जयपुर बस हादसा : हाईटेंशन लाइन छूते ही बस में लगी आग, 2 की मौत, कई घायल
जयपुर बस हादसा में 65 सवारियों से भरी बस हाईटेंशन लाइन से टकराते ही आग का गोला बन गई। हादसे में 2 लोगों की मौत और 10 से अधिक घायल हुए। सवारियों ने ड्राइवर को रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने बस लाइन के नीचे ले जाकर बड़ा हादसा कर दिया।

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास सोमवार को हुआ एक भयानक हादसा सभी को झकझोर गया। करीब 65 सवारियों से भरी एक बस हाईटेंशन लाइन से टकराते ही आग का गोला बन गई। हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
हादसा कैसे हुआ — ड्राइवर की लापरवाही से मची चीख-पुकार :
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह जयपुर बस हादसा मनोहरपुर इलाके के टोडी गांव के पास हुआ। बस में सवार यात्री उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से राजस्थान के टोडी स्थित ईंट भट्टे पर काम करने आ रहे थे। बताया गया कि बस चालक को यात्रियों ने कई बार चेताया कि आगे हाईटेंशन लाइन है, लेकिन उसने चेतावनी अनसुनी कर दी और बस को तारों के नीचे ले गया।
बस के ऊपर से गुजरते ही हाई वोल्टेज करंट ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। कुछ ही सेकंड में बस से धुआं उठने लगा और देखते ही देखते आग फैल गई।
यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर बचाई जान :


आग लगते ही बस में अफरा-तफरी मच गई। सवारियों ने तुरंत खिड़कियां तोड़कर बाहर कूदना शुरू किया। कई लोगों ने अपने बच्चों को खिड़कियों से नीचे फेंका ताकि वे बच सकें। प्रत्यक्षदर्शी भागीरथ मल यादव ने बताया कि “बस के टायरों में सबसे पहले आग लगी थी। उसके बाद सिलेंडर फटने से तीन बड़े धमाके हुए, जिससे आग और तेज फैल गई।”
आसपास के ग्रामीणों ने तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी।
सिलेंडर, बाइक और घर का सामान भी जला :
बस में सवार यात्रियों के साथ उनके घरेलू सामान भी थे। अंदर सिलेंडर, कपड़े, बर्तन, दाल-आटा के डिब्बे और एक बाइक रखी थी — जो सब आग में जलकर राख हो गए। बस में 30 महिलाएं, 35 पुरुष और कई बच्चे सवार थे।
पीलीभीत निवासी इमरान राजा खान ने बताया, “हमने ड्राइवर को कई बार रोका लेकिन उसने बात नहीं मानी। तार छूते ही बस में करंट दौड़ गया। मैं और मेरा बेटा खिड़की से कूदे, जिससे जान बच गई।”
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई :
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत मनोहरपुर और जयपुर के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। मृतकों की पहचान की जा रही है। जयपुर ग्रामीण एसपी ने बताया कि “बस चालक की लापरवाही के चलते यह बड़ा हादसा हुआ है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।”
बस मालिक और ड्राइवर दोनों से पूछताछ की जा रही है। बस की तकनीकी जांच भी करवाई जा रही है ताकि यह पता चल सके कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया गया या नहीं।
आग बुझाने में लगी फायर ब्रिगेड की 3 गाड़ियां :

फायर अधिकारी के अनुसार, आग इतनी भीषण थी कि तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाना पड़ा। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने भी राहत कार्य में मदद की।
आग लगने के दौरान सिलेंडर फटने से धमाकों की आवाज़ दूर तक सुनाई दी। आसपास के खेतों में काम कर रहे लोगों ने भागकर बस के यात्रियों को बाहर निकालने में सहयोग किया।
हादसे से सबक — सुरक्षा मानकों की अनदेखी नहीं :
यह जयपुर बस हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा और बिजली लाइनों के नियमों का पालन कितना जरूरी है। अक्सर ग्रामीण इलाकों में हाईटेंशन लाइनों के नीचे से बड़े वाहन गुजरते हैं, जिससे ऐसे हादसे हो जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बस ऑपरेटरों को विद्युत विभाग के साथ मिलकर सुरक्षित मार्गों की पहचान करनी चाहिए।
प्रशासन ने भी कहा है कि आने वाले समय में ऐसे हादसों से बचने के लिए हाईटेंशन तारों के नीचे बसों की आवाजाही पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
निष्कर्ष :


जयपुर बस हादसा ने राज्य में सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल ड्राइवर की लापरवाही बल्कि प्रशासनिक ढिलाई को भी उजागर करती है। दो निर्दोष जानें चली गईं और कई लोग अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहे हैं। ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए राज्य सरकार और परिवहन विभाग को सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में कोई बस दोबारा “आग का गोला” न बने।
घायल अस्पताल में भर्ती, जांच जारी :



हादसे में झुलसे हुए दस घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया। बस के ड्राइवर से पूछताछ की जा रही है और लापरवाही के लिए उस पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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