North India’s Tallest Statue of Lord Shantinath in Ajmer: अजमेर में उत्तर भारत की सबसे ऊंची भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा: 11 साल में हुआ निर्माण कार्य
अजमेर के नाकामदार स्थित श्री जिनशासन तीर्थ क्षेत्र में भगवान शांतिनाथ की 54 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण 11 वर्षों में पूरा हुआ। इस प्रतिमा को 400 टन के पत्थर से तराश कर तैयार किया गया था।

जिसका वजन अब 250 टन है। इस तीर्थ क्षेत्र की आधारशिला 2014 में रखी गई थी। और 20 अप्रैल से 25 अप्रैल तक पंचकल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। यहां जैन समाज के 16वें तीर्थकर शांतिनाथ भगवान की उत्तर भारत की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
यहां पर संगमरमर की वेदिका में 24 तीर्थकरों की सुंदर प्रतिमाएं स्थापित हैं, साथ ही सिंह द्वार, बहुमंजिला राजा श्रेयांस आहारशाला, आर्यिका वस्ति, और सत शाला का भी निर्माण किया गया है। तीर्थ क्षेत्र पर भगवान शांतिनाथ, चन्द्रप्रभ, और पार्श्वनाथ की स्फटिक मणी से निर्मित प्रतिमाएं विराजमान हैं। साथ ही क्षेत्र पर सिंह द्वार, बहुमंजिला राजा श्रेयांस आहारशाला व आर्यिका वस्ति, सत शाला का निर्माण भी किया गया है। क्षेत्र वर्तमान में लाल मंदिर के नाम से विख्यात है और यहां पर तीर्थकरों की स्फटिक मणी से निर्मित प्रतिमा विराजमान है।
2014 में रखी गई थी आधारशिला, 11 साल से चल रहा है निर्माण कार्य
मंत्री विनित जैन ने बताया कि अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित अजमेर में आचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ का वर्ष 2014 में वर्षायोग के लिए आगमन हुआ। उनके आशीर्वाद और प्रेरणा से जैसवाल जैन समाज के भामाशाह डिलवारी परिवार द्वारा 1993 में 7 बीघा (14,000 गज) भूमि दान दी गई, जहां 29 सितंबर 2014 को पवित्र श्री जिन शासन तीर्थ क्षेत्र की आधारशिला रखी गई।
निर्माण कार्य पिछले 11 वर्षों से जारी है। और इस दौरान बहुमंजिला राजा श्रेयांस आहारशाला, आर्यिका वस्ति और सत शाला का निर्माण पूरा हो चुका है। साथ ही चौबीसी सहित अन्य निर्माण कार्य भी जल्द ही समाप्त होंगे। अन्य योजनाओं में मानस्तम्भ, वातानुकूलित यात्री निवास, और समारोह स्थल की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
बिजोलिया से लाए गए पत्थर से बनी प्रतिमा
इस तीर्थ क्षेत्र में भगवान शांतिनाथ स्वामी की 54 फुट ऊंची खडगासन प्रतिमा बनाई गई है। इसके निर्माण के लिए 11 जुलाई 2018 को एक 80 फुट लंबा पत्थर बिजोलिया से लाया गया, जिसका वजन पहले 400 टन था। जो अब 250 टन रह गया है।
समुद्री पत्थर से बना सिंह द्वार
मंदिर का सिंह द्वार पोरबंदर के समुद्री पत्थर से निर्मित किया गया है। यहां बने लाल मंदिर में भगवान शांतिनाथ, चन्द्रप्रभ, और पार्श्वनाथ स्वामी की स्फटिक मणी से बनी सुंदर और अतिशयकारी प्रतिमाएं स्थापित हैं। प्रतिदिन यहां श्रावक श्रेष्ठी जिनाभिषेक और शांतिधारा करते हैं।