घूमर महोत्सव 2025: राजस्थान की लोक-संस्कृति और नारी-सशक्तिकरण का प्रतीक

‘घूमर महोत्सव 2025’ राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का उत्सव है। 19 नवंबर को सातों संभागीय मुख्यालयों पर होगा आयोजन। 9 से 17 नवंबर तक महिलाओं और छात्राओं के लिए सात दिवसीय कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
जयपुर | 4 नवम्बर 2025
राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित होने वाला ‘घूमर महोत्सव 2025’ इस वर्ष राज्य की लोक-संस्कृति, परंपरा और महिला सशक्तिकरण का भव्य प्रतीक बनने जा रहा है। पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियार ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ एक नृत्य प्रतियोगिता नहीं, बल्कि “राजस्थान की आत्मा” को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर है।
राज्यभर में 19 नवम्बर को होगा आयोजन

पर्यटन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘घूमर महोत्सव 2025’ का आयोजन 19 नवम्बर (बुधवार) को राज्य के सातों संभागीय मुख्यालयों — जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा और भरतपुर में एक साथ किया जाएगा।
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल घूमर नृत्य को प्रोत्साहन देना है, बल्कि स्थानीय कलाकारों, छात्राओं और महिलाओं को एक मंच प्रदान करना भी है, ताकि वे अपनी सांस्कृतिक पहचान को गर्व से प्रदर्शित कर सकें।
प्रतिभागियों के लिए दिशा-निर्देश और श्रेणियां
पर्यटन विभाग ने प्रतिभागियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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आयु सीमा: 12 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएं और बालिकाएं भाग ले सकती हैं।
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श्रेणियां:
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सामान्य वर्ग – व्यक्तिगत या समूह के रूप में भागीदारी संभव।
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प्रतियोगी वर्ग – केवल समूहों के लिए (20 से 25 प्रतिभागियों तक)।
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पंजीकरण: ऑनलाइन और निःशुल्क होगा।
प्रतिभागी राजस्थान पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जाकर पंजीकरण कर सकेंगी। प्रत्येक संभागीय मुख्यालय में हेल्प डेस्क भी बनाई गई है, जो पंजीकरण और अन्य जानकारी में सहायता करेगी।
9 से 17 नवम्बर तक सात दिवसीय कार्यशालाएं

मुख्य आयोजन से पहले प्रतिभागियों के प्रशिक्षण और तैयारी के लिए 9 से 17 नवम्बर 2025 तक राज्य के विभिन्न संभागीय मुख्यालयों पर सात दिवसीय कार्यशालाएं (वर्कशॉप्स) आयोजित की जाएंगी।
इन कार्यशालाओं में लोकनृत्य विशेषज्ञ, प्रशिक्षक और सांस्कृतिक विशेषज्ञ प्रतिभागियों को घूमर नृत्य की पारंपरिक शैली, वेशभूषा और प्रस्तुति तकनीक की जानकारी देंगे।
पर्यटन विभाग का उद्देश्य है कि महोत्सव में भाग लेने वाली हर प्रतिभागी को मंच पर आत्मविश्वास और लोकगौरव का अनुभव हो।
नारी-सशक्तिकरण और लोक-संस्कृति का संगम
पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियार ने कहा —
“घूमर महोत्सव केवल नृत्य का आयोजन नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की लोक-संस्कृति, नारी-सशक्तिकरण और जनभागीदारी का सशक्त प्रतीक बनने जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि यह पहल महिलाओं को न केवल अपनी कला दिखाने का अवसर देगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और सामुदायिक पहचान का अहसास भी कराएगी।
सामुदायिक भागीदारी और सामाजिक प्रभाव
‘घूमर महोत्सव 2025’ से समाज के हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
इस आयोजन में विद्यालयों, महाविद्यालयों, नृत्य अकादमियों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs), एनजीओ और महिला क्लबों की सक्रिय भागीदारी रहेगी।
सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से इस आयोजन को राज्यव्यापी सांस्कृतिक उत्सव का रूप दिया जा रहा है।
डिजिटल पंजीकरण और पारदर्शी प्रक्रिया
राजस्थान पर्यटन विभाग ने इस बार पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया है।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी बल्कि प्रतिभागियों को आसानी से जानकारी और अपडेट प्राप्त होंगे।
विभाग की वेबसाइट पर महोत्सव से संबंधित सभी जानकारी, नियम, मूल्यांकन मापदंड और कार्यक्रम तालिका उपलब्ध कराई जा रही है।
सांस्कृतिक गौरव और वैश्विक पहचान

राजस्थान की पहचान सदियों से उसकी लोक-संस्कृति, संगीत और नृत्य से रही है।
‘घूमर महोत्सव 2025’ इसी सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच तक पहुँचाने का एक प्रयास है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध हो और राजस्थान के लोकनृत्य को यूनेस्को की सांस्कृतिक सूची में स्थान मिले।
निष्कर्ष
‘घूमर महोत्सव 2025’ राजस्थान के लोकजीवन, नारी-सशक्तिकरण और सांस्कृतिक एकता का उत्सव बनने जा रहा है।
यह महोत्सव न केवल राजस्थान की परंपरा को सहेजेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपने मूल से जोड़ने का काम करेगा।
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