जनता-कार्यक्षमता समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता, भाजपा की त्रि-दिवसीय कार्यकर्ता सुनवाई में राठौड़ के बड़े बयान
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भाजपा प्रदेश कार्यालय जयपुर में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और मंत्रिमंडल सदस्यों द्वारा कार्यकर्ता सुनवाई आयोजित की गई। समस्याओं के त्वरित समाधान, स्थानांतरण मुद्दों, विकास कार्यों और आगामी सुनवाई कार्यक्रमों पर महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं। पार्टी ने सुनवाई को कार्यकर्ताओं के लिए विशेष मंच बताया।
भाजपा का मूल दायित्व: जनता और कार्यकर्ताओं की समस्याओं का प्राथमिक समाधान – कर्नल राठौड़

जयपुर : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय जयपुर में मंगलवार को उद्योग एवं वाणिज्य तथा खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी की उपस्थिति में कार्यकर्ता सुनवाई का आयोजन किया गया। सुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कर्नल राठौड़ ने स्पष्ट कहा कि भाजपा का मूल दायित्व जनता और कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखना है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार अब सप्ताह में तीन दिन नियमित रूप से मंत्रियों और पदाधिकारियों द्वारा कार्यकर्ता सुनवाई आयोजित की जाएगी, जिससे पार्टी और सरकार के बीच सुचारु संवाद बना रहे।
‘कांग्रेसी दिल्ली ढोक लगाने जाते, हम सरकार के पास’ – राठौड़ का विपक्ष पर प्रहार
कर्नल राठौड़ ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय राज्य और केंद्र के बीच समन्वय का अभाव था, जिससे विकास कार्य बाधित रहते थे।
उन्होंने कहा—
“कांग्रेसी दिल्ली एक परिवार के ढोक लगाने जाते हैं, हम दिल्ली देश की सरकार के पास जाते हैं।”
राठौड़ ने कहा कि वर्तमान डबल इंजन सरकार के कारण केंद्र से निरंतर सहयोग मिल रहा है और उसकी योजनाओं का लाभ राज्य में तेजी से धरातल तक पहुँच रहा है।
सुनवाई में पहुंचे 90 परिवाद, कई समस्याएँ मौके पर ही निपटाईं

सुनवाई के दौरान लगभग 90 कार्यकर्ता परिवाद लेकर पहुंचे, जिनमें बिजली–पानी, राजस्व, स्थानांतरण, विभागीय कार्यों और प्रशासनिक असुविधाओं से संबंधित शिकायतें प्रमुख रहीं।
कई मामलों पर संबंधित अधिकारियों से सीधे दूरभाष पर बातचीत कर त्वरित समाधान कराया गया। अन्य मामलों को विभागीय प्रक्रियाओं के तहत आगे बढ़ाया गया।
कर्नल राठौड़ ने कहा कि इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं की समस्याओं को तेज गति से सही अधिकारियों तक पहुँचाना है, जिससे समाधान शीघ्र संभव हो।
स्थानांतरण पर राठौड़ का बयान: प्रक्रिया शुरू होने पर होगी प्राथमिकता से सुनवाई
स्थानांतरण संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि जब स्थानांतरण प्रक्रिया आरंभ की जाएगी, तब प्राप्त प्रस्तावों और अनुशंसाओं की सूची पर विस्तार से विचार किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि—
“परिस्थिति के अनुरूप यदि कानून से हटकर किसी प्रकरण में निर्णय आवश्यक होगा, तो मामला मुख्यमंत्री तक भेजा जाएगा।”
निवेश के लिए तेजी से आकर्षक बन रहा राजस्थान: राठौड़
कर्नल राठौड़ ने बताया कि राजस्थान निवेश की दृष्टि से उत्तर भारत का सबसे शांत, सुरक्षित और संभावनाओं से भरा प्रदेश बनकर उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि ‘राइजिंग राजस्थान’ और ‘सिंगल विंडो क्लीरेंस’ सिस्टम के माध्यम से निवेश को प्राथमिकता देकर रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
इस दौरान प्रवासी राजस्थान दिवस पर उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों के अनुभव, संसाधन और CSR निवेश को राज्य के विकास मॉडल से जोड़ने को लेकर अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।
कार्यकर्ता सुनवाई: कार्यकर्ताओं के लिए विशेष, जनसुनवाई अलग व्यवस्था – भूपेंद्र सैनी

कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश महामंत्री भूपेंद्र सैनी और प्रदेश मंत्री नारायण मीणा भी उपस्थित रहे।
भूपेंद्र सैनी ने कहा कि—
“यह कार्यकर्ता सुनवाई है, न कि जनसुनवाई। जनसुनवाई पूर्वानुसार मंत्री अपने निवास या सचिवालय में करते रहेंगे।”
उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता अपनी समस्या को पार्टी कार्यालय लाने से पहले संबंधित मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष या जिला पदाधिकारी से अनुशंसा करवाकर लाएँ, जिससे उनकी बात स्पष्ट रूप से दर्ज हो सके।
3 दिसंबर को चिकित्सा मंत्री खींवसर और मंत्री मंजू बाघमार करेंगी सुनवाई
भूपेंद्र सैनी ने बताया कि 3 दिसंबर (बुधवार) को अगली कार्यकर्ता सुनवाई आयोजित होगी, जिसमें—
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर,
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महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री मंजू बाघमार,
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पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री,
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भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष छगन माहुर,
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प्रदेश महामंत्री मिथिलेश गौतम
उपस्थित रहेंगे और संबंधित विभागों से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाएगा।
भाजपा ने कहा — कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़, सुनवाई को बनाया गया मजबूत मंच
पार्टी का कहना है कि यह सुनवाई न केवल समस्याओं के समाधान का माध्यम है, बल्कि कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने का भी साधन है।
नियमित सुनवाई से पार्टी संरचनात्मक रूप से मजबूत होगी और कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों की समस्याएँ सीधे मंत्रियों तक पहुंचा सकेंगे, जिससे शासन-प्रशासन के बीच समन्वय और प्रभावी हो सकेगा।
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