भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई में 1 अरब टन का रिकॉर्ड पार कर लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में नई उपलब्धि दर्ज की

भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 25-26 में 1 अरब टन माल ढुलाई पार कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट और कंटेनर लदान में वृद्धि से रेलवे की दैनिक माल ढुलाई 4.4 मिलियन टन तक पहुँची। यह प्रदर्शन देश की अर्थव्यवस्था और हरित लॉजिस्टिक्स को मजबूत करता है।
भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 25-26 में माल ढुलाई का 1 अरब टन आंकड़ा पार किया :
भारतीय रेलवे ने देश की आर्थिक मजबूती को फिर से सिद्ध करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 19 नवंबर तक रेलवे का कुल माल लदान 1020 मिलियन टन (1.02 बिलियन टन) पहुँच गया, जो भारतीय रेलवे के बढ़ते नेटवर्क, बेहतर परिचालन क्षमता और उद्योगों की बढ़ती मांग का स्पष्ट संकेत है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय रेलवे के लिए बल्कि देश की संपूर्ण आर्थिक संरचना के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
माल ढुलाई में तीव्र वृद्धि: पिछले वर्ष से बेहतर प्रदर्शन

दैनिक माल ढुलाई का स्तर 4.4 मिलियन टन तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष के 4.2 मिलियन टन के मुकाबले काफी अधिक है। यह अंतर दर्शाता है कि रेलवे ने अपनी परिचालन दक्षता में सुधार किया है और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन अब अधिक संगठित, तेज़ और विश्वसनीय हो चुका है।
अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच रेलवे का कुल लदान 935.1 MT रहा, जबकि पिछले वर्ष यही आंकड़ा 906.9 MT था। यह साल-दर-साल वृद्धि उद्योगों से लगातार बढ़ती मांग और रेलवे की दक्षता का साफ प्रमाण है।
कौन से सेक्टर बना रहे हैं रेल माल ढुलाई की रीढ़?

भारतीय रेलवे की प्रगति में कई सेक्टरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनमें प्रमुख हैं:
1. कोयला – 505 मिलियन टन
भारत में ऊर्जा उत्पादन का बड़ा हिस्सा कोयले पर आधारित है और इसी कारण कोयला रेलवे के लिए सबसे बड़ा कार्गो बना हुआ है।
2. लौह अयस्क – 115 मिलियन टन
स्टील उद्योग की बढ़ती मांग से लौह अयस्क का परिवहन लगातार बढ़ रहा है।
3. सीमेंट – 92 मिलियन टन
बुनियादी ढांचा निर्माण और रियल एस्टेट क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी से सीमेंट परिवहन में मजबूती आई है।
4. कंटेनर यातायात – 59 मिलियन टन
निर्यात-आयात गतिविधियों और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स के विकास से कंटेनर ट्रैफिक बढ़ा है।
अन्य प्रमुख योगदान लेते हुए:
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कच्चा लोहा व तैयार इस्पात : 47 MT
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उर्वरक : 42 MT
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खनिज तेल : 32 MT
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खाद्यान्न : 30 MT
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स्टील प्लांटों के लिए कच्चा माल : 20 MT
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अन्य सामान : 74 MT
ये आँकड़े दर्शाते हैं कि भारतीय रेलवे विविध क्षेत्रों के लिए एक मजबूत, स्थिर और भरोसेमंद परिवहन साधन बन चुका है।
रेलवे का ग्रीन लॉजिस्टिक्स मॉडल: पर्यावरण के लिए बड़ा योगदान :
थोक माल की आवाजाही को रेलवे पर स्थानांतरित करने से देश को कई पर्यावरणीय लाभ मिलते हैं:
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कार्बन उत्सर्जन में कमी
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हाईवे ट्रैफिक में गिरावट
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ईंधन की बचत
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किफायती और हरित लॉजिस्टिक्स समाधान
रेलवे के माध्यम से माल ढुलाई प्रति टन कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी लाती है, जो भारत के नेट-जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सीमेंट सेक्टर के लिए रेलवे की नई सुधार नीति
भारत के बुनियादी ढांचे में सीमेंट की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने कई नई नीतियाँ लागू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
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बल्क सीमेंट टर्मिनलों के लिए पॉलिसी
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कंटेनरों में बल्क सीमेंट की ढुलाई के लिए तर्कसंगत दरें
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तेज हेंडलिंग क्षमता और कम ट्रांजिट समय
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लॉजिस्टिक लागत में कमी
इन सुधारों के बाद सीमेंट परिवहन अधिक प्रभावी, तेज़, और लागत-कुशल हो गया है, जिससे उद्योग जगत और उपभोक्ता दोनों को लाभ मिल रहा है।
MSEMs और उद्योगों के लिए किफायती परिवहन समाधान
रेलवे का बढ़ता नेटवर्क MSMEs के लिए नई संभावनाएँ लेकर आया है। अब छोटे और मध्यम उद्योग भी:
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कम लागत में बड़े पैमाने पर माल भेज सकते हैं
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लॉजिस्टिक खर्च में 20–30% तक की बचत कर सकते हैं
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पर्यावरण-हितैषी समाधान अपनाकर CSR लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं
रेल आधारित ढुलाई छोटे उद्योगों को राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच प्रदान करती है।
रेलवे की परिचालन दक्षता में सुधार ने बढ़ाया भरोसा
भारतीय रेलवे ने पिछले वर्षों में कई परिचालन सुधार किए हैं:
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फ्रेट कॉरिडोर का विस्तार
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मालगाड़ी का तेज़ टर्नअराउंड टाइम
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उन्नत ट्रैकिंग सिस्टम
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सुरक्षित और तेज़ रूटिंग
इन सभी कारणों से रेलवे अब उद्योगों के लिए सबसे विश्वसनीय माल परिवहन साधन बन रहा है।
भारतीय रेलवे: आर्थिक विकास की रीढ़
रेलवे की यह उपलब्धि केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं है—यह भारत की आर्थिक मजबूती और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के अपग्रेड को दर्शाती है। 1 अरब टन माल ढुलाई पार करना साबित करता है कि भारतीय रेलवे:
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औद्योगिक उत्पादन को गति दे रही है
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निर्माण और निर्यात उद्योगों को बूस्ट दे रही है
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देशभर में सप्लाई चेन को मजबूत कर रही है
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पर्यावरण के अनुकूल लॉजिस्टिक्स समाधान पेश कर रही है
रेलवे का यह रिकॉर्ड आने वाले समय में फ्रीट कैपेसिटी बढ़ाने, तेज लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम बनाने और भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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