राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अजमेर डेयरी आमसभा में भाग लिया, सहकारिता और महिला सशक्तिकरण अजमेर डेयरी में

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अजमेर डेयरी वार्षिक आमसभा में भाग लिया, सहकारिता, ग्रामीण विकास और महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया।
राजस्थान राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने अजमेर डेयरी वार्षिक आमसभा में भाग लिया
सहकारिता का उद्देश्य: सबका साथ, सबका समान विकास

जयपुर/अजमेर :
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की 34वीं वार्षिक आमसभा और खुले अधिवेशन में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल लाभ कमाने का माध्यम नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य कृषकों और पशुपालकों का जीवन स्तर सुधारना और सभी का समान विकास करना है।
सहकारिता आंदोलन: सरदार पटेल और डॉ. वर्गीस कुरियन का योगदान
अजमेर के पुष्कर में आयोजित अधिवेशन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा—
“सहकारिता आंदोलन सरदार वल्लभभाई पटेल की देन है। इसे मूर्त रूप देने में डॉ. वर्गीस कुरियन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। सहकारिता का उद्देश्य केवल लाभ कमाना नहीं होना चाहिए। संघ को कम मुनाफा हो सकता है, लेकिन सदस्य पशुपालकों को अधिक लाभ के साथ भुगतान किया जाना चाहिए।”
राज्यपाल ने सदस्यों को इस बात पर ध्यान देने की सलाह दी कि सहकारी संस्थाओं का मुख्य लक्ष्य सदस्यों की भलाई और ग्रामीण विकास होना चाहिए।
महिलाओं की भूमिका: डेयरी क्षेत्र में वित्त प्रबंधन
राज्यपाल ने कहा कि डेयरी कार्य में महिलाओं की भागीदारी अधिक होती है। भारतीय महिलाओं में प्राकृतिक वित्त प्रबंधन की क्षमता होती है। इसलिए अजमेर डेयरी को चाहिए कि दुग्ध का अधिकतम भुगतान महिलाओं के खातों में प्राथमिकता से किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत वर्तमान में दूध उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन प्रति व्यक्ति दूध खपत अपेक्षाकृत कम है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। साथ ही पशुपालकों को सलाह दी कि पहले अपने बच्चों को दूध पिलाएँ, उसके बाद ही बिक्री करें।
डेयरी: ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार
राज्यपाल ने डेयरी क्षेत्र को गांव का कुटीर उद्योग बताया। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को चारा उत्पादन की नवीन तकनीक और नई प्रजातियों को अपनाना चाहिए, ताकि उत्पादन बढ़ सके।
उन्होंने भारतीय गायों की उच्च गुणवत्ता वाले दूध उत्पादन की क्षमता पर जोर देते हुए कहा—
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देशी गायों का दूध पौष्टिक, रोग-प्रतिरोधक और वसा युक्त होता है।
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संकर गायों के दूध में यह गुण नहीं मिलता।
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गायों को खुले में छोड़ने से दूध उत्पादन में गिरावट आती है।
राजस्थान वर्तमान में दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, लेकिन थोड़े प्रयास और सही तकनीक के साथ राज्य सर्वोच्च स्थान पर पहुँच सकता है।
राज्यपाल ने डेयरी विकास के लिए दिशा-निर्देश दिए

राज्यपाल श्री बागडे ने निम्न सुझाव भी दिए:
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किसानों और पशुपालकों को समान लाभ प्रदान करना।
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महिलाओं को भुगतान में प्राथमिकता देना।
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दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए देशी नस्ल की गायों को अपनाना।
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चारे की कमी को देखते हुए नई तकनीक और प्रजातियों को अपनाना।
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बच्चों की पोषण जरूरतों को प्राथमिकता देना।
सारांश और महत्व
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने इस वार्षिक आमसभा और खुले अधिवेशन के माध्यम से यह संदेश दिया कि सहकारिता केवल लाभ कमाने का साधन नहीं, बल्कि सभी का समान विकास सुनिश्चित करने का माध्यम है।
अजमेर डेयरी में किसानों और पशुपालकों के लिए उत्पादकता और लाभ में वृद्धि हेतु निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
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