Jaipur News: निजी स्कूल शिक्षा मंत्रालय के आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां: मनमानी वसूली से त्रस्त अभिभावक
जयपुर राजस्थान के निजी स्कूल शिक्षा मंत्रालय और विभाग के दिशा-निर्देशों को खुलेआम नजरअंदाज कर मनमानी कर रहे हैं। किताबें, यूनिफॉर्म और फीस के नाम पर मनचाही रकम वसूली जा रही है।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा सोमवार को सख्त निर्देश जारी किए जाने के बावजूद भी निजी स्कूलों की मनमानी पर कोई रोक नहीं लग पाई है।
38 दिन लेट फीस पर वसूली गई 2000 रु पेनल्टी
विद्याधर नगर स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल का मामला सामने आया है, जहां एक 12वीं की छात्रा के पिता गंभीर बीमारी के कारण फीस समय पर जमा नहीं कर पाए। 15 जनवरी को ₹17,500 की फीस जमा करने की अंतिम तारीख थी, लेकिन पिता की तबीयत खराब होने से फीस लेट हो गई। स्कूल को मेडिकल रिपोर्ट भी सौंपी गई, बावजूद इसके 38 दिन की देरी पर ₹2000 की पेनल्टी वसूल ली गई। छात्रा के पिता को मजबूरी में कर्ज लेकर फीस चुकानी पड़ी।
शिकायतों के बावजूद प्रशासन मौन
संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि राज्य भर में निजी स्कूल फीस, किताबें, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी, ट्रांसपोर्ट और एडवांस भुगतान के नाम पर अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं। बार-बार निर्देश देने के बावजूद शिक्षा विभाग कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा, जिससे निजी स्कूलों के हौसले बुलंद हैं।
छात्राओं की सुरक्षा पर भी खतरा
स्कूलों में सिर्फ फीस वसूली ही नहीं, बल्कि छात्राओं की सुरक्षा भी गंभीर सवालों के घेरे में है। हाल ही में निवारू रोड स्थित सेंट एंसल्म स्कूल में एक बस कंडक्टर पर 6 वर्षीय छात्रा से छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगा। वहीं, जयपुर के सांगानेर और कोटा के कॉलेजों में भी छात्राओं ने प्रिंसिपलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
संवेदनशील सवाल – कब होगी कार्यवाही?
संयुक्त अभिभावक संघ ने सवाल उठाया कि शिक्षा के मंदिरों में जब बेटियां असुरक्षित होंगी, तो समाज में सुरक्षा की उम्मीद कहां से की जाए? क्या सरकार और शिक्षा विभाग केवल औपचारिक आदेश जारी करने तक ही सीमित रहेंगे?