ईरानी दुल्हन फायजा हुई दहेज उत्पीड़न की शिकार, यूट्यूबर पति दिवाकर संग भारत छोड़ने का फैसला

मुरादाबाद की ईरानी दुल्हन फायजा को ससुराल में दहेज उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। यूट्यूबर पति दिवाकर ने पत्नी संग भारत छोड़कर ईरान लौटने का फैसला किया।
प्रेम विवाह के बाद टूटा रिश्ता, शुरू हुआ कलह का दौर

मुरादाबाद जनपद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ईरानी दुल्हन फायजा को अपने ही ससुराल में दहेज उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। मुरादाबाद के रहने वाले यूट्यूबर दिवाकर ने करीब एक वर्ष पूर्व ईरान की रहने वाली फायजा से प्रेम विवाह किया था। दोनों ने विवाह के बाद मुरादाबाद में एक कॉफी कैफे खोलकर साथ में जीवन की नई शुरुआत की थी।
लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही घर में कलह शुरू हो गई। आरोप है कि दिवाकर की मां, बहनों और बहनोई को ईरानी बहू का रहन-सहन और विचार पसंद नहीं थे। धीरे-धीरे विवाद इतना बढ़ गया कि फायजा को ससुराल वालों की तरफ से मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
थाने में दर्ज कराई गई शिकायत, दोनों पक्षों के बीच कराया गया समझौता

दिवाकर और उनकी पत्नी फायजा ने महिला थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी, जिसमें सास, नंदों और बहनोई पर दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए।
पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया, जिसके बाद उनका समझौता कर दिया गया है। अब ईरानी दुल्हन फायजा अपने यूट्यूबर पति दिवाकर के साथ वापस अपने वतन लौटने की तैयारी में हैं।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने बुलाया और समझौते की प्रक्रिया कराई।
हालांकि, फायजा और दिवाकर के अनुसार, यह समझौता केवल औपचारिक था क्योंकि घर में मानसिक तनाव और अपमानजनक स्थिति बनी रही।
अब पति-ईरानी दुल्हन ने लिया भारत छोड़ने का फैसला
लगातार प्रताड़ना और तनाव से परेशान होकर दिवाकर ने अपनी पत्नी के साथ भारत छोड़ने और ईरान लौटने का निर्णय लिया है।
दिवाकर ने कहा कि उनकी पत्नी फायजा ईरान में सरकारी टीचर हैं और अब वे वहीं जाकर दोबारा अपनी जिंदगी शुरू करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि फायजा के माता-पिता ने भी उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है।
दिवाकर ने कहा — “मेरी मां की उम्र 70 वर्ष है, लेकिन मेरी बहनों और बहनोई ने उन्हें भड़काया, जिससे घर में कलह बढ़ गई। अब हमने शांतिपूर्ण जीवन के लिए ईरान लौटने का फैसला किया है।”
पारिवारिक विवाद से टूटी सांस्कृतिक डोर
यह मामला न केवल एक पारिवारिक कलह का उदाहरण है बल्कि यह दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय विवाहों में सांस्कृतिक भिन्नताएं और परिवारिक असहमति किस तरह रिश्तों को प्रभावित कर सकती हैं।
फायजा और दिवाकर का रिश्ता प्रेम पर आधारित था, लेकिन ससुराल में असहिष्णु माहौल ने इस रिश्ते को तोड़ दिया।
मां, बहनों और बहनोई को ईरानी बहू का रहन-सहन और विचार पसंद नहीं थे। धीरे-धीरे विवाद इतना बढ़ गया कि सास और नंदों ने बहू को प्रताड़ित करने लगी। इस मामले में दिवाकर और उनकी पत्नी फायजा ने महिला थाने पहुँचकर पुलिस को तहरीर देकर सास, नंदों और बहनोई पर दहेज उत्पीड़न और प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
अब दोनों पति-पत्नी ने भारत छोड़कर ईरान लौटने की तैयारी शुरू कर दी है। फायजा अपने वतन में फिर से अपने पेशेवर जीवन को आगे बढ़ाने की योजना बना रही हैं, जबकि दिवाकर भी वहां से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए काम जारी रखेंगे।
निष्कर्ष
मुरादाबाद का यह मामला अंतरराष्ट्रीय विवाहों में पारिवारिक और सांस्कृतिक असमानताओं के कारण उत्पन्न होने वाले संघर्षों की एक झलक प्रस्तुत करता है।
ईरानी दुल्हन फायजा का यह कदम महिलाओं के आत्मसम्मान और स्वतंत्र निर्णय की एक मिसाल बन सकता है।
Read More : शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी का शिक्षा मंत्री को पत्र : सीमावर्ती जिलों में शिक्षकों की भारी कमी पर समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू
करने की मांग

