हाड़ौती पर्यटन को नई पहचान देने के लिए कोटा हाड़ौती ट्रैवल मार्ट 2026 हेतु एमओयू हस्ताक्षर

कोटा हाड़ौती ट्रैवल मार्ट 2026 के लिए एमओयू हस्ताक्षर, हाड़ौती पर्यटन, विरासत, संस्कृति और एडवेंचर संभावनाओं को बढ़ावा देने का बड़ा कदम।
कोटा हाड़ौती ट्रैवल मार्ट के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर, प्री-समिट में उद्योग जगत एक मंच पर
हाड़ौती पर्यटन को नई दिशा देने की बड़ी पहल :
हाड़ौती क्षेत्र के पर्यटन विकास को गति देने के उद्देश्य से होटल फेडरेशन ऑफ राजस्थान (एचएफआर) कोटा डिविजन द्वारा आयोजित पहले कोटा हाड़ौती ट्रैवल मार्ट के लिए एमओयू हस्ताक्षर एवं प्री-समिट कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को आरटीडीसी होटल गणगौर, जयपुर में हुआ।
इस कार्यक्रम में पर्यटन, हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर के प्रमुख प्रतिनिधियों, संघ पदाधिकारियों और उद्योग जगत से जुड़े हितधारकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिसने हाड़ौती के पर्यटन भविष्य को लेकर उत्साह और विश्वास को मजबूत किया।
एमओयू पर हस्ताक्षर पर्यटन आयुक्त रूकमणी रियाड़ और एचएफआर अध्यक्ष हुसैन खान द्वारा किए गए। यह एमओयू हाड़ौती को एक प्रमुख पर्यटन सर्किट के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ और प्रस्तुति :
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।
इसके बाद एचएफआर कोटा डिविजन की ओर से हाड़ौती ट्रैवल मार्ट 2026 की विस्तृत रूपरेखा, प्रस्तावित आयोजन की मुख्य विशेषताएँ, संभावित प्रदर्शन क्षेत्र तथा हाड़ौती के पर्यटन संसाधनों पर आकर्षक प्रेजेंटेशन दिया गया।
ट्रैवल मार्ट का आयोजन 2 से 4 जनवरी 2026 तक किया जाएगा, जिसमें कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों की –
-
ऐतिहासिक विरासत
-
प्राकृतिक सुंदरता
-
स्थापत्य कला
-
जल विरासत
-
कला–संस्कृति
-
और साहसिक पर्यटन
जैसी विशेषताओं को केंद्र में रखा जाएगा।
पर्यटन आयुक्त रूकमणी रियाड़: हाड़ौती में असीम संभावनाएँ

पर्यटन आयुक्त रूकमणी रियाड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि:
-
राजस्थान सरकार पहली बार कोटा हाड़ौती ट्रैवल मार्ट-2026 का आयोजन कर रही है, जो प्रदेश के पर्यटन विस्तार में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
-
हाड़ौती में पर्यटन की अपार एवं अनछुई संभावनाएँ मौजूद हैं, जिन्हें व्यवस्थित प्रयासों के माध्यम से विश्व स्तर पर स्थापित किया जा सकता है।
-
हाड़ौती की अपनी अलग पहचान है, और यह ट्रैवल मार्ट इसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर उभरता हुआ प्रमुख स्थल बनाएगा।
उन्होंने कहा कि कोटा संभाग अत्यंत खूबसूरत है और यहां की प्राकृतिक व ऐतिहासिक सुंदरता से देश-दुनिया परिचित हो, इस दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
अनछुए स्थलों को मिलेगा बड़ा मंच :
पर्यटन आयुक्त ने यह भी कहा कि:
“ऐसे आयोजनों से उन अनछुए और कम-ज्ञात स्थानों को भी जगह मिलेगी, जो अभी तक मुख्यधारा के पर्यटन मानचित्र से गायब हैं। यह हाड़ौती की संपूर्ण क्षमता को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सर्वोत्तम अवसर है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यटन विभाग की रणनीति के तहत भविष्य में उदयपुर और जोधपुर में भी इसी मॉडल पर विशेष ट्रैवल मार्ट आयोजित किए जाएंगे, ताकि राजस्थान को “वर्ष-भर पर्यटन स्थल” के रूप में स्थापित किया जा सके।
उद्योग जगत और संगठनों की मजबूत भागीदारी :
प्री-समिट में पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे—
-
हुसैन खान – अध्यक्ष, एचएफआर
-
अशोक महेश्वरी – अध्यक्ष, एचएफआर कोटा डिविजन
-
सुरेंद्र सिंह शाहपुरा
-
वीरेंद्र सिंह (एफएचटीआर)
-
महेंद्र सिंह (राटो)
-
हेम सिंह (एडीटीओआई)
-
गज सिंह अलीसर (आईएचएचए)
इसके साथ ही विभिन्न उद्योग संगठनों, फेडरेशनों और पर्यटन हितधारकों की सहभागिता ने हाड़ौती पर्यटन के भविष्य को लेकर सकारात्मक और आशावादी माहौल बनाया।
हाड़ौती: विविध पर्यटन संभावनाओं से भरपूर :
सभी वक्ताओं ने हाड़ौती में उपलब्ध समृद्ध पर्यटन संसाधनों पर जोर दिया, जिनमें—
-
नदी–झरने और जल पर्यटन
-
बौद्ध–जैन–शैव धार्मिक विरासत
-
गढ़, किले और स्थापत्य धरोहर
-
एडवेंचर टूरिज्म के अवसर
-
ईको-टूरिज्म एवं ग्रामीण पर्यटन
शामिल हैं।
इन संसाधनों के आधार पर हाड़ौती को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख और आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
पर्यटन विभाग का व्यापक समर्थन :
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें—
-
अतिरिक्त निदेशक आनंद त्रिपाठी
-
संयुक्त निदेशक दलीप सिंह राठौड़
-
उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत
तथा अन्य विभागीय कर्मचारी शामिल थे।
यह व्यापक उपस्थिति इस बात का संकेत थी कि विभागीय स्तर पर भी हाड़ौती के विकास को लेकर गंभीर और ठोस प्रयास जारी हैं।
Read More : जोराराम कुमावत ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना की विशेष ट्रेन को रवाना किया

