्यक्ष और जे मिनरल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अजय अग्रवाल बताएंगे—
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खनिज क्षेत्र में प्रवासी राजस्थानियों की बढ़ती भूमिका
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निवेश के लिए उभरते अवसर
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राजस्थान के खनन क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों की जरूरत
उनके अनुभव से नए निवेशकों को महत्वपूर्ण दिशा मिलेगी।
IREL इंडिया के डायरेक्टर देंगे उत्खनन और प्रसंस्करण पर तकनीकी जानकारी
IREL (इंडिया) लिमिटेड के डायरेक्टर श्री रजनीश अरविंद खाले बताएंगे—
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क्रिटिकल मिनरल्स के उत्खनन प्रक्रियाएं
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मिनरल प्रोसेसिंग की अत्याधुनिक तकनीक
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भारत में क्रिटिकल मिनरल सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के उपाय
IISM धनबाद के डॉ. धीरज कुमार बताएंगे डंपिंग यार्ड में छिपे मिनरल्स की खोज
IISM धनबाद के डिप्टी डायरेक्टर एवं टेक्समिन हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. धीरज कुमार बताएंगे—
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पुराने डंपिंग यार्ड्स में क्रिटिकल मिनरल्स की उपस्थिति
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वैज्ञानिक परीक्षण और रिसर्च निष्कर्ष
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वेस्ट-टू-मिनरल मॉडल कैसे भारत की माइनिंग इंडस्ट्री बदल सकता है
यह विषय भविष्य के खनन में “सस्टेनेबिलिटी” के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विशेष पैनल चर्चा: “क्रिटिकल मिनरल्स में प्रवासी राजस्थानियों के लिए निवेश अवसर”

इस पैनल में कई प्रमुख विशेषज्ञ शामिल होंगे:
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श्री टी. रविकांत — प्रमुख शासन सचिव, खनिज एवं पेट्रोलियम विभाग
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डॉ. रंजीत रथ — मैनेजिंग डायरेक्टर, ऑयल इंडिया लिमिटेड
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श्री किशोर कुमार — COO, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड
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श्री संजय सिंह — डायरेक्टर, GSI
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डॉ. धीरज कुमार — IISM धनबाद
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श्री विक्रम गोलचा — पूर्व अध्यक्ष, CII
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श्री अक्षयदीप माथुर — सेक्रेटरी जनरल, फेडरेशन ऑफ माइनिंग एसोसिएशन्स ऑफ राजस्थान
इस चर्चा के माध्यम से निवेश मॉडल, स्टार्टअप अवसर, टेक्नोलॉजी-ड्रिवन माइनिंग और भविष्य की रणनीति पर गहन विमर्श होगा
सत्र का उद्देश्य—राजस्थान को क्रिटिकल मिनरल्स में देश का अग्रणी राज्य बनाना
यह सत्र निम्न प्रमुख लक्ष्यों को साधने की दिशा में बड़ा कदम है—
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राजस्थान के नए खनिज संसाधनों की पहचान
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वैज्ञानिक अनुसंधान और आधुनिक एक्सप्लोरेशन
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निवेश आकर्षित करना
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प्रवासी राजस्थानियों को मुख्यधारा से जोड़ना
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आत्मनिर्भर भारत में राजस्थान का योगदान बढ़ाना
राजस्थान के अपार भूगर्भीय संसाधन और बढ़ती वैज्ञानिक क्षमताएँ यह साबित करती हैं कि राज्य क्रिटिकल मिनरल सेक्टर में देश का नेतृत्व करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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