Jaipur News : टोंक रोड का नामकरण “भैरों सिंह शेखावत मार्ग” में विलंब पर उपमहापौर ने जताई नाराजगी

जयपुर नगर निगम ग्रेटर के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने नगर निगम की कार्यकारी समिति की तृतीय बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के क्रियान्वयन में अनावश्यक विलंब पर नाराजगी जताई है। यह प्रस्ताव रामबाग सर्किल से लेकर नगर निगम सीमा तक स्थित टोंक रोड का नाम पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. भैरों सिंह शेखावत के सम्मान में “भैरों सिंह शेखावत मार्ग” रखने का था।

उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि प्रस्ताव पारित होने के बाद भी इसे लागू करने में विलंब किया जा रहा है। विलंब का कारण बताया जा रहा है कि 31 अगस्त 2000 के राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार सड़क का नामकरण करने से पहले संभागीय आयुक्त से अनुमति लेना आवश्यक है। उपमहापौर ने इस तर्क को पूरी तरह निराधार बताते हुए स्पष्ट किया कि यह नोटिफिकेशन केवल प्रशासनिक दिशा-निर्देश है और कोई विधिक अधिनियम नहीं है।

उन्होंने कहा कि नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 240 के अनुसार नगर निगम को अपने क्षेत्र में सड़कों, चौराहों एवं स्थलों के नामकरण का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। किसी अधीनस्थ नोटिफिकेशन या सरकारी दिशा-निर्देश के आधार पर इसे रोकना नगर निगम की स्वायत्तता का उल्लंघन है। उपमहापौर ने यह भी कहा कि कार्यकारी समिति द्वारा विधिपूर्वक पारित प्रस्ताव को रोके रखना नगर निगम के अधिकारों का हनन है और यह निर्णय तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
उपमहापौर ने आगे कहा कि प्रस्ताव का क्रियान्वयन अविलंब प्रभाव से किया जाए और टोंक रोड का नाम “भैरों सिंह शेखावत मार्ग” के रूप में अधिसूचित किया जाए। उन्होंने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी जारी किए हैं ताकि नामकरण कार्य बिना किसी और विलंब के पूरा हो सके।
इसके साथ ही उपमहापौर ने 23 अक्टूबर 2025 को स्व. भैरों सिंह शेखावत की जन्म जयंती के अवसर पर इस नामकरण के लिए भव्य सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी भी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह कार्यक्रम शेखावत जी के योगदान और उनके राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को याद करने और सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा।
उपमहापौर ने कहा कि भैरों सिंह शेखावत का नामकरण केवल एक सड़क का नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास में उनके योगदान को स्मरण करने का एक प्रयास है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम की तैयारी में किसी भी प्रकार की कमी न रहने पाए और सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का समय पर निर्वहन किया जाए।
उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि नामकरण के दौरान नागरिकों, पत्रकारों, प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य संबंधितों को शामिल किया जाए ताकि सार्वजनिक सहभागिता के माध्यम से कार्यक्रम का महत्व बढ़ाया जा सके। उपमहापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क पर लगे सभी होर्डिंग, बैनर और सूचनाओं में नया नाम स्पष्ट रूप से दिखाया जाए, ताकि आम जनता के लिए भी यह जानकारी सुलभ हो।
पुनीत कर्णावट ने कहा कि नगर निगम के निर्णयों को रोकना न केवल प्रशासनिक बाधा है, बल्कि यह नगर निगम की स्वायत्तता के खिलाफ भी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस नामकरण के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के गौरवशाली नेताओं की स्मृति को सम्मानित करने का प्रयास है।
कार्यकारी समिति द्वारा प्रस्तावित नामकरण से शहरवासियों में भी उत्साह देखा जा रहा है। उपमहापौर ने कहा कि यह नामकरण भविष्य में शेखावत जी की नीतियों और आदर्शों को युवाओं और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का भी माध्यम बनेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नामकरण के साथ-साथ कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इस समारोह में शामिल होकर इसे यादगार बना सकें।
अंततः उपमहापौर ने नगर निगम प्रशासन को चेताया कि इस प्रस्ताव को शीघ्र लागू करना उनके कर्तव्य की आवश्यकता है और किसी भी तरह की औपचारिक देरी या विलंब नगर निगम के अधिकारों का उल्लंघन मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर इसे शीघ्र क्रियान्वित कर शेखावत जी की स्मृति को सम्मानित करने में कोई कमी न रहे
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