संविधान दिवस पर रालसा की जनजागरण रैली ने संवैधानिक चेतना और नागरिक जागरूकता का राज्यव्यापी संदेश दिया

संविधान दिवस पर रालसा द्वारा आयोजित जनजागरण रैली में न्यायाधीशों, अधिकारियों और 500 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रस्तावना का सामूहिक पाठ, जन-जागरूकता मार्च और संवैधानिक आदर्शों पर प्रेरक संदेश कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे। रैली ने राज्यभर में संवैधानिक चेतना को नया आयाम दिया।
संविधान दिवस पर रालसा की जनजागरण रैली— संवैधानिक चेतना को राज्यव्यापी आह्वान में बदलने का प्रयास
जयपुर : संविधान दिवस 2025 के पावन अवसर पर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) ने राज्य में संवैधानिक चेतना, लोकतांत्रिक संकल्प और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता को नई ऊर्जा देने वाला भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधिपति संजीत प्रकाश शर्मा के मार्गदर्शन में यह समारोह न सिर्फ औपचारिक आयोजन रहा, बल्कि आमजन तक संवैधानिक नैतिकता की जीवंत पुकार बनकर उभरा।
इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सहित न्यायमूर्ति राजीव प्रकाश शर्मा, न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर और उच्च न्यायालय के सभी सम्मानित न्यायाधीशों की उपस्थिति कार्यक्रम की गरिमा का प्रतीक रही।
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को नमन—संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का स्मरण
कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय संविधान के शिल्पकार, प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई।
उनके लोकतांत्रिक मूल्यों—समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व—को आज के भारत की संवैधानिक आत्मा बताया गया।
रालसा ने पुनः दोहराया कि डॉ. अम्बेडकर द्वारा परिकल्पित सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के आदर्श आज भी हर संस्था और नागरिक के लिए सदैव प्रासंगिक हैं।
वरिष्ठ न्यायाधीशों, जिला कलेक्टर और छात्रों सहित सभी का सहभाग
इस वर्ष के संविधान दिवस कार्यक्रम में न्यायपालिका, प्रशासन और समाज के बीच अद्वितीय समन्वय देखने को मिला।
कार्यक्रम में—
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जयपुर मेट्रो-प्रथम और द्वितीय के जिला न्यायाधीश
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एसीजेएम व सीजेएम
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जयपुर जिला कलेक्टर
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कानून के विद्यार्थी
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स्काउट एवं गाइड दल
ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
500 से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट किया कि युवा पीढ़ी संविधान को केवल किताबों तक सीमित नहीं बल्कि जीवन मूल्य के रूप में अपनाने के लिए तत्पर है।
500 से अधिक विद्यार्थियों के साथ प्रस्तावना का सामूहिक पठन—ऐतिहासिक क्षण
कार्यक्रम का सबसे प्रेरणादायक क्षण वह रहा जब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सहित सभी माननीय न्यायाधीशों और 500 से अधिक विद्यार्थियों ने एक स्वर में भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया।
यह सामूहिक पाठ संवैधानिक पुष्टि का एक ऐतिहासिक दृश्य था जिसने उपस्थित सभी लोगों में—
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न्याय
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समानता
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स्वतंत्रता
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और भाईचारे
को बनाए रखने की दृढ़ प्रेरणा जगाई।
मुख्य वक्तव्य—संविधान की सतत प्रासंगिकता और नागरिक कर्तव्यों पर विशेष बल
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि संविधान केवल विधायी दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक चरित्र का जीवंत आधार है।
उन्होंने जोर देकर कहा—
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नागरिकों का दायित्व है कि वे संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी ईमानदारी से पालन करें।
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राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों को समाज के मार्गदर्शक नियम के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
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युवाओं को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
उनका संदेश युवाओं और आम नागरिकों को संवैधानिक लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में प्रेरित करने वाला रहा।
संविधान जनजागरण रैली—लोकतांत्रिक चेतना का सशक्त प्रतीक
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रही संविधान जन-जागरण रैली, जिसमें 500+ छात्र शामिल रहे।
यह मार्च अल्बर्ट हॉल से शुरू होकर न्यू गेट पर संपन्न हुआ।
यह छठा वार्षिक छात्र मार्च था, जो इस बार अधिक प्रभावी और उत्साहपूर्ण रहा।
रैली की प्रमुख विशेषताएँ—
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संविधान की मुख्य धाराओं पर आधारित पोस्टर
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नागरिक कर्तव्यों पर आधारित नारे
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स्काउट-गाइड का अनुशासित दल
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छात्रों द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रदर्शन
इस मार्च ने संवैधानिक जागरूकता को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का सशक्त संदेश दिया।
रालसा ने अपने आधिकारिक झंडे का अनावरण किया
इस कार्यक्रम में रालसा द्वारा अपने Official Flag का अनावरण भी किया गया।
यह झंडा—
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संस्थागत पहचान
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सार्वजनिक विश्वास
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और न्यायिक सेवा की पारदर्शिता
का प्रतीक है।
यह न्याय सुलभता और नागरिक सशक्तिकरण के प्रति रालसा की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
“न्याय आपके द्वार—लोक उपयोगिता सेवा” अभियान का प्रभाव
कार्यक्रम के दौरान रालसा ने चल रहे अपने प्रभावी 90-दिवसीय अभियान
“न्याय आपके द्वार – लोक उपयोगिता सेवा”
की प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी भी दी।
मुख्य बिंदु—
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अब तक 3,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त
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सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं का त्वरित समाधान
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नागरिक अधिकारों पर विस्तृत जागरूकता
संविधान दिवस के अवसर पर इस अभियान को नई गति देने का प्रयास हुआ, जिससे अधिक से अधिक नागरिक इससे लाभान्वित हो सकें।
राष्ट्रीय एकता, संवैधानिक साक्षरता और कानूनी जागरूकता का सशक्त संदेश
पूरे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक था—
संविधान को सिर्फ एक पुस्तक नहीं, बल्कि जन-जन के जीवन का मार्गदर्शक बनाना।
रैली, सामूहिक प्रस्तावना वाचन, प्रेरक संदेश और युवक-भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान संवैधानिक चेतना और कानूनी जागरूकता को समाज के हर स्तर तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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