महिला अधिकारिता निदेशालय की जेण्डर संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन

जयपुर में महिला अधिकारिता निदेशालय द्वारा 11 नवम्बर 2025 को राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 के तहत जेण्डर संवेदनशीलता मॉड्यूल पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। यूनीसेफ सहयोग से विकसित मॉड्यूल पर अधिकारियों और प्रशिक्षकों को आमुखीकरण किया गया।
समाज में जेण्डर संवेदनशीलता बढ़ाने की दिशा में कार्यशाला
महिला अधिकारिता निदेशालय का उद्देश्य :

जयपुर : समाज में जेण्डर के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से महिला अधिकारिता निदेशालय ने राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 के तहत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। यह कार्यक्रम ह०च०मा०रीपा परिसर, जयपुर में आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि और प्रशिक्षण संस्थानों के प्रशिक्षक सम्मिलित हुए।
यूनीसेफ और कालीबाई भील महिला एवं बाल विकास संस्थान का सहयोग :
कार्यशाला में यूनीसेफ के तकनीकी सहयोग और कालीबाई भील महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान द्वारा विकसित जेण्डर संवेदनशीलता मॉड्यूल पर आमुखीकरण किया गया। मॉड्यूल का उद्देश्य समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और हर व्यक्ति को स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन जीने की क्षमता प्रदान करना है।
मॉड्यूल और प्रस्तुति :
कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों और यूनीसेफ राजस्थान की प्रतिनिधि श्रीमती मंजरी पंत ने राजस्थान राज्य महिला नीति 2021 में सम्मिलित जेण्डर संवेदनशील वातावरण के निर्माण के उद्देश्य और वर्तमान स्थिति पर प्रस्तुति दी।
उन्होंने पीपीटी के माध्यम से मॉड्यूल के विभिन्न अध्यायों और इसमें सम्मिलित गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी दी। यूनीसेफ की सहयोगी संस्थान ने मॉड्यूल के प्रत्येक अध्याय पर चर्चा करते हुए सुझाव और अनुभव साझा किए।
कार्यशाला का उद्देश्य :
श्रीमती नीतू राजेश्वर, आयुक्त, महिला अधिकारिता, ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समाज में लैंगिक संवेदनशीलता और जागरूकता को बढ़ावा देना है।
मॉड्यूल का लक्ष्य एक ऐसे समाज की कल्पना करना है, जहाँ किसी प्रकार का लैंगिक भेदभाव न हो और हर व्यक्ति अपनी इच्छाओं और स्वतंत्रता के साथ जीवन जी सके। यह पहल समाज को जेण्डर समानता की दिशा में आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण दिशा है।
भाग लेने वाले अधिकारी और प्रशिक्षक :
कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी, प्रशिक्षण संस्थानों के प्रशिक्षक और प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने मॉड्यूल के अध्यायों पर चर्चा की और अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला के दौरान लैंगिक समानता और संवेदनशील वातावरण के निर्माण के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी चर्चा हुई।
जेण्डर संवेदनशीलता का महत्व :
जेण्डर संवेदनशीलता केवल महिला अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग और उम्र के लिए महत्वपूर्ण है। कार्यशाला ने अधिकारियों और प्रशिक्षकों को लैंगिक भेदभाव को पहचानने, रोकने और समाज में समानता को बढ़ावा देने के तरीकों पर प्रशिक्षित किया।
यह पहल राजस्थान राज्य में समान अवसर और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में एक कदम है।
निष्कर्ष :
11 नवम्बर 2025 को आयोजित यह कार्यशाला राजस्थान में लैंगिक समानता और संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। महिला अधिकारिता निदेशालय और यूनीसेफ के सहयोग से विकसित मॉड्यूल अधिकारियों और प्रशिक्षकों के लिए मार्गदर्शन का साधन बनेगा।
इस प्रकार के प्रयास समाज में लैंगिक समानता, जागरूकता और महिलाओं के सशक्तिकरण को मजबूती प्रदान करते हैं।

