राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप: हरियाणा में 25 लाख वोटों में धांधली का दावा

हरियाणा विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर 25 लाख वोटों में धांधली और फर्जी वोटर आईडी का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने डुप्लीकेट वोटर, महिला फोटो के गलत उपयोग और एक ही पते पर कई मतदाता जैसे मुद्दे उजागर किए।
बिहार चुनाव से ठीक एक दिन पहले देश में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने देश के चुनाव आयोग व सरकार पर वोट चोरी करके अलोकतांत्रिक तरीके से सरकार बनाने के गम्भीर आरोप लगाये है। राहुल गांधी ने दावा किया की हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान 25 लाख के लगभग वोटो की धांधली हूई।

जिनमें लाखों वोट काटे गये , सैकड़ों वोटो में एक ही फोटो का उपयोग कर सैकड़ों वोट बनाऐ गये,हाउस नम्बर 0 के को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ महीने पहले कहा था की 0 नम्बर का मतलब होता है की उस मतदाता के पास अपना घर नहीं हे, परन्तु राहुल गांधी ने दावा किया की हरियाणा में जब हमने एक वोटर के 0 नम्बर का क्रोस चेक किया तो उसके पास घर पाया गया।पहले सरकार ने मेरा घर छिना अब सरकार ने इस मतदाता का घर भी छिन लिया है इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया की एक ही पते पर 10 से अधिक वोटर पंजिकृत मिले जिसका चुनाव आयोग ने वेरिफिकेशन ही नहीं किया जबकि नियम ये कहता है कि की अगर एक ही पते पर 10 से अधिक वोटर हैं तो चुनाव आयोग इसका वेरिफिकेशन करेगा।
इसके साथ ही ब्राजील की एक माॅडल जिसका नाम लरिसा है उसकी फोटो का उपयोग कर अलग अलग नामों से कई फर्जी वोटर आईडी बनी हूई वोटर लिस्ट प्रेस के साथ सांझा की,इसके साथ ही एक दुसरी महिला की फोटो का उपयोग कर 220 वोटर आईडी अलग अलग बूथो पर वोटर आईडी बनी हुई वोटर लिस्ट भी सांझा कर चुनाव आयोग पर गम्भीर सवाल खडे़ किये।इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा दिए गये स्टेटमेंट को भी कोट करते हूंऐ दिखाया जिसमें वो कह रहै है की मैंने पहले ही कहा था भाजपा की सरकार बन रही है हमारे पास सारी व्यवस्थाएं हैं।

इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया की युपी के लोग उत्तर प्रदेश में भी वोट पोल कर रहै है। तथा वही लोग बाद में हरियाणा में आकर वोट पोलिंग कर रहै है, तो एक ही व्यक्ति का दो जगह वोट पोलिंग कैसे कर रहा है। उन्होंने कहा की हरियाणा में 8 सीटें में पर हम नाममात्र के वोट अन्तराल से हारे है।
जबकी हरियाणा में एक्जिट पोल के आंकड़े हमारे पक्ष में थे।जब मिडिया ने उनसे आगे क्या कदम उठाएंगे पर सवाल पुछा तो उन्होंने कहा की देश के लोकतान्त्रिक ढांचे की रक्षा करने का काम देश की एजेंसी का है मेरा नहीं है मेरा काम विपक्ष के नेता के रुप में संविधान के साथ खिलवाड़ हो तो उसका विरोध करने का है। तथा जनता को बताने का है उन्होंने कहा की एक ही पते पर 10 से अधिक वोट हो तो चुनाव आयोग उसका वेरीफिकेशन करना चाहिए था परन्तु परन्तु चुनाव आयोग इसका वैरिफिकेशन नहीं किया जिसके चलते 19 लाख के लगभग ऐसे मामले मिले हैं। जहां संख्या में मतदाता 10 से अधिक है।
जबकी सरकार एस आई आर करवा रही है। तो धांधली क्यों जहां सैकड़ों तक की संख्या में मतदान पंजिकृत मिले हैं। परन्तु वेरिफिकेशन नहीं किया गया जब हमने क्रोश चेक किया तो वहां वास्तविक स्थिति कुछ अलग थी संख्या के अनुसार लोग नहीं मिले इन सभी सवालों के बाद भाजपा के मंत्री किरण रिजिजू प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी के सभी दावों को झुठला दिया ओर कहा की 2004 में हमारी सरकार बनने के एक्जिट पोल थे परन्तु हमारी सरकार नहीं बनी हमने तो रोना नहीं रोया।
लेकिन सवाल अब ये उठ रहा है की प्रदेश में हर जगह एस आई आर के तरह वोटर निरक्षण किया जा रहा है।एस आई आर के तहत लाखों वोट काट दिये गये जबकी लोग सामने आकर एस आई आर प्रक्रिया कम्पलिट करवाने का कह रहे हैं।ऐसा ही प्रेस में बिहार के कुछ लोग दिखाऐ गये उन्होंने कहा की हमारा वोट दस्तावेज देने के बाद भी वोटर लिस्ट में हमारा नाम नहीं जिबकी कल बिहार में चुनाव है।
सवाल ये है की एस आई आर के बाद फिर ऐसी धांधली कैसे हो रही है। हालांकि सवाल ये भी है की चुनाव आयोग ने अब तक वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर व मजबूत पोलिंग करवाने को लेकर पैसा पानी की तरह बहाया है पर 75 साल बीत जाने के बाद भी चुनाव को सही तरीके से करवाने में अब तक नाकामयाब साबित हूआ है।
100% मतदान अभी तक देश में कभी नहीं हुआ है ना ही इस डिजिटलाईजेशन के युग में चुनाव आयोग ने अपने आप को मजबूत किया है मात्र कागज के पहचान पत्र के स्थान पर अब पीवीसी कार्ड दिया है। वो भी सिर्फ बिना मजबूत लोकिंग सिस्टम के है। लगभग प्रक्रिया अभी भी पेपर वर्क की है।
फैस स्केनिंग,बायोमेट्रिक सत्यापन, पहचान पत्र बारकोड वैरीफिकेशन, जैसा कोई भी मजबूत कदम उठाने में चुनाव आयोग विफल रहा है। हालांकि ऐसे ही आरोप कुछ महीने पहले जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर लगाये तो चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस कर सभी आरोपो को बैबुनीयादी बताया था लेकिन उसी दौरान मिडिया ने जब चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जी से सीसीटीवी फुटेज जारी करने को कहा तो उनका बयान मे कुछ अलग तरह से कहा था उन्होंने कहा की हम अपनी बहीन बेटियो के फुटेज केसे जारी कर सकते है।
इस बयान के बाद सोसल मीडिया पर उनकी काफी चर्चा हूई थी। सब ने पुछा की फिर आप विडियो ग्राफिक्स करवा किसलिए रहै है। हालांकि आंकड़ो के मुताबिक देखें तो पिछले कुछ सालों में महिला वोट प्रतिशत पिछले चुनावों में पहले की अपेक्षा बढ़ा है। चुनाव आयोग ने अलग से पिंक बूथ बनाकर महिलाओ को मतदान करवाने को लेकर अलग से सुविधा दी है पर कल जो आरोप लगे वो भी महिलाओं के फोटो को लेकर ही लगे हैं।
जिसमें ज्यादातर महिलाओं के नाम दिखाई दिये थे ओर देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री भी महिलाओं की भागीदारी को अधिक से अधिक बढ़ाने की पैरवी कर रहै है ये संयोग है या प्रयोग ये तो चुनाव आयोग के द्वारा आरोपों के जवाब देने के बाद ही पता चल पाएगा।यही सवाल कल राहुल गांधी ने फिर दोहराया उन्होंने कहा की चुनाव आयोग से फुटेज मांगे पर वो देते नहीं है उन्होंने सीसीटीवी फुटेज को या डिलीट कर दिया है अथवा वो देने को तैयार नहीं है।
सवालिया निशान अब ये लगने लगा है की चुनाव आयोग को डर किस बात का है। उनको स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि सरकार चुनने को लेकर उठ रहै सवालों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।EVM धांधली को लेकर मामला ठण्डा हुआ ही नहीं था की अब चुनाव आयोग पर ऐसे गम्भीर सवाल खडे़ होने लग गये है वो भी दस्तावेजो के साथ जो अपने आप में सवालिया निशान खडे़ कर रहा है।
हालांकि चुनाव आयोग अब इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है ये देखना होगा, पर अब इन सभी दस्तावेजो के साथ नेता प्रतिपक्ष द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाने के बाद पुरे देश की निगाहे चुनाव आयोग पर टिकी है ओर एक ही सवाल पुछा रही है की क्या सच में चुनाव आयोग अब जनता की मनपसंद सरकार चुनने में धांधली कर रहा है।
क्या सच में लोकतंत्र अब जनता का जनता लिए जनता द्वारा बनाया तंत्र नहीं रह गया है। क्योंकि EVM पर भी कुछ लोग कहते हैं की हमारा वोट एक मशीन डाल रही है अर्थात वीवीपेड के द्वारा पर्ची प्रिंट करके मतदाता पेंटी में मत डाला जा रहा है।जबकी उस मशीन के बारे में मतदाता को कुछ भी पता नहीं है वो केवल चुनाव के दोरान हमारे बीच में लाई जाती है।मेरा वोट मेरे द्वारा पंच क्यों नहीं होता।
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