जयपुर टाइगर फेस्टिवल 2025: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया पोस्टर विमोचन

जयपुर टाइगर फेस्टिवल 2025 का पोस्टर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया जारी। 11–14 दिसंबर तक जवाहर कला केन्द्र में होगा भव्य आयोजन।

जवाहर कला केन्द्र में 11 से 14 दिसंबर तक होगा भव्य आयोजन :
जयपुर: राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जयपुर एक बार फिर वन्यजीव संरक्षण और कला-संस्कृति के संगम का प्रतीक बनने जा रही है।
11 से 14 दिसंबर तक जवाहर कला केन्द्र (JKK) में आयोजित होने वाला जयपुर टाइगर फेस्टिवल 2025 अपने सातवें संस्करण में रंग, ऊर्जा और जागरूकता का नया अध्याय लिखने को तैयार है।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को इस फेस्टिवल के पोस्टर का विमोचन किया। इस अवसर पर फेस्टिवल के फाउंडर पैट्रन धीरेंद्र के. गोधा, अध्यक्ष संजय खवाड़, उपाध्यक्ष डॉ. सर्वेश अग्रवाल और सचिव आनंद अग्रवाल उपस्थित रहे।
कला, संस्कृति और संरक्षण का संगम बनेगा जयपुर टाइगर फेस्टिवल :
फेस्टिवल के फाउंडर पैट्रन धीरेंद्र के. गोधा ने बताया कि इस बार कार्यक्रम में कई नए आकर्षण जोड़े गए हैं। आयोजन को और भव्य और रोचक बनाने के लिए विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम, वन्यजीव प्रदर्शनियां और इंटरएक्टिव सत्र शामिल किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सरकारी और निजी स्कूलों व कॉलेजों के एक लाख से अधिक विद्यार्थी इसमें भाग लेंगे। ये छात्र-छात्राएं बाघ और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
संस्था द्वारा हर वर्ष वन्यजीव संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष भी “टाइगर कंज़र्वेशन अवॉर्ड” के माध्यम से ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाएगा जो समाज में वन्यजीवों की रक्षा के लिए प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं।
200 से अधिक स्टॉल और लाखों आगंतुक होंगे आकर्षण का केंद्र :
फेस्टिवल के अध्यक्ष संजय खवाड़ ने बताया कि इस बार फेस्टिवल में 200 से अधिक स्टॉल्स लगाए जाएंगे, जिनमें कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, पर्यावरण और मनोरंजन से जुड़ी प्रदर्शनियां लगेंगी।
इन स्टॉल्स पर कलाकारों, फोटोग्राफर्स और पर्यावरण प्रेमियों के कार्य प्रदर्शित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में तीन लाख से अधिक आगंतुकों के शामिल होने की संभावना है, जिनमें देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी शामिल होंगे।
टाइगर फोटोग्राफी, पेंटिंग्स और पोस्टल स्टैम्प्स का प्रदर्शन
संस्था के सचिव आनंद अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष टाइगर फोटोग्राफी के साथ-साथ टाइगर पेंटिंग्स, वन्यजीव फोटोग्राफ्स और पोस्टल स्टैम्प्स भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
ये प्रदर्शनी कला प्रेमियों और पर्यावरण उत्साही लोगों के लिए एक अनूठा अनुभव होंगी।
वहीं, फेस्टिवल के उपाध्यक्ष डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने बताया कि विजेताओं को नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
इसके साथ ही दर्शकों और प्रतिभागियों के लिए लाखों रुपये के लकी ड्रॉ ईनाम भी रखे गए हैं।
वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश
पिछले छह वर्षों से जयपुर टाइगर फेस्टिवल का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना भी है।
फेस्टिवल के माध्यम से बाघों और अन्य वन्य प्रजातियों की सुरक्षा, जैव विविधता संरक्षण और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा दी जाती है।
हर वर्ष इस आयोजन से हजारों युवा और नागरिक “सेव टाइगर, सेव नेचर” के संदेश को समाज तक पहुंचाते हैं।
जयपुर टाइगर फेस्टिवल 2025: एक पर्यावरणीय उत्सव का प्रतीक
जयपुर टाइगर फेस्टिवल अब केवल राजस्थान का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर का प्रमुख वन्यजीव एवं सांस्कृतिक आयोजन बन चुका है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में यह आयोजन न केवल प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन को सशक्त करेगा, बल्कि युवाओं में पर्यावरणीय जिम्मेदारी का भाव भी जगाएगा।
11 से 14 दिसंबर तक जवाहर कला केन्द्र कला, फोटोग्राफी, संगीत और प्रकृति प्रेम का एक अद्भुत संगम बनने जा रहा है।

