आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट और रिलायंस फाउंडेशन ने शूटिंग प्रोग्राम को नई दिशा दी : मिशन ओलंपिक्स पार्टनरशिप

भारतीय सेना की मिशन ओलंपिक्स विंग के तहत आने वाली आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (AMU), महू ने रिलायंस फाउंडेशन के साथ समझौता किया है। यह साझेदारी 14 सैनिक निशानेबाजों को स्कॉलरशिप, प्रशिक्षण, स्पोर्ट्स साइंस और अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान कर 2028 और 2032 ओलंपिक की तैयारी को मजबूत करेगी।
आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट और रिलायंस फाउंडेशन ने शूटिंग प्रोग्राम को मजबूत करने के लिए हाथ मिलाया
भारतीय सेना की ‘मिशन ओलंपिक्स विंग’ के तहत आती है AMU, महू
मुंबई, 7 नवंबर 2025 — भारतीय सेना की मिशन ओलंपिक्स विंग के अंतर्गत आने वाली प्रतिष्ठित आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (Army Marksmanship Unit – AMU), महू ने भारत में निशानेबाजी खेल को नई दिशा देने के उद्देश्य से रिलायंस फाउंडेशन (Reliance Foundation – RF) के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। यह साझेदारी शूटिंग प्रोग्राम को सुदृढ़ और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
AMU भारतीय सेना के स्पोर्ट्स प्रमोशन प्रयासों का एक अहम हिस्सा है, जो सेना के उत्कृष्ट निशानेबाजों को तैयार करती है। इस संस्था के तहत अब तक कई अंतरराष्ट्रीय और ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी देश का गौरव बढ़ा चुके हैं।
शूटिंग प्रोग्राम के लिए हुआ ऐतिहासिक MoU साइन :
भारतीय सेना और रिलायंस फाउंडेशन के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत 14 सैनिक निशानेबाजों को स्कॉलरशिप, ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस MoU का उद्देश्य न केवल निशानेबाजों की तकनीकी दक्षता बढ़ाना है, बल्कि उन्हें स्पोर्ट्स साइंस, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र जैसी आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना भी है।
इस पहल के अंतर्गत आने वाले 14 निशानेबाजों में पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके संदीप सिंह और सेना की पहली महिला सुबेदार प्रीति रजक जैसी प्रतिभाएँ भी शामिल हैं।
नीता अंबानी बोलीं — “यह साझेदारी सिर्फ कार्यक्रम नहीं, एक संकल्प है”
रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर चेयरपर्सन नीता एम. अंबानी ने इस अवसर पर कहा —
“भारतीय सेना और आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (AMU) के साथ जुड़ना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह साझेदारी केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संकल्प है — भारत को खेलों में शीर्ष स्थान दिलाने का। हम मिलकर ऐसे चैंपियनों को तैयार करेंगे जो देश का गौरव बढ़ाएँगे।”
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना ने खेल जगत को ऐसे अनेक रत्न दिए हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की पहचान बनाई है —
“कर्नल राजवर्धन सिंह राठौड़ से लेकर लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज चोपड़ा तक, भारतीय सेना के खिलाड़ियों ने बार-बार साबित किया है कि अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रप्रेम ही असली ताकत हैं।”
2028 और 2032 ओलंपिक की तैयारी को लेकर फाउंडेशन की रणनीति

नीता अंबानी ने कहा कि रिलायंस फाउंडेशन का लक्ष्य 2028 (लॉस एंजेलिस) और 2032 (ब्रिस्बेन) ओलंपिक खेलों के लिए भारत की मजबूत तैयारी सुनिश्चित करना है।
इसके लिए AMU के साथ साझेदारी के तहत निम्नलिखित सुविधाएँ दी जाएँगी —
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स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता: निशानेबाजों को उनके प्रशिक्षण, उपकरण और यात्रा व्यय के लिए सीधा समर्थन।
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स्पोर्ट्स साइंस और परफॉर्मेंस एनालिसिस: खिलाड़ियों के प्रदर्शन को वैज्ञानिक ढंग से सुधारने के लिए विशेषज्ञों की मदद।
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इंटरनेशनल एक्सपोज़र: विदेशों में कैंप और टूर्नामेंट के ज़रिए खिलाड़ियों को अनुभव और प्रतिस्पर्धा का अवसर।
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कोचिंग और मनोवैज्ञानिक परामर्श: अनुभवी कोचों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम से सतत मार्गदर्शन।
भारतीय सेना के गौरवशाली खेल इतिहास को मिलेगा नया आयाम

भारतीय सेना ने वर्षों से खेलों के क्षेत्र में अनुशासन और उत्कृष्टता का परिचय दिया है। सेना की मिशन ओलंपिक्स विंग और आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट ने ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को कई पदक दिलाए हैं।
कर्नल राजवर्धन सिंह राठौड़ (एथेंस ओलंपिक 2004 रजत पदक) और लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज चोपड़ा (टोक्यो ओलंपिक 2020 स्वर्ण पदक) जैसे नाम सेना की खेल संस्कृति के प्रतीक हैं।
AMU, महू ने अब तक कई युवा निशानेबाजों को निखारा है, जिनमें से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। रिलायंस फाउंडेशन के जुड़ने से इस प्रयास को संगठित समर्थन मिलेगा, जिससे भारत की शूटिंग टीम की क्षमता और आत्मविश्वास में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
सेना और कॉर्पोरेट साझेदारी का नया मॉडल
यह MoU भारतीय खेल पारिस्थितिकी में कॉर्पोरेट-सैन्य सहयोग का एक नया मॉडल प्रस्तुत करता है। अब तक निजी संस्थाएँ प्रायः व्यक्तिगत खिलाड़ियों को सपोर्ट करती थीं, लेकिन सेना के साथ सीधे जुड़कर रिलायंस फाउंडेशन ने संरचित और दीर्घकालिक निवेश का रास्ता खोला है।
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —
“भारतीय सेना और रिलायंस फाउंडेशन की यह साझेदारी युवा निशानेबाजों के लिए एक नया अध्याय खोलेगी। इससे हमें उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और आधुनिक संसाधनों तक पहुँच मिलेगी, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक हैं।”
निष्कर्ष: भारत की शूटिंग में ‘नया अध्याय’
रिलायंस फाउंडेशन और आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट की यह साझेदारी केवल एक समझौता नहीं, बल्कि भारतीय खेलों के लिए नई दिशा का प्रतीक है। इससे न केवल सैनिक खिलाड़ियों को, बल्कि पूरे भारतीय निशानेबाजी समुदाय को प्रेरणा मिलेगी।
इस पहल से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भारत के निशानेबाज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और अधिक सफलता प्राप्त करेंगे और 2028 व 2032 ओलंपिक में भारत के पदक तालिका में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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