छात्र आंदोलन को कुचलने के आदेश खुद Sheikh Hasina ने दिए थे: Bangladesh की अदालत में पूर्व PM पर गंभीर आरोप
जयपुर: बांग्लादेश में एक जांच रिपोर्ट में यह निष्कर्ष सामने आया है कि 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भूमिका प्रत्यक्ष रूप से रही। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हसीना ने स्वयं सरकारी सुरक्षा एजेंसियों, अपनी पार्टी और उससे जुड़े संगठनों को आंदोलन को दबाने के लिए निर्देश दिए, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई।

बांग्लादेश के घरेलू इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने अदालत में कहा कि, “ये हत्याएं पूर्वनियोजित और सुनियोजित थीं।” उन्होंने बताया कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले वीडियो सबूतों और विभिन्न एजेंसियों के बीच हुई एन्क्रिप्टेड बातचीत की गहन जांच की गई।
https://en.wikipedia.org/wiki/International_Crimes_Tribunal_(Bangladesh)
‘हथियारबंद कार्यकर्ताओं को खुली छूट दी गई थी’
प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, शेख हसीना ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को आदेश दिए, बल्कि अपनी पार्टी के हथियारबंद कार्यकर्ताओं को भी आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दी। उन्होंने कहा कि, “यह एक संगठित, व्यापक और योजनाबद्ध हमला था।

‘सुरक्षा बलों की कार्रवाई की पूरी जिम्मेदारी हसीना पर’
अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के नाते, शेख हसीना पर इन कार्रवाइयों की पूरी जिम्मेदारी बनती है। यह आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं जब हाल ही में बनी अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब देश में आम चुनाव की मांग तेज़ हो रही है और यूनुस सरकार पर भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है।