जयपुर के आरव और आहान ने टाइक्वांडो में बनाया इंडिया और एशिया बुक रिकॉर्ड

जयपुर के 15 वर्षीय आरव और 11 वर्षीय आहान कर्णावट ने टाइक्वांडो में नया इंडिया और एशिया बुक रिकॉर्ड स्थापित किया। 1 मिनट में आरव ने 274 साइड किक्स और आहान ने 113 फ्रंट किक्स किए। उनके दादाजी महेंद्र सिंह कर्णावट के मार्गदर्शन में यह उपलब्धि हासिल हुई।
जयपुर के आरव और आहान ने टाइक्वांडो में रचा नया इतिहास
युवा खिलाड़ियों ने इंडिया और एशिया बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया
जयपुर : शहर के दो बाल खिलाड़ियों, 15 वर्षीय आरव कर्णावट और 11 वर्षीय आहान कर्णावट ने टाइक्वांडो में नई उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया। दोनों ने अपने प्रदर्शन से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाया। यह उपलब्धि उनके दादाजी महेंद्र सिंह कर्णावट के निर्देशन और प्रेरणा से संभव हुई।
सोमवार को इंडिया और एशियाई बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनों खिलाड़ियों ने विधिवत प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कोच प्रदीप ने अपने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें सराहा।
आहान का रिकॉर्ड: 1 मिनट में 113 फ्रंट किक्स
11 वर्षीय आहान कर्णावट ने अपने 1 मिनट में सर्वाधिक टाइक्वांडो फ्रंट किक्स का नया रिकॉर्ड बनाया। इस प्रदर्शन के दौरान आहान ने 2 किलो वजन पकड़े हुए अद्भुत फुर्ती, गति और एकाग्रता के साथ कुल 113 फ्रंट किक्स किए।
इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा जारी प्रमाणपत्र में यह उपलब्धि औपचारिक रूप से दर्ज की गई। आहान की यह उपलब्धि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है, और उन्होंने साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, मेहनत और समर्पण से कुछ भी संभव है।
आरव का रिकॉर्ड: 1 मिनट में 274 साइड किक्स
15 वर्षीय आरव कर्णावट ने 5 किलो वजन पकड़े हुए 1 मिनट में सर्वाधिक टाइक्वांडो साइड किक्स का नया रिकॉर्ड स्थापित किया। आरव ने कठिन संतुलन, दक्षता और गति के साथ 274 साइड किक्स किए, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और एशियाई स्तर पर अलग पहचान मिली।
आरव की यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि युवा खिलाड़ी लगातार अभ्यास, तकनीक और मानसिक दृढ़ता से उच्चतम स्तर तक पहुँच सकते हैं। इस प्रदर्शन ने टाइक्वांडो प्रेमियों और खिलाड़ियों के बीच उत्साह और प्रेरणा का संचार किया।
दादाजी का मार्गदर्शन और प्रेरणा :

आरव और आहान की सफलता के पीछे उनके दादाजी महेंद्र सिंह कर्णावट का मार्गदर्शन और प्रेरणा सबसे बड़ा कारक रही। उन्होंने अपने पोते-पोती को प्रशिक्षण और अनुशासन के महत्व के बारे में समझाया।
महेंद्र सिंह कर्णावट ने कहा कि निरंतर अभ्यास, धैर्य और आत्मविश्वास से ही युवा खिलाड़ी नई ऊँचाइयों को छू सकते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों की उम्र में सही दिशा और मार्गदर्शन देने से उनकी क्षमताओं का अधिकतम विकास संभव है।
कोच और प्रशिक्षण का महत्व :
कोच प्रदीप ने बताया कि इस प्रदर्शन के लिए बच्चों ने महीनों की कड़ी तैयारी की। उन्होंने विशेष तकनीक और वजन प्रशिक्षण पर ध्यान दिया।
प्रदीप ने कहा, “आरव और आहान ने नियमित अभ्यास और ध्यान केंद्रित करने के माध्यम से यह रिकॉर्ड स्थापित किया। यह साबित करता है कि टाइक्वांडो में मात्र शारीरिक क्षमता नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और एकाग्रता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।”
रिकॉर्ड्स का औपचारिक प्रमाणन :

इंडिया और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने बच्चों के प्रदर्शन को लाइव देखा और प्रमाणपत्र जारी किया। दोनों खिलाड़ियों की यह उपलब्धि राष्ट्रीय और एशियाई स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुकी है।
प्रतिनिधियों ने कहा कि यह प्रदर्शन युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो यह दिखाता है कि सही मार्गदर्शन और कठिन परिश्रम से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
बच्चों और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा :
आरव और आहान की उपलब्धि यह संदेश देती है कि युवा खिलाड़ी मेहनत, अनुशासन और लगन के साथ किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।
विशेष रूप से इस उम्र में बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सही दिशा में होना चाहिए। आरव और आहान ने यह साबित किया कि सही प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकते हैं।
परिवार और समुदाय का समर्थन :
आरव और आहान के प्रदर्शन में उनके परिवार और शहर की समाजिक समर्थन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परिवार ने बच्चों को आवश्यक संसाधन, प्रशिक्षण और उत्साह प्रदान किया।
स्थानीय समुदाय और टाइक्वांडो प्रेमियों ने भी बच्चों की उपलब्धि का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। यह सफलता जयपुर और राजस्थान के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरक उदाहरण बन गई है।
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