बिहार में साइबर फ्रॉड की 1.34 लाख शिकायतें, 106.30 करोड़ राशि होल्ड और गिरफ्तारी
बिहार में 2025 तक 1.34 लाख साइबर फ्रॉड शिकायतें दर्ज हुईं। 106.30 करोड़ रुपए संदिग्ध खातों में होल्ड किए गए। 7.36 करोड़ पीड़ितों को रिफंड किया गया, 1000 अपराधियों की गिरफ्तारी और 171 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। साइबर स्लेवरी पीड़ितों को भी सुरक्षित लाया गया।
बिहार में साइबर फ्रॉड और साइबर स्लेवरी रोकथाम 2025: पूरी रिपोर्ट
बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने नवंबर 2025 तक साइबर अपराध और साइबर फ्रॉड से जुड़े आंकड़े जारी किए। इस वर्ष साइबर फ्रॉड के मामलों में बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की गईं और महत्वपूर्ण कार्रवाइयां की गईं।
1.34 लाख से अधिक साइबर फ्रॉड शिकायतें
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NCRP (National Cyber Reporting Portal) पर इस वर्ष 1.10 लाख ऑनलाइन वित्तीय ठगी (Online Financial Fraud) की शिकायतें दर्ज हुईं।
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सोशल मीडिया और अन्य साइबर अपराधों से संबंधित कुल 24,100 शिकायतें प्राप्त हुईं।
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राज्य के सभी साइबर थानों में 5624 मामले दर्ज हुए।
संदिग्ध राशि होल्ड और पीड़ितों को रिफंड
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106.30 करोड़ रुपए को संदिग्ध खातों में होल्ड कराया गया, जो कुल राशि का 21.74 प्रतिशत है।
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इस वर्ष 7.36 करोड़ रुपए की राशि पीड़ितों को रिफंड की गई।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग से साइबर स्लेवरी पीड़ितों का बचाव
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मार्च 2025 में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से 13 पीड़ितों को दक्षिण एशियाई देशों से सुरक्षित लाया गया।
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नवंबर 2025 में अतिरिक्त 16 पीड़ितों को भी सुरक्षित वापस लाया गया।
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इस पहल से साइबर स्लेवरी पीड़ितों को सुरक्षित घर लौटने में मदद मिली।
साइबर स्लेवरी डेस्क और POE सत्यापन
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अपराध समन्वय केंद्र (14C), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में ‘साइबर स्लेवरी डेस्क’ का गठन।
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POE (Protectors of Emigration) के माध्यम से विदेश भेजने वाले एजेंट्स का नियमित जांच सत्यापन किया गया।
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
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राज्य के सभी जिलों के 46 पुलिस उपाधीक्षकों सहित कुल 440 पदाधिकारियों को साइबर मामलों में अनुसंधान प्रशिक्षण दिया गया।
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15 पुलिस अधिकारियों को साइबर कमांडो ट्रेनिंग के लिए चयनित किया गया।
साइबर इंटेलिजेंस और टेक डाउन कार्रवाई
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साइबर इंटेलिजेंस टीम ने इस वर्ष 9252 मोबाइल नंबर और 3840 IMEIs को ब्लॉक किया।
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356 आपत्तिजनक सोशल मीडिया URLs/User IDs टेकडाउन किए गए।
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सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के संदर्भ में कुल 108 प्राथमिकी दर्ज की गई।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
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15 दिसंबर 2025 तक कुल 171 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
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कुल 1000 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी राज्य के विभिन्न थानों में की गई।
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गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई से साइबर अपराधियों पर सख्ती दिखाई गई।
निष्कर्ष
2025 बिहार में साइबर फ्रॉड और साइबर स्लेवरी रोकथाम में मील का पत्थर साबित हुआ। अंतरराष्ट्रीय सहयोग, साइबर इंटेलिजेंस कार्रवाई, पुलिस प्रशिक्षण, टेकडाउन गतिविधियों और गिरफ्तारियों से राज्य सुरक्षित हुआ।
साइबर स्लेवरी पीड़ितों का सुरक्षित घर लौटना और बड़ी राशि की सुरक्षा इस सफलता का प्रमुख प्रमाण है।

