ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस में राजस्थान अग्रणी: कंप्लायंस रिडक्शन और डीरेगुलेशन में उपलब्धियाँ

राजस्थान ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस में कंप्लायंस रिडक्शन और डीरेगुलेशन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई, प्रक्रियाएँ सुगम और निवेशकों के अनुकूल बनाई।
राजस्थान ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस में अग्रणी: कंप्लायंस रिडक्शन एवं डीरेगुलेशन में उपलब्धियाँ
कैबिनेट सचिव डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने किया वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से कार्यों की समीक्षा

कैबिनेट सचिव डाॅ. टी. वी. सोमनाथन ने 14 नवंबर 2025 को देशभर के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से ‘‘कंप्लायंस रिडक्षन एवं डीरेगुलेषन’’ एजेंडा के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा की।
जयपुर, 14 नवंबर 2025। देशभर के मुख्य सचिवों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेन्स में कैबिनेट सचिव डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस के अंतर्गत ‘कंप्लायंस रिडक्शन एवं डीरेगुलेशन’ के एजेंडा पर राज्यों की प्रगति की समीक्षा की।
राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने इस दौरान राज्य की प्रतिबद्धता और प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को साझा किया।
राजस्थान की उपलब्धियाँ: बिज़नेस फ्रेंडली वातावरण बनाने की दिशा में पहल
कैबिनेट सचिव ने राजस्थान की उत्कृष्ट प्रदर्शन क्षमता और नियामक ढांचे के सरलीकरण की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा अपनाए गए युक्तिकरण और आधुनिकीकरण के कदम बिज़नेस फ्रेंडली वातावरण सुनिश्चित करने में सहायक हैं।
राजस्थान ने कई परिवर्तनकारी सुधार लागू कर ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस इकोसिस्टम को मजबूत किया है।
एमएसएमई सेक्टर के लिए सरल और तेज़ प्रक्रियाएँ
राज्य ने नियम 90 में संशोधन कर बीएसएन (बिज़नेस स्ट्रक्चर नेम) प्रक्रिया को सरल बनाया।
-
समयसीमा को 60 से घटाकर 30 कार्य दिवस किया गया।
-
अनुमोदन न मिलने पर स्वतः स्वीकृति का प्रावधान।
इससे नए उद्यमों की स्थापना में तेजी आएगी और परियोजनाओं में देरी कम होगी।
प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में प्रगति
राजस्थान ने प्रदूषण नियंत्रण में उल्लेखनीय सुधार किए—
-
कंसेंट टू एस्टैब्लिश (CTE) और कंसेंट टू ऑपरेट (CTO) के लिए थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन की समयसीमा 120 से घटाकर 21 दिन कर दी।
-
रेड/वृहद श्रेणी उद्यमों के लिए समयसीमा 60 दिन।
-
सेल्फ-सर्टिफिकेशन आधारित सिस्टम-जनरेटेड CTO ऑटो रिन्यूवल लागू।
-
व्हाइट कैटेगरी उद्योगों की संख्या 104 से बढ़ाकर 877, जिससे अधिक उद्योगों को नियामकीय आवश्यकता से छूट।
इस सुधार से परियोजना अनुमोदनों में तेजी और औद्योगिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
सूक्ष्म उद्यमों पर अनुपालन बोझ में कमी
‘राजस्थान शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1958’ में संशोधन किया गया—
-
कर्मचारियों की सीमा शून्य से बढ़ाकर 10 कर दी गई।
-
थर्ड पार्टी फायर इंस्पेक्टर्स लागू।
-
फायर एनओसी की वैधता अवधि बढ़ाई, जिससे फायर सुरक्षा कंप्लायंस सरल हुआ।
ग्रामीण और शहरी उद्योगों में नियामकीय सुधार
-
ग्रामीण उद्योगों के लिए न्यूनतम सड़क चौड़ाई—लेआउट प्लान वाले क्षेत्रों में 9 मीटर, बिना लेआउट वाले में 4.5 मीटर।
-
औद्योगिक और वाणिज्यिक भूमि उपयोग का अनुकूलन।
-
भवन मानकों और पार्किंग मानकों में संशोधन।
-
वाणिज्यिक भूखंडों पर 50% ग्राउंड कवरेज की सीमा समाप्त।
इन कदमों से निवेशकों और उद्यमियों के लिए लचीलापन और सुविधा सुनिश्चित हुई।
सिंगल विंडो प्रणाली “राजनिवेश” का उन्नयन
राजस्थान की सिंगल विंडो प्रणाली “राजनिवेश” को चैटबॉट के साथ उन्नत किया गया।
-
विभिन्न विभागों की जानकारी एकीकृत।
-
निवेशकों को रियल-टाइम स्वचालित सहायता।
-
प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति सुनिश्चित।
राजस्थान की दूरदर्शी नीति और प्रतिबद्धता
इन सुधारों के माध्यम से राजस्थान ने—
-
कंप्लायंस रिडक्शन, डीरेगुलेशन और निवेशक फैसिलिटेशन में अग्रणी स्थिति कायम की।
-
तेज़, पारदर्शी और कुशल शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की।
राज्य के उपायों से उद्यमों की स्थापना, औद्योगिक वृद्धि और रोजगार सृजन में सहायक माहौल तैयार हुआ है।
सिनियर अधिकारियों की भागीदारी
वीडियो कॉन्फ्रेन्स में कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे—
-
श्री संदीप वर्मा
-
श्री अजिताभ शर्मा
-
श्री दिनेश कुमार
-
श्री देवाशीष पुष्टि
-
श्री रोहित गुप्ता
उन्होंने राज्य की प्रगति और नवाचारों को सराहा।
Read More : “आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियानः जयपुर जिला स्तरीय शिविर में अनक्लेम्ड राशि समाधान की बड़ी पहल”

