चक्रवात मोंथा का कहर: आंध्र प्रदेश और ओडिशा में तबाही, एक की मौत, हजारों लोगों की बचाव अभियान से राहत

भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ मंगलवार को आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाते हुए मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास तट से टकराया। मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात मंगलवार देर रात आंध्र प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश यनम के तटों को पार कर गया। इसके साथ ही कई जिलों में तेज हवाएं और भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया।
इस तूफान का असर न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्य ओडिशा में भी गहराई से महसूस किया गया। ओडिशा के करीब 15 जिलों में भूस्खलन, पेड़ गिरने और मकानों को नुकसान पहुंचने जैसी घटनाएं दर्ज की गईं। दक्षिणी ओडिशा के मलकानगिरी, कोरापुट, रायगढ़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल, कालाहांडी और नवरंगपुर जिलों में सबसे ज्यादा असर देखा गया। कई जगहों पर सड़कों पर मलबा गिरने और पेड़ों के उखड़ जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
आंध्र प्रदेश में भारी तबाही
चक्रवात मोंथा के कारण आंध्र प्रदेश में 38,000 हेक्टेयर में लगी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। इसके अलावा 1.38 लाख हेक्टेयर बागानों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है। राज्य सरकार ने आपातकालीन स्थिति घोषित करते हुए राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। अब तक 76,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रभावित इलाकों में 219 चिकित्सा शिविरों की स्थापना की गई है, ताकि घायल या बीमार लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता दी जा सके।

सरकार ने चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए 865 टन पशु चारे की व्यवस्था की है, ताकि प्रभावित ग्रामीण इलाकों में पशुधन को भोजन की कमी का सामना न करना पड़े। वहीं, कृष्णा, एलुरु और काकीनाडा जैसे जिलों में मंगलवार रात 8:30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। हालांकि, आपातकालीन मेडिकल सेवाओं को इस पाबंदी से छूट दी गई है।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, कोनासीमा जिले के मकानगुडेम गांव में एक दर्दनाक हादसे में एक महिला की मौत हो गई। तूफान के दौरान तेज हवाओं में उखड़ा एक ताड़ का पेड़ उस पर गिर गया। यह चक्रवात से संबंधित राज्य की पहली मौत बताई जा रही है।
परिवहन व्यवस्था पर भी असर
चक्रवात मोंथा के चलते रेलवे और हवाई सेवाएं भी गंभीर रूप से प्रभावित हुईं। भारतीय रेलवे ने पूर्वी तटीय क्षेत्र के वाल्टेयर डिवीजन में कई ट्रेनों को रद्द या पुनर्निर्धारित किया। वहीं दक्षिण मध्य रेलवे ने सोमवार और मंगलवार को कुल 120 ट्रेनें रद्द कीं।
हवाई सेवाओं पर भी तूफान का गहरा असर पड़ा। विशाखापत्तनम एयरपोर्ट से मंगलवार को उड़ने वाली सभी 32 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि विजयवाड़ा हवाई अड्डे से 16 उड़ानें रद्द और केवल पांच उड़ानें संचालित हो सकीं। इस कारण हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
ओडिशा में बारिश और भूस्खलन
ओडिशा में भी तूफान के असर से भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं। गजपति जिले के अनाका ग्राम पंचायत में पहाड़ियों से बड़े-बड़े पत्थर गिरने के कारण पांच गांवों की सड़कें बंद हो गईं। वहीं, परतोदा पंचायत के लिंगा-बारभा मार्ग पर भी भूस्खलन की सूचना मिली है। रायगढ़ जिले के गुनुपुर, गुदारी और रामनागुड़ा इलाकों में भी पेड़ उखड़ जाने से यातायात प्रभावित हुआ।

ओडिशा राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SRC) के एक अधिकारी ने बताया कि तूफान के गुजरने के बाद अब जिलों से नुकसान की रिपोर्ट एकत्र की जा रही है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, दक्षिणी और तटीय जिलों में सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और यनम के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा (20 सेंटीमीटर से अधिक) की संभावना है। विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, क्योंकि समुद्र में ऊंची लहरें और तेज हवाएं जारी रहने की आशंका है।

