सचिन पायलट का भाजपा पर हमला: लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर उठाए गंभीर सवाल

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया। टोंक में मतदाता सूची पुनरीक्षण और गहलोद पुल निरीक्षण के दौरान पायलट ने लोकतंत्र की मजबूती पर जोर दिया।
सचिन पायलट का टोंक दौरा और भाजपा पर हमला :

टोंक :
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने टोंक में भाजपा सरकार पर लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पहले इसे पूरी दुनिया में मिसाल के रूप में देखा जाता था।
श्री पायलट ने यह भी बताया कि पुराने समय में निर्वाचन आयोग दूर-दराज़ के पहाड़ों, रेगिस्तान और सरहदों तक पहुंचता था, जहां केवल एक या दो वोट भी होते थे। आयोग यह सुनिश्चित करता था कि वहां रहने वाला हर नागरिक मतदान से वंचित न रहे।
“लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब संस्थाएं मजबूत होती हैं। परंतु आज भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं में सेंधमारी करके लोकतंत्र को कमजोर कर रही है,” उन्होंने कहा।
मतदाता सूची पुनरीक्षण और बीएलए प्रशिक्षण कार्यक्रम :

श्री पायलट ने यह बातें टोंक जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में आयोजित मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए बीएलए प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई राज्यों की मतदाता सूचियों की जांच कर उनमें पाई गई त्रुटियों को उजागर किया है। उनके अनुसार, ये त्रुटियां जान-बूझकर की गई हैं, न कि अनजाने में।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप :
सचिन पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करके इसे कमजोर किया। उन्होंने विशेष रूप से बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव के बीच भाजपा सरकार ने हर महिला के बैंक खाते में 10-10 हजार रूपये जमा कराए, और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा।
“इससे स्पष्ट है कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता धीरे-धीरे खत्म हो रही है। हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना होगा और देश बदलने से पहले स्वयं को बदलना होगा,” पायलट ने कहा।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सक्रिय रहने और मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण कार्य में प्रभावी भूमिका निभाने का आह्वान किया।
टोंक के विकास परियोजनाओं का निरीक्षण :
मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के बाद, श्री पायलट ने नवनिर्मित गहलोद पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि गहलोद पुल, न्यू हॉस्पिटल समेत कई बड़े प्रोजेक्ट निर्माण के बाद तैयार हो चुके हैं।
श्री पायलट ने प्रशासन से कहा कि सरकार से आग्रह करें कि इन तैयार परियोजनाओं का शीघ्र लोकार्पण किया जाए और जनता को सुर्पुद किया जाए।
यह पहल टोंक जिले में नागरिकों की सुविधा और क्षेत्रीय विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की मजबूती पर जोर :
सचिन पायलट ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए संस्थाओं की भूमिका पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल चुनावों तक सीमित नहीं है। इसके लिए निर्वाचन आयोग, न्यायपालिका और अन्य संवैधानिक संस्थाएं स्वतंत्र और निष्पक्ष होनी चाहिए।
श्री पायलट ने यह भी स्पष्ट किया कि लोकतंत्र तभी जीवित रहेगा जब जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होगी और मतदाता सूची जैसे मूलभूत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएगी।
निष्कर्ष :
सचिन पायलट का टोंक दौरा दो मोर्चों पर महत्वपूर्ण है :
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राजनीतिक मोर्चा: भाजपा सरकार पर लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के आरोप।
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विकास मोर्चा: टोंक में नवनिर्मित गहलोद पुल और अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण।
यह दौरा यह संदेश देता है कि लोकतंत्र की सुरक्षा और विकास कार्य दोनों ही एक साथ चलना चाहिए। साथ ही यह नागरिकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय और जागरूक रहने की प्रेरणा देता है।
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