श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन 2025 का जयपुर गुप्त वृंदावन धाम में हुआ भव्य वैश्विक शुभारम्भ समारोह

जयपुर के गुप्त वृंदावन धाम में श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। विश्वभर में श्रीमद्भगवद्गीता, श्रीमद्भागवतम और वैदिक साहित्य के वितरण का दो माह का यह अभियान गीता जयंती से प्रेरित है। भक्तों को पुस्तक वितरण के लिए सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
वैश्विक अभियान ‘श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन 2025’ का गुप्त वृन्दावन धाम में भव्य शुभारम्भ
जयपुर के गुप्त वृन्दावन धाम में वैदिक साहित्य के वैश्विक प्रसार के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ‘श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन 2025’ का भव्य शुभारम्भ किया गया। दो महीने तक चलने वाला यह विश्वव्यापी अभियान आध्यात्मिक साहित्य को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अभियान की शुरुआत 23 नवंबर से, भक्त करेंगे वैश्विक स्तर पर ग्रंथ वितरण :
अभियान का उद्घाटन 23 नवंबर को किया गया। इसके अंतर्गत गुप्त वृन्दावन धाम सहित ISKCON के विभिन्न केंद्रों से जुड़े भक्त विश्वभर में जाकर वैदिक पुस्तकों का वितरण करेंगे। इनमें प्रमुख रूप से श्रीमद्भगवद्गीता, श्रीमद्भागवतम, चैतन्य चरितामृत एवं अन्य वैदिक साहित्य शामिल हैं।
इस अभियान का उद्देश्य आध्यात्मिक ज्ञान, नैतिक मूल्यों और जीवन के सिद्धांतों को व्यापक पैमाने पर समाज तक पहुँचाना है, जैसा कि श्रील प्रभुपाद ने सदैव प्रेरित किया।
गीता जयंती से मिली प्रेरणा, 1 दिसंबर को होगा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव :
श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन की अवधि दो माह तय की गई है, जिसकी प्रेरणा गीता जयंती से ली गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र में श्रीमद्भगवद्गीता का दिव्य उपदेश दिया था।
1 दिसंबर को गुप्त वृन्दावन धाम में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश से भक्तगण और आध्यात्मिक विद्वान शामिल होंगे। महोत्सव में गीता के श्लोकों का सामूहिक पाठ, आध्यात्मिक प्रवचन, कीर्तन, तथा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ प्रमुख आकर्षण रहेंगी।
अधिक से अधिक लोगों तक गीता का संदेश पहुँचाने की प्रेरणा :
इस अभियान के माध्यम से भक्तों का प्रयास रहेगा कि विश्वभर के लोगों तक भगवान कृष्ण के उपदेश और वैदिक ज्ञान पहुँच सके। श्रील प्रभुपाद का मानना था कि गीता का संदेश मानव जीवन को सकारात्मक दिशा देता है और व्यक्ति को धर्म, कर्म, कर्तव्य और अध्यात्म के वास्तविक स्वरूप से जोड़ता है।
अभियान में शामिल भक्त न केवल पुस्तक वितरण करेंगे, बल्कि विभिन्न शहरों एवं समुदायों में जागरुकता कार्यक्रम, आध्यात्मिक वर्कशॉप और प्रवचन भी आयोजित करेंगे।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले भक्तों को मिलेंगे पुरस्कार एवं सम्मान :
बुक मैराथन 2025 के अंतर्गत वैदिक पुस्तकों का अधिकतम वितरण करने वाले भक्तों को पुरस्कार, ट्रॉफी, सम्मान पत्र आदि प्रदान किए जाएंगे। यह पुरस्कार उन भक्तों के आध्यात्मिक उत्साह, सेवा भावना और वैश्विक मिशन में योगदान को सम्मानित करने हेतु दिए जाते हैं।
अभियान के परिणाम 15 फरवरी 2026 को घोषित किए जाएंगे। इस दिन एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भक्तों के प्रयासों की सराहना की जाएगी।
“एक पुस्तक बदल सकती है जीवन”—विश्व गुरु श्रील प्रभुपाद
अभियान का मूल संदेश श्रील प्रभुपाद के उस प्रेरक विचार पर आधारित है, जिसमें वे कहते हैं—
“एक पुस्तक किसी का संपूर्ण जीवन बदल सकती है। जिसने मेरी एक भी किताब वितरित की, उसने मेरे हृदय को प्रसन्न कर दिया।”
उनकी यह प्रेरणा आज भी लाखों भक्तों को वैदिक ज्ञान के प्रसार हेतु उत्साहित करती है।
आध्यात्मिक जागरण का वैश्विक अभियान :
श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन है, जो लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, मानसिक शांति और अध्यात्म की समझ बढ़ाने का प्रयास करता है। जयपुर का गुप्त वृन्दावन धाम इस ऐतिहासिक आयोजन का केंद्र बनने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
निष्कर्ष :
श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन 2025 केवल एक अभियान नहीं, बल्कि वैदिक ज्ञान की वैश्विक यात्रा है। गीता जयंती की प्रेरणा से आरंभ हुआ यह प्रयास करोड़ों लोगों तक गीता और अन्य वैदिक साहित्य का संदेश पहुँचाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
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