Stock Market: सेंसेक्स-निफ्टी में जोरदार उछाल, मेटल-फार्मा के दम पर बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड
भारतीय Stock Market ने गुरुवार, 9 अक्टूबर को शानदार प्रदर्शन करते हुए निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी। मेटल, फार्मा और आईटी जैसे sektors में दमदार खरीदारी के दम पर सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही नए कीर्तिमान स्थापित करते दिखे। सेंसेक्स कारोबार के दौरान 450 अंकों तक उछल गया, जबकि निफ्टी 25,200 के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया। बाजार की इस चढ़ाई के पीछे मजबूत वैश्विक संकेत, विदेशी निवेशकों की खरीदारी और कॉरपोरेट नतीजों को लेकर बनी उम्मीदें प्रमुख कारण रहीं। आखिरी कारोबारी सत्र के नतीजे भी मजबूत रहे, जहां सेंसेक्स 398.44 अंकों (0.49%) की बढ़त के साथ 82,172.10 पर और निफ्टी 135.65 अंकों (0.54%) की तेजी के साथ 25,181.80 पर बंद हुआ।

मेटल और फार्मा सेक्टर ने की अगुआई
Stock Market: गुरुवार के कारोबार में सबसे चमकदार प्रदर्शन मेटल और फार्मा शेयरों का रहा। निफ्टी मेटल इंडेक्स ने 1.6% की उल्लेखनीय छलांग लगाकर पिछले तीन दिनों के गिरावट के सिलसिले को तोड़ दिया। इस तेजी के पीछे दुनिया की सबसे बड़ी खदानों में से एक, इंडोनेशिया स्थित फ्रीपोर्ट-ग्रासबर्ग खदान में आपूर्ति में व्यवधान की आशंका को प्रमुख वजह माना जा रहा है। इस खदान में आपूर्ति से जुड़ी चिंताओं के कारण वैश्विक बाजारों में बेस मेटल्स की कीमतों में तेजी आई, जिसका सीधा फायदा भारतीय धातु कंपनियों के शेयरों को मिला। टाटा स्टील और JSW स्टील जैसे दिग्गजों के शेयरों में 3% तक की बढ़त दर्ज की गई।
इसी तरह, फार्मास्यूटिकल सेक्टर में भी जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली, जहां कई प्रमुख कंपनियों के शेयर 4% तक चढ़ गए। इस तेजी की एक बड़ी वजह अमेरिकी सरकार की ओर से जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ न लगाने की खबरें हैं। अमेरिका भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए एक प्रमुख निर्यात बाजार है, और टैरिफ न लगने की पुष्टि ने इन कंपनियों के मुनाफे पर पड़ने वाले संभावित नकारात्मक प्रभाव की आशंका दूर कर दी है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

कॉरपोरेट अर्निंग्स सीजन को लेकर बढ़ी उम्मीदें
Stock Market में निवेशकों का मनोबल कॉरपोरेट नतीजों के दूसरे सीजन की शुरुआत को लेकर बनी उम्मीदों से भी ऊंचा है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने गुरुवार को ही सितंबर तिमाही के अपने नतीजे जारी किए, जिससे यह सीजन औपचारिक रूप से शुरू हो गया है। निवेशकों की नजरें अब अन्य कंपनियों के नतीजों पर टिकी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि सितंबर तिमाही में आईटी सेक्टर के नतीजे सीमित रह सकते हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा, “ऑटो और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे घरेलू केंद्रित सेक्टर्स में बढ़ती मांग के चलते दिसंबर तिमाही से इनके परिणामों में सुधार देखने की उम्मीद है।” यह आशावादिता बाजार के समग्र सकारात्मक रुख को और मजबूती प्रदान कर रही है।
वैश्विक बाजारों और FII से मिला सहारा
Stock Market को गुरुवार को वैश्विक बाजारों से भी काफी सहारा मिला। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हेंग सेंग इंडेक्स जैसे प्रमुख सूचकांक हरे निशान में रहे। इसी तरह, अमेरिकी बाजारों ने भी बुधवार को मजबूती दर्ज की थी और गुरुवार को वॉल स्ट्रीट के फ्यूचर्स भी सकारात्मक संकेत दे रहे थे। वैश्विक स्तर पर निवेशकों का जोखिम लेने का मूड बेहतर होना, भारत जैसे उभरते Stock Market के लिए फायदेमंद साबित होता है।
इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सितंबर बैठक के मिनट्स से मिले संकेतों ने भी बाजारों को उत्साहित किया। बैठक के विवरण से पता चला कि फेड इस साल ब्याज दरों में कटौती करने के पक्ष में है। हालांकि महंगाई अभी लक्ष्य से ऊपर है, लेकिन रोजगार बाजार में आई सुस्ती केंद्रीय बैंक को दरों में कमी के लिए मजबूर कर सकती है। अमेरिका में ब्याज दरों के घटने से वैश्विक निवेशकों की पूंजी भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर रुख करती है, जिससे विदेशी निवेश (FII) बढ़ता है और Stock Market में तरलता सुधरती है।

तेल कीमतों में गिरावट से राहत
Stock Market: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट भी भारतीय बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत था। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव 0.5% गिरकर 65.92 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया। कच्चे तेल की कीमतों में कमी से भारत जैसे शुद्ध तेल आयातक देश को सीधा फायदा होता है। इससे देश के आयात बिल पर दबाव कम होता है और महंगाई (मुद्रास्फीति) को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है, जो अर्थव्यवस्था और कॉरपोरेट मुनाफे दोनों के लिए ही अनुकूल स्थिति है।
कुल मिलाकर, गुरुवार का दिन भारतीय Stock Market के लिए बेहद उत्साहजनक रहा। मेटल और फार्मा सेक्टर की अगुआई में आई यह तेजी घरेलू और वैश्विक, दोनों ही स्तरों पर मिल रहे सहारे का नतीजा थी। कॉरपोरेट नतीजों के सीजन की शुरुआत और अमेरिकी फेड की नरम रुख की उम्मीदों ने निवेशकों के सेंटीमेंट को और मजबूती प्रदान की है। हालांकि, निवेशकों को आगे के रास्ते में वैश्विक आर्थिक स्थितियों और घरेलू कंपनियों के वास्तविक नतीजों पर नजर रखनी होगी।

