पंचकल्याणक महोत्सव का आयोजन 331 वर्षों बाद : जोबनेर जैन समाज ने पंजाब राज्यपाल को आमंत्रण दिया

जोबनेर जैन समाज का प्रतिनिधिमंडल पंजाब राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिला और 331 वर्षों बाद होने वाले पंचकल्याणक महामहोत्सव में आमंत्रण दिया।
जोबनेर जैन समाज का प्रतिनिधिमंडल पंजाब राज्यपाल से मिला, 331 वर्षों बाद पंचकल्याणक महोत्सव में आमंत्रण
जोबनेर जैन समाज का प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ पहुंचा
गुरुवार को जोबनेर जैन समाज की ओर से गठित पंचकल्याणक महामहोत्सव समिति का प्रतिनिधिमंडल पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से चंडीगढ़ में सौजन्य भेंट के लिए पहुंचा। यह भेंट न सिर्फ सम्मानजनक थी बल्कि 331 वर्षों बाद जोबनेर में आयोजित होने वाले पंचकल्याणक महामहोत्सव के लिए राज्यपाल को आमंत्रित करने का अवसर भी था।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व समिति के मुख्य संयोजक डॉ. अखिल जैन ने किया। टीम में पूर्व सरपंच रमेश जैन, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष अमित जैन, मुनि संघ समिति अध्यक्ष अजय जैन, महामंत्री मोंटू जैन, और नगर पालिका पार्षद गौरव जैन सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य शामिल थे।
राज्यपाल को सौंपा आमंत्रण और विमोचन हुआ आमंत्रण पत्रिका का :


इस भेंट के दौरान जोबनेर जैन समाज ने राज्यपाल कटारिया को सादर आमंत्रण प्रदान किया। इस मौके पर आमंत्रण पत्रिका का विमोचन भी राज्यपाल के करकमलों द्वारा किया गया। यह पत्रिका 331 वर्षों बाद आयोजित होने वाले पंचकल्याणक महामहोत्सव का विस्तृत विवरण और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
पत्रिका में महोत्सव की तिथियाँ, आयोजन स्थल, मुख्य धार्मिक अनुष्ठान, और सामाजिक कार्यक्रमों का पूरा विवरण शामिल है। यह पहल जोबनेर जैन समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।
महामहोत्सव का ऐतिहासिक महत्व
जोबनेर में पंचकल्याणक महामहोत्सव का आयोजन 331 वर्षों बाद हो रहा है, जो इस नगर के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है। पंचकल्याणक समारोह जैन धर्म में तीर्थंकरों के जन्म, जीवन, ज्ञान, तप और निर्वाण की वर्षगाँठ मनाने का विशेष अवसर है।
समिति के सदस्य बताते हैं कि यह महोत्सव न केवल धार्मिक उत्सव होगा बल्कि जोबनेर की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक रीति-रिवाज, और सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ावा देगा। इस महोत्सव के आयोजन से जोबनेर का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चमकने की संभावना है।
समाज का उद्देश्य और महत्व
जोबनेर जैन समाज का कहना है कि इस प्रकार की पहल से न सिर्फ धार्मिक अनुशासन और सामाजिक सद्भाव को बल मिलेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी विरासत और संस्कृति से जोड़ने का अवसर मिलेगा।
डॉ. अखिल जैन ने बताया कि राज्यपाल से भेंट का मुख्य उद्देश्य पंचकल्याणक महोत्सव के लिए राज्यपाल स्तर पर समर्थन सुनिश्चित करना था। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल की पहल की सराहना की और कहा कि यह महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक एकता को भी दर्शाता है।
प्रतिनिधिमंडल की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएँ
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस भेंट और आमंत्रण के जरिए जोबनेर जैन समाज ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय स्तर पर पेश किया है। महोत्सव के लिए आने वाले अतिथि और धार्मिक विद्वान कार्यक्रम की भव्यता और धार्मिक अनुशासन का हिस्सा बनेंगे।
समिति के अन्य सदस्यों ने बताया कि आगामी महीनों में महोत्सव की तैयारी के लिए कई चरणों में कार्य किए जाएंगे। धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, व्याख्यान और युवा गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। सभी आयोजनों में पारंपरिक रीति-रिवाजों और जैन धर्म के सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।
समापन और निष्कर्ष
जोबनेर जैन समाज का यह कदम 331 वर्षों बाद आयोजित होने वाले पंचकल्याणक महामहोत्सव के महत्व को दर्शाता है। राज्यपाल से भेंट और आमंत्रण पत्रिका का विमोचन समाज की धार्मिक प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करता है।
यह महोत्सव जोबनेर के लिए ऐतिहासिक होने के साथ-साथ जैन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का भी एक बड़ा अवसर साबित होगा।

