लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर AC बस में भीषण आग : 70 यात्री बाल-बाल बचे
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे बस आग हादसा: दिल्ली से गोंडा जा रही AC बस में टायर फटने के बाद 70 यात्री सुरक्षित। आग, बचाव प्रयास और प्रशासन की प्रतिक्रिया की पूरी जानकारी।
हादसे का संक्षिप्त विवरण :
रविवार तड़के साढ़े 4 बजे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली से गोंडा जा रही AC बस का टायर अचानक फट गया। इसके तुरंत बाद बस में भीषण आग लग गई और कुछ ही मिनटों में यह आग का गोला बन गई। हादसे के समय बस में लगभग 70 यात्री सवार थे। गनीमत रही कि सभी यात्रियों और चालक दल को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाला गया।
आग का भयावह दृश्य :

बस आग की चपेट में आने के बाद धुआँ दो किलोमीटर दूर तक देखा गया। यात्रियों और आसपास के लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि इसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया जा सका। बस के भीतर धुएँ और आग के कारण स्थिति बेहद खतरनाक हो गई।
दमकल और बचाव कार्य :

करीब एक घंटे बाद मौके पर दमकल की टीम पहुंची। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। यात्रियों और स्थानीय लोगों ने आग बुझाने में मदद की। प्रशासन ने यात्रियों को दूसरी गाड़ी से गोंडा पहुँचाने का इंतजाम किया।
यात्री प्रतिक्रिया और छठ पर्व का महत्व :
बस में ज्यादातर लोग दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से छठ पर्व मनाने के लिए घर जा रहे थे। यात्रियों ने बताया कि “छठी मैया ने बचा लिया”, अन्यथा आग इतनी भयंकर थी कि किसी का बचना मुश्किल हो सकता था। कई यात्रियों का सामान जल गया। दुर्घटना के बाद यात्रियों में डर और सहमावट का माहौल था।
हादसे का स्थान और समय :
यह घटना काकोरी थाना क्षेत्र में टोल प्लाजा के पास हुई। सुबह साढ़े 4 बजे का समय हादसे के लिए संवेदनशील था क्योंकि इस समय ट्रैफिक कम होता है, लेकिन छठ पर्व के चलते बस में काफी भीड़ थी। हादसे के बाद प्रशासन ने सुरक्षा उपायों की समीक्षा शुरू कर दी है।
टोलकर्मियों और ड्राइवर की प्रतिक्रिया :
ड्राइवर जगत सिंह ने बताया कि टोल प्लाजा पर कोई फायर सेफ्टी उपकरण मौजूद नहीं था। आग लगने के बाद भी कोई त्वरित मदद नहीं मिली। जब तक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, बस पूरी तरह जल चुकी थी। हालांकि, राहत की बात यह रही कि सभी यात्री और चालक दल सुरक्षित रहे।
पुलिस और प्रशासन की जांच :

पुलिस ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस का टायर 90 किमी/घंटा की रफ्तार में फट गया, जिससे आग लगी। अधिकारी अब एक्सप्रेस-वे पर फायर सेफ्टी और नियमित वाहन निरीक्षण की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
सुरक्षा और सड़क नियमों पर विचार :
यह हादसा यह साबित करता है कि:
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वाहन का समय पर निरीक्षण और रख-रखाव जरूरी है।
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टोल प्लाजा और एक्सप्रेस-वे पर आग बुझाने के उपकरण उपलब्ध होना अनिवार्य है।
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चालक और यात्री की सतर्कता किसी भी गंभीर हादसे से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बसों में फायर अलार्म और इमरजेंसी निकास के उपाय होने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं में यात्री सुरक्षित निकल सकें।
यात्री अनुभव और राहत की कहानी :
यात्रियों ने कहा कि आग लगने के बाद शुरुआती क्षण बेहद डरावने थे। यात्रियों ने खुद को सुरक्षित बाहर निकाला और कुछ ने अपने सामान को भी बचाने की कोशिश की। ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर लोगों को शांत रहने और निकास की दिशा में ले जाने का प्रयास किया।
निष्कर्ष :

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर यह हादसा समय रहते बचाव का उदाहरण है। छठ पर्व के समय यात्रियों की संख्या अधिक होने के बावजूद सभी सुरक्षित रहे। प्रशासन, टोल प्लाजा और परिवहन विभाग को यह घटना भविष्य में सुरक्षा और आपात प्रतिक्रिया की दिशा में सुधार करने की चेतावनी देती है।
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