Moradabad News : ई-कचरा व्यापार बढ़ा, पर्यावरण प्रदूषित और लोगों की सेहत खतरे में, प्रशासन पर सवाल
मुरादाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में अवैध ई-कचरा व्यापार बढ़ रहा है। इससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है और लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। क्षेत्रवासियों ने रोकथाम की मांग की।
भोजपुर में ई-कचरा व्यापार का बढ़ता काला कारोबार :
मुरादाबाद। भोजपुर थाना क्षेत्र अवैध ई-कचरा व्यापार का केंद्र बनता जा रहा है। लंबे समय से इस क्षेत्र में ई-कचरे का काला कारोबार खुलेआम चल रहा है। मुंबई, दिल्ली और अन्य राज्यों से ट्रकों में लाए गए ई-कचरे को छोटे वाहनों से नगर में स्थित गोदामों तक पहुंचाया जाता है।
पूर्व में जिन पुलिसकर्मियों की ई-कचरे में भूमिका रही, उन पर कार्रवाई हुई, लेकिन इसके बावजूद यह कारोबार बंद नहीं हुआ। मोटी रकम कमाने वाले माफिया अब बिना किसी डर के अपने काले धंधे को अंजाम दे रहे हैं।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा :
ई-कचरे के कारोबार से निकलने वाला जहरीला धुआं पर्यावरण और लोगों की सेहत के लिए खतरा बन गया है। इसके कारण:
-
सांस की बीमारियां और फेफड़ों में संक्रमण
-
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां
-
बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष खतरा
शहर और देहात दोनों क्षेत्रों में इस व्यापार का असर महसूस किया जा रहा है। स्थानीय निवासी लगातार इस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता :
सूत्रों के अनुसार, रात के समय बड़े ट्रकों में ई-कचरा लाकर नगर में प्रवेश किया जाता है। इस दौरान पुलिस की मौजूदगी और दावे प्रभावहीन साबित हो रहे हैं। माफियाओं का नेटवर्क इतना मजबूत है कि बिना किसी रोक-टोक के काले कारोबार को अंजाम दे रहा है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि अधिकारियों का भय पुलिसकर्मियों के मन में नहीं है, और इसी वजह से ई-कचरा व्यापार लगातार फल-फूल रहा है।
ई-कचरा कैसे पहुंचता है भोजपुर
मुंबई, दिल्ली और अन्य राज्यों से आने वाले ट्रकों में लादकर ई-कचरा भोजपुर लाया जाता है। नगर में पहुंचने के बाद छोटे वाहनों में लादकर गोदामों तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रदूषण फैलता है और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि कई बार ट्रक और वाहन रात के समय बिना रोकटोक के नगर में प्रवेश कर जाते हैं।
लोग मांग रहे सख्त कार्रवाई
भोजपुर क्षेत्रवासियों ने लगातार ई-कचरा माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासन और पुलिस दोनों को मिलकर इस काले कारोबार को रोकने की आवश्यकता है।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में क्षेत्र में गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संकट पैदा हो सकता है।
सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव :
ई-कचरे से निकलने वाला धुआं और जहरीली गैसें ना सिर्फ लोगों की सेहत प्रभावित कर रही हैं, बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रही हैं।
-
जल और मृदा प्रदूषण बढ़ रहा है
-
आसपास के पेड़-पौधे और जानवर प्रभावित हो रहे हैं
-
बच्चों और बुजुर्गों में रोगों की संख्या बढ़ रही है
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और एनजीओ को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
निष्कर्ष और समाधान की आवश्यकता
भोजपुर में ई-कचरा माफियाओं का नेटवर्क इतना मजबूत है कि बिना किसी गंभीर कार्रवाई के यह काला कारोबार जारी है। प्रशासन, पुलिस और नागरिक समाज को मिलकर ई-कचरा व्यापार पर नियंत्रण करना होगा।
स्थानीय लोगों ने जोर देकर कहा कि समय रहते कदम न उठाए गए, तो पर्यावरण और स्वास्थ्य पर असर लंबे समय तक रहेगा। इस दिशा में:
-
कड़े नियम लागू करना
-
नियमित निगरानी और जांच
-
ई-कचरे की सही ढंग से निपटान प्रक्रिया
अत्यंत आवश्यक है।
Read More : रिलायंस जियो : प्लेटफार्म की इक्विटी वैल्यू 148 अरब डॉलर, एयरटेल का टारगेट बढ़ा


