मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पर किया गौ-पूजन :गोपाष्टमी पर प्रदेश के कल्याण की कामना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गोपाष्टमी पर मुख्यमंत्री निवास पर सपत्नीक गौ-पूजन किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि गोपाष्टमी भारतीय संस्कृति की अमर धरोहर है और सरकार गौसंवर्धन, गोशालाओं के उन्नयन व गौपालकों के सशक्तीकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है।
जयपुर : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को गोपाष्टमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर सपत्नीक गौ-पूजन कर प्रदेश के कल्याण और सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने गौमाता के चरणों में तिलक लगाकर पुष्प अर्पित किए, माला पहनाई और गुड़ खिलाकर वस्त्र भी अर्पित किए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गोपाष्टमी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की अमर धरोहर है। यह पर्व गौमाता के प्रति श्रद्धा, सेवा और संरक्षण की भावना का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौमाता न केवल धार्मिक दृष्टि से पूजनीय हैं, बल्कि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की भी आधारशिला हैं। कृषि, दुग्ध उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में उनका योगदान अतुलनीय है।
गोपाष्टमी का महत्व :

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गौमाता हमारे जीवन और भारतीय कृषि व्यवस्था की आधारशिला हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गौसंवर्धन और गौशालाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की जा रही हैं, ताकि गोवंश को बेहतर संरक्षण मिल सके।
उन्होंने कहा कि गोपाष्टमी केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि यह पशुपालकों और किसानों के जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ दिन है। मुख्यमंत्री ने गौमाता के माध्यम से समाज में दया, सेवा और करुणा की भावना को मजबूत करने की अपील की।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि गोपाष्टमी का पर्व हमें अपनी जड़ों और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन गौचारण की शुरुआत की थी, इसलिए यह दिन गौमाता और गोपालक समाज दोनों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि गौ-सेवा करना, गोशालाओं का सहयोग करना और गौ-वंश की रक्षा करना हम सभी का नैतिक दायित्व है।
गौसंवर्धन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता :

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार गौसंवर्धन, गोशालाओं के उन्नयन और गौपालकों के सशक्तीकरण के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। राज्य में अनेक योजनाओं के माध्यम से गोशालाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गौमाता बेसहारा न रहे और प्रत्येक गोशाला में उचित संसाधन और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हों।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने गौ-आधारित जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि “गौमूत्र और गोबर का वैज्ञानिक उपयोग न केवल कृषि को टिकाऊ बनाता है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा में भी सहायक है।”
जनजागरण और सेवा का आह्वान
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर आमजन से गौसेवा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गौमाता केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि जीवन का आधार हैं। हमारी संस्कृति में माता, गंगा और गाय तीनों को पूजनीय माना गया है क्योंकि ये जीवन को पोषित करती हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजस्थान में हर ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला विकास योजना को लागू किया जा रहा है ताकि हर गांव में गायों की समुचित देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
कार्यक्रम का वातावरण और श्रद्धा
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में धार्मिक वातावरण छाया रहा। मंत्रोच्चार और वैदिक परंपराओं के अनुसार गौ-पूजन सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी ने विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम में प्रदेश के अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और आम नागरिक भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि गोपाष्टमी जैसे पर्व हमें यह सिखाते हैं कि गौमाता का सम्मान और संरक्षण हमारी सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि “गौमाता का आशीर्वाद हमारे जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सद्भाव लाता है। अतः हम सबका कर्तव्य है कि हम उनकी सेवा में सदैव तत्पर रहें।”
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