विधायक गोपाल शर्मा ने अमरापुर सेतु नामकरण और स्वामी टेऊँराम महाराज की वाणी पर दिया जोर

सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने अमरापुर दरबार में संत मोनू साईं से आशीर्वाद लिया और “अमरापुर सेतु” नामकरण समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने स्वामी टेऊँराम महाराज की आध्यात्मिक वाणी को स्नातक पाठ्यक्रमों में शामिल करने की मांग भी उठाई।
विधायक गोपाल शर्मा ने अमरापुर दरबार में संतों से आशीर्वाद लेकर “अमरापुर सेतु” नामकरण समारोह की तैयारियों को दी गति :

सिविल लाइंस क्षेत्र के विधायक गोपाल शर्मा ने मंगलवार को अमरापुर दरबार में संत मोनू साईं और अन्य संतों से आशीर्वाद प्राप्त करते हुए आगामी “अमरापुर सेतु” नामकरण समारोह की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उनका यह दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमरापुर दरबार, स्वामी टेऊँराम महाराज की आध्यात्मिक परंपरा से जुड़े हजारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, जहाँ राजनीतिक और सामाजिक व्यक्तित्व समय-समय पर दर्शन करने आते रहे हैं।
रेलवे स्टेशन से सिंधी कैम्प को जोड़ने वाली पुलिया के नामकरण को मिली मंजूरी :
उल्लेखनीय है कि जयपुर रेलवे स्टेशन से सिंधी कैम्प बस स्टैंड तक जाने वाले मार्ग पर स्थित पुलिया का नाम “अमरापुर सेतु” किए जाने को हाल ही में औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है। यह मंजूरी लंबे समय से समाज की मांग थी, जिसे विधायक गोपाल शर्मा ने लगातार प्रयासों के बाद पूर्ण करवाया। स्वीकृति आदेश जारी होने के बाद अमरापुर दरबार में इस निर्णय को लेकर विशेष उत्साह का वातावरण बना हुआ है।
स्थानीय लोगों ने इस बात पर खुशी जताई कि पुलिया को अब एक धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से जोड़ा जाएगा। अमरापुर दरबार के प्रतिनिधियों के अनुसार, नामकरण न केवल आध्यात्मिक स्थल की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करेगा।
नामकरण समारोह की तैयारियों की समीक्षा :
संत मोनू साईं से भेंटवार्ता के दौरान विधायक गोपाल शर्मा ने समारोह की तैयारियों का आकलन किया। दरबार के महंतों और प्रबंध समिति ने उन्हें बताया कि कार्यक्रम की सभी मुख्य व्यवस्थाएँ अंतिम चरण में हैं। समस्त समुदाय, श्रद्धालु और सामाजिक संगठन इस आयोजन को भव्य रूप देने में जुटे हुए हैं।
विधायक ने समाज के सभी वर्गों और आसपास के क्षेत्रों के लोगों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेकर अमरापुर दरबार की परंपरा और प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई दें। समिति द्वारा बताया गया कि नामकरण समारोह में बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति की संभावना है, इसलिए सुरक्षा, यातायात, पार्किंग, और मंच व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
स्वामी टेऊँराम महाराज की आध्यात्मिक परंपरा का उल्लेख :
अमरापुर दरबार की धार्मिक विरासत स्वामी टेऊँराम महाराज की शिक्षाओं और सामाजिक सेवा की परंपरा पर आधारित है। विधायक गोपाल शर्मा ने इस अवसर पर महाराज के जीवन दर्शन और समाज उपयोगी विचारों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि स्वामी टेऊँराम महाराज की वाणी युवाओं को नैतिकता, चरित्र निर्माण, सेवा और संस्कृति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज के युवाओं में आध्यात्मिकता और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़े ऐसे महान संतों का जीवनचरित्र युवा पीढ़ी के लिए दिशासूचक है।
आध्यात्मिक वाणी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग :
इस दौरे का सबसे महत्वपूर्ण भाग वह घोषणा रही, जिसमें विधायक गोपाल शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत राजस्थान के स्नातक स्तर की हिंदी पाठ्यपुस्तकों में श्री 1008 सद्गुरु स्वामी टेऊँराम महाराज के जीवन-चरित्र और उनकी आध्यात्मिक वाणी को शामिल करने की मांग रखी।
उन्होंने बताया कि वे शीघ्र ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस विषय पर औपचारिक निवेदन करेंगे। विधायक का मानना है कि पाठ्यक्रम में संत वाणी का समावेश युवाओं में नैतिक मूल्यों की वृद्धि करेगा और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
समाज के लोगों ने इस प्रस्ताव का जोरदार समर्थन किया। उनका कहना है कि जब पाठ्यक्रम में महान संतों का योगदान शामिल होगा, तो विद्यार्थियों को न केवल ज्ञान मिलेगा बल्कि उन्हें प्रेरणा भी प्राप्त होगी।
समाज का बड़ा समर्थन मिला :
अमरापुर दरबार से जुड़े वरिष्ठ सदस्यों, श्रद्धालुओं और स्थानीय समुदाय ने विधायक की इस पहल की सराहना की। उनका कहना है कि इससे आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं में भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान जागृत होगा।
विधायक ने इस विषय पर कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम न होकर चरित्र निर्माण और समाज सेवा का आधार होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाठ्यक्रम में संत टेऊँराम महाराज जैसे आध्यात्मिक मार्गदर्शकों को शामिल करके शिक्षा को अधिक समावेशी और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना आवश्यक है।
अमरापुर दरबार में उत्साह का माहौल :
पूरे दरबार परिसर में विधायक के आगमन के बाद से उत्साह का वातावरण रहा। संत मोनू साईं और दरबार प्रबंधन ने विधायक को आशीर्वाद देते हुए कहा कि “अमरापुर सेतु” का नामकरण धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से एक बड़ा कदम साबित होगा।
श्रद्धालुओं ने इस निर्णय को क्षेत्र के आध्यात्मिक गौरव का सम्मान बताया। दरबार समिति के सदस्यों ने कहा कि यह नाम भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को भी अमरापुर की आध्यात्मिक विरासत की याद दिलाता रहेगा।
युवाओं को दिया संदेश :
विधायक गोपाल शर्मा ने अंत में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी टेऊँराम महाराज के विचार और उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे समाजसेवा, संस्कृति संरक्षण, आध्यात्मिकता और चरित्र निर्माण को जीवन का हिस्सा बनाएं।
उन्होंने कहा कि जब समाज और सरकार मिलकर संस्कृति और मूल्यों को बढ़ावा देंगे, तभी एक मजबूत और संवेदनशील राष्ट्र का निर्माण होगा।

